अतिक्रमण माफिया में पहले दिन ही पैदा हुआ डर, व्हाट्सऐप पर मैसेज फैला ” साहब सड़क पर है ! “
सत्ता पक्ष के नेता अगर रुकावट ना डालें तो जल्द अतिक्रमण मुक्त होगा पंचकूला !
अतिक्रमण की कार्यवाही शुरू करने के पहले जॉइंट कमिश्नर ने निजी गाड़ी से बाजारों का किया दौरा
पंचकूला में अतिक्रमण चरम पर है । शहर की कोई ऐसी मार्केट नहीं जहां पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा न कर रखा हो । बड़े-बड़े शोरूम वाले व्यापारी अतिक्रमण कार्यों से परेशान है । इसी को देखते हुए बीते दिनों नगर निगम पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने पर निगम के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी और सख्त आदेश जारी किए थे कि जल्द से जल्द सभी मार्केट से अतिक्रमण हटा दिया जाए । शहर से अतिक्रमण हटवाने की जिम्मेदारी आई नगर निगम में हाल ही में आए जॉइंट कमिश्नर गौरव चौहान के कंधों पर ।
सबसे पहले तो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गौरव चौहान ने अपनी टीम को फील्ड में उतरने के पहले खुद हर मार्केट का व्यक्तिगत तौर पर दौरा किया । और यह दौरा भी सरकारी गाड़ी में न होकर निजी गाड़ी में किया गया । सूत्र बताते हैं कि जॉइंट कमिश्नर का मानना है कि अगर सरकारी गाड़ी से जाऊंगा तो लोगों को पता चल जाएगा इसलिए वह निजी गाड़ी से शहर की पूरी मार्केट में अतिक्रमण को देखने निकले थे कि कहां-कहां पर अतिक्रमण है और उसको कैसे हटाया जा सकता है उसके बाद उन्होंने उसकी पूरी प्लानिंग की ।




मंगलवार को अतिक्रमण की टीम के साथ जब गौरव चौहान शहर में निकले तो सबसे पहले सेक्टर 7 के चौक के आगे रेडी पड़ी वालों की चेतावनी दी गई ताकि वह वहां पर ना खड़े हो उसके बाद आक्रमण का दस्ता , सेक्टर 10 पहुंचा जहां पर कई रेस्टोरेंट मालिकों ने पार्किंग की जगह पर कब्जा करके टेबल कुर्सी लगा रखी थी । सभी की टेबल कुर्सियां जप्त कर ली गई और उनका भविष्य के लिए चेतावनी भी दी गई कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । और अगर दोबारा अतिक्रमण लगाया गया तो सामान तो जप्त होगा ही जुर्माना भी ज्यादा देना पड़ सकता है ।
शहर में अतिक्रमण की टीम के मुखिया के सख्त रुख के बारे में पता चलते ही सेक्टर की कई मार्केट में अतिक्रमण अपने आप मंगलवार की रात ऐसे गायब हो गया जैसे गधे के सर से सींग । और उनके व्हाट्सएप ग्रुप पर एक कोड वर्ड चलने लगा कि साहब सड़क पर है । अगर अतिक्रमण को लेकर भविष्य में भी इसी तरीके की कड़ाई बरकरार रही तो कहा जा सकता है कि भविष्य में पंचकूला से अतिक्रमण कुछ हद तक कम हो सकता है । पर यह तभी होगा जब किसी भी प्रकार का राजनीतिक दबाव अधिकारी पर ना डाला जाए । क्योंकि ऐसा माना जाता है ज्यादातर अतिक्रमण सत्ता पक्ष के नेताओं के संरक्षण में ही चलता है । और जब अतिक्रमण की टीम अतिक्रमण को हटाने जाती है तो अतिक्रमण हटाने के पहले सत्ता पक्ष के नेताओं का फोन टीम के पास पहुंच जाता है और टीम वापस आ जाती है और अधिकारियों से फटकार मिलती है ।





सत्ता पक्ष के नेताओं को भी इस बात को समझना होगा कि अगर कोई व्यक्ति अतिक्रमण कर रहा है तो वह शहर को ही खराब कर रहा है उसका समर्थन बिल्कुल ना करें । और अधिकारी को अपना काम ईमानदारी पूर्वक करने दे तभी शहर अतिक्रमण मुक्त हो सकेगा वरना अतिक्रमण मुक्त शहर का सपना सपना ही रहेगा । और वहीं अधिकारियों के लिए भी अतिक्रमण हटाते वक्त किसी भी प्रकार का भेदभाव ना करें ।
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