होलिका दहन 13 मार्च तो फाग होगा 14 मार्च को : पं. रामकिशन महाराज
14 मार्च को फाग पर लगेगा चंद्रग्रहण, लेकिन भारत में नहीं देगा दिखाई : पं. रामकिशन महाराज
तोशाम दीपक माहेश्वरी
हर वर्ष रंगों की होली अर्थात फाग का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। रंगों के त्योहार को होली के नाम से जाना जाता है। अबकी बार होली का त्योहार 14 मार्च शुक्रवार को मनाया जाएगा। होली से एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है यानी अबकी बार 13 मार्च को होलिका दहन होगा। होलिका दहन के दिन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। यह जानकारी देते हुए प्राचीन छपारिया हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन किया जाता है, जोकि अबकी बार 13 मार्च को किया जाएगा।
होली पूजन शुभ मुहूर्त…
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि अबकी बार होली पूजन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को 10 बजकर 35 मिनट पर प्रारंभ होगा, क्योंकि इस समय से ही पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। उनका कहना था कि 13 मार्च को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजे तक राहुकाल रहेगा, इस अवधि में होली पूजन से बचना चाहिए। क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को अशुभ समय माना गया है। इसलिए होली पूजन डेढ़ बजे से पहले कर लें या फिर 3 बजे के बाद करें।
भद्राकाल के कारण देर रात्रि होगा होलिका दहन…
पंडित रामकिशन महाराज का कहना था कि अबकी बार होली वाले दिन 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से रात्रि 11 बजकर 29 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। जिससे होलिका दहन रात्रि में 11 बजकर 29 मिनट के बाद ही होगा। उनका कहना था कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 11 बजकर 30 मिनट से रात्रि 1 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। उनका कहना था कि आवश्यक स्थिति में भद्रामुख त्यागकर भद्रापुच्छ काल में भी श्रद्धालु होलीका दहन कर सकते हैं भद्रापुच्छ काल रात्रि 7 बजे से 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
13 मार्च को होलिका दहन क्यों है उत्तम…
पंडित रामकिशन महाराज के अनुसार 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक पूर्णिमा तिथि व्याप्त रहेगी। 13 मार्च को दिन रात पूर्णिमा तिथि होने के कारण होलिका दहन इस दिन ही किया जाएगा। लेकिन 13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से रात्रि 11 बजकर 29 मिनट तक भद्रा रहेगी अतः होलिका दहन भद्राकाल के पश्चात रात्रि में 11 बजकर 29 मिनट के बाद ही होगा।
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि अबकी बार होली पर चंद्रग्रहण लगेगा लेकिन राहत की बात है कि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इसका प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप व अफ्रीका के अधिकांश क्षेत्र के अलावा प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका पर पड़ेगा। क्योंकि चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार दिन में घटित होने वाला है, और दिन में चंद्रमा दिखाई ही नहीं देता है।

चंद्रग्रहण का कन्या राशि पर प्रभाव…
पंडित रामकिशन महाराज ने बताया कि 14 मार्च को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण कन्या राशि में होगा, इसलिए कन्या राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस राशि से संबद्ध जातकों के लिए ये चंद्र ग्रहण अशुभ फल देने वाला रहेगा।
उनका कहना था कि अगर चंद्र ग्रहण के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें, तो यह एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य, पृथ्वी व चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं, तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। पंडित रामकिशन महाराज ने कहा कि चंद्रग्रहण का समय भारतीय समय के अनुसार दिन में है और दिन में चंद्रमा का दिखाई देना संभव नहीं है। इसलिए यह चन्द्रग्रहण भारतवासियों के लिए नहीं के बराबर है।
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