अहमदाबाद विमान हादसे के बाद DGCA का कड़ा रुख, एयरपोर्टों के पास ऊंची इमारतों पर अब बुलडोजर चलेगा
अहमदाबाद में हाल ही में हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने हवाई अड्डों के आसपास की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु नई सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का मकसद अवैध या मानदंडों के विरुद्ध बनी ऊंची इमारतों को शीघ्र पहचान कर ध्वस्त कराना है, ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति में फ्लाइट ऑपरेशन्स बाधित न हों।
मुख्य प्रावधान:
- अधिसूचना एवं ध्वस्तीकरण: एयरपोर्ट से सटे ज़ोन में मानक ऊँचाई सीमाओं का उल्लंघन करने वाली सभी संरचनाओं को नोटिस भेजा जाएगा, जिसे अनदेखा करने पर संबंधित भवनों को ध्वस्त किया जाएगा।
- रिपोर्टिंग की समय सीमा: इमारतों के स्वामियों को नोटिस प्राप्ति के 60 दिनों के भीतर विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट जमा करनी अनिवार्य होगी। गैर-अनुपालन की स्थिति में कनिष्ठ अभियोजन कार्यवाही एवं बुलडोजर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
- DGCA का आदेश: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को उल्लंघनकारी इमारतों का गिराव या ऊँचाई घटाने का अधिकार प्राप्त होगा। इसे विमान के उतरने-जाने के मार्ग में बाधा आने से रोकने के लिए जरूरी कदम माना गया है।
- अपील की व्यवस्था: भवन मालिक उच्च स्तरीय अपीलीय प्राधिकारियों के समक्ष अपील कर सकते हैं, लेकिन अपील याचिका दायर करने के बाद भी तय समयसीमा के भीतर ही आवश्यक सुधार या गिरावट का अनुपालन करना होगा।
- सुरक्षा सशक्तिकरण: ये नियम हवाई अड्डों के आसपास अवरोधों को दूर कर आपात स्थितियों में मनोनीत सुरक्षा उपायों को तेज एवं प्रभावी बनाएंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि “उड़ानों के सुरक्षित परिचालन के लिए रनवे के आसपास की हवाई सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।” इसके साथ ही राज्य एवं स्थानीय निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे इस पहल को प्राथमिकता के साथ लागू करें तथा नियमित निरीक्षण रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय को उपलब्ध कराएं।
नए दिशा-निर्देशों को लागू करने के साथ ही प्राधिकरण ने भवन निर्माण में शामिल सभी एजेंसियों को सचेत किया है कि वे अग्रिम अनुमति प्रक्रियाओं में दोनों तकनीकी एवं नियामक मानकों का पूर्ण पालन करें, वरना उनके प्रोजेक्ट की मंजूरी रद्द करने का प्रावधान भी बनाया गया है।
इस कड़े रुख से यह संदेश स्पष्ट है कि देशभर के एयरपोर्ट क्षेत्रों में हवाई सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, निर्मित अवैध और मानदंडों के खिलाफ बने ढांचे अब अड़चन नहीं बनने पाएंगे।
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