आम नागरिक के फोन अधिकारी उठाते नहीं और गुप्ता के फोन पर फाइल लेकर दौड़े चले आते !
पंचकूला के पार्कों की दुर्दशा पर भड़के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता,
PMDA को अंतिम चेतावनी – “जनता के धैर्य की परीक्षा ना लें”
दो हफ्ते में लगातार दूसरा दौरा निर्झर वाटिका का , 14 जून को होगा तीसरा निरीक्षण
तीन हफ्ते में न सुधरे हालात तो होंगे कड़े कदम, उठे अफसरों की जवाबदेही पर सवाल
सामान्य आदमी के फोन नहीं उठाते और गुप्ता के एक फोन पर सरकारी फाइल के साथ दौड़ पडते हैं अधिकारी वजह क्या ?
पंचकूला
हरियाणा के योजनाबद्ध शहरों में शुमार पंचकूला इन दिनों अपने बदहाल पार्कों की वजह से सुर्खियों में है। शहर के लगभग हर सेक्टर में पार्कों की हालत चिंताजनक है—न टूटे ट्रैक सुधरे, न लाइटें लगीं, न ही साफ-सफाई की कोई मुकम्मल व्यवस्था। इन हालात पर नाराजगी जताते हुए हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं पंचकूला के पूर्व विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने पार्क प्रबंधन और विकास की जिम्मेदार एजेंसी पीएमडीए (PMDA ) को सख्त चेतावनी दी है।
शनिवार को गुप्ता ने सेक्टर-5 स्थित निर्झर वाटिका का दौरा किया, जहां उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर 3 सप्ताह के भीतर पार्क की मरम्मत व सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की जाएगी और यह मुद्दा उच्चस्तरीय मंचों तक पहुंचाया जाएगा।






15 दिन बाद भी नहीं बदली तस्वीर, PMD ने फिर मांगा वक्त
पूर्व विधायक ने बताया कि उन्होंने दो सप्ताह पूर्व पार्क की स्थिति का निरीक्षण कर PMD अधिकारियों को आवश्यक सुधार कार्य के निर्देश दिए थे, लेकिन 15 दिन बाद भी हालात जस के तस हैं। पार्क में बेंचें टूटी हुई हैं, लाइटें खराब हैं और बुजुर्गों व बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां तक की म्यूजिक सिस्टम भी सही नहीं है ।
स्थानीय नागरिकों ने भी खुलकर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि पार्क में अंधेरा रहने से देर शाम को असामाजिक तत्वों का खतरा बढ़ गया है और बच्चों के खेलने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं हैं। लोगों ने गुप्ता के सामने अधिकारियों से पार्क में टॉयलेट के साथ-साथ मालियों के नंबर भी बोर्ड पर लगाने की मांग रखी ।
अधिकारियों की जवाबदेही पर उठा सवाल
इस पूरे घटनाक्रम में एक और सवाल खड़ा हो गया है—क्या अधिकारी आम नागरिकों की शिकायतों पर भी उतनी ही तत्परता दिखाते हैं, जितनी वे एक पूर्व विधायक के फोन पर दिखाते हैं? निरीक्षण के दौरान विभागों के अधिकारी सरकारी फाइलों सहित पार्क में पहुंचे, लेकिन सवाल यह है कि क्या कोई आम नागरिक फोन करे तो अधिकारी ऐसे ही मैदान में उतरते हैं?
राजनीतिक प्रभाव या प्रशासनिक शिष्टाचार?
ज्ञानचंद गुप्ता वर्तमान में किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, फिर भी उनके एक फोन कॉल पर अधिकारी सक्रिय हो जाते हैं। इससे आम जनता के बीच यह धारणा बन रही है कि अधिकारियों की प्राथमिकता किसी की हैसियत से तय होती है, न कि उसकी शिकायत की गंभीरता से।
सामान्य नागरिक के फोन पर भी मिले ऐसी ही वरीयता : ओपी सिहाग
इस मामले पर जननायक जनता पार्टी के पंचकूला अध्यक्ष ओपी सिहाग का कहना है कि उम्र के इस दौर में मैं गुप्ता जी की तारीफ करता हूं कि चुनाव हारने के बाद वह घर नहीं बैठे उन्हें पंचकूला की चिंता सताती रहती हो लगातार पंचकूला के लिए कम करें पर सवाल इस बात का है कि अधिकारियों को एक सामान्य नागरिक भी अगर पंचकूला के विकास की कोई आवाज उठाता है तो उसकी भी सुनवाई करनी चाहिए । जबकि सामान्य तौर पर ऐसा होता नहीं है । उन्होंने कहा कि कह सकते हैं कि सट्टा भाजपा की है और गुप्ता जी भाजपा के वरिष्ठ नेता है इस वजह से भी अधिकारी उनके एक फोन कॉल पर पहुंच जाते हैं ।

डेढ़ करोड़ की लागत से बनेंगे नए ट्रैक
निरीक्षण के दौरान गुप्ता ने यह भी घोषणा की कि जल्द ही डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से पार्क में ईपीडीएम ट्रैक का निर्माण शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका अगला दौरा 14 जून के आसपास होगा, जहां वे फिर से प्रगति की समीक्षा करेंगे।
पंचकूला में पार्कों की दुर्दशा केवल सौंदर्यीकरण का मुद्दा नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक जवाबदेही, नागरिक सुविधा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के मूल्यों से जुड़ा प्रश्न बन चुका है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या अधिकारी जनता की आवाज को भी उतनी ही गंभीरता से सुनेंगे, जितनी वे पूर्व जनप्रतिनिधियों की सुनते हैं।
निरीक्षण के दौरान कूड़े पर भी नाराज दिखाई पड़े पूर्व विधायक
ज्ञानचंद गुप्ता जिस समय पार्क का निरीक्षण कर रहे थे उसी समय अखबार के संवाददाता ललित ने उनको फोन पर पार्क के ही एक कोने में कूड़े के ढेर की वीडियो दिखाएं जिसको देखने के बाद गुप्ता ने अधिकारियों से कहा कि विशाल मेगा मार्ट की जिम्मेदारी लगाएं अगर वह सफाई नहीं करते तो उनको नोटिस दिया जाए ।

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