सुषमा ग्रुप फर्जीवाड़ा : वेंडर , परचेज़र के बाद अब कर्मचारी भी लपेटे में
सुषमा ग्रुप का फर्जीवाड़ा हुआ जग जाहिर , इन्वेस्टर और परचेजर के बाद अब ,
कर्मचारियों का टीडीएस भी नहीं जमा कर रहा सुषमा ग्रुप
ग्रुप के हेड ऑफिस में एक वेंडर ने चिपका दिए सुषमा ग्रुप फ्रॉड है के पोस्टर
रीतेश माहेश्वरी
जीरकपुर का सुषमा ग्रुप जिसके जीरकपुर में कई हाउसिंग प्रोजेक्ट चल रहे हैं , यह अलग बात है कि ना तो उनमें इन्वेस्ट करने वाले लोगों को उनका पैसा वापस मिल रहा है ना ही अपने लिए एक घर की छत तलाश करने वालों को छत मिल रही है । यानी फर्जीवाड़ा चरम पर है और अब नया और ताजा मामला कर्मचारियों के साथ फर्जीवाड़े का इस ग्रुप ने कर दिया है । कंपनी के कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर खबरी प्रशाद अखबार को टेलीफोन करके बताया कि ग्रुप ने 100 से ज्यादा कर्मचारियों का टीडीएस तो तनख्वाह से काट लिया पर उसे इनकम टैक्स विभाग को नहीं जमा कराया है । कर्मचारी कटे हुए टीडीएस को जमा करने के लिए तो परेशान है ही । अगर यह टीडीएस जल्दी जमा नहीं हुआ तो कर्मचारियों को अपना टीडीएस जो बिल्डर ने काट लिया है उसे भी अपनी जेब से जमा करना पड़ेगा । वरना इनकम टैक्स का नोटिस मिलने की पूरी पूरी संभावना बन चुकी है यानी गलती बिल्डर की भुगतेंगे कर्मचारी ।
क्या होता है टीडीएस ?
पहले आपको बता देते हैं कि आखिरकार टीडीएस होता क्या है । टीडीएस एक तरीके से किसी भी कर्मचारी की इनकम पर लगने वाला वह टैक्स है जिसे एंपलॉयर काटता है । और काटकर इनकम टैक्स विभाग को जमा करता है । जब कर्मचारी अपना इनकम टेक्स भरता है तो उसे वह टीडीएस उसकी इनकम टैक्स में तब वापस मिलता है जब एंपलॉयर ने उसका टीडीएस जमा करवा दिया हो । पर सुषमा ग्रुप के इंप्लाइज के मामले में ऐसा नहीं है सुषमा ग्रुप के इंप्लाइज के मामले में एंपलॉयर के द्वारा कर्मचारियों का टीडीएस नहीं जमा कराया गया इसी वजह से कई कर्मचारी जो की हर महीने की तनख्वाह पर ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं वह परेशान है ।
शनिवार को एक वेंडर ने किया हेड ऑफिस में हंगामा !
सुषमा ग्रुप के हेड ऑफिस जो कि चंडीगढ़ में स्थित है शनिवार 25 अक्टूबर को सुबह लगभग 11:30 के आसपास एक वेंडर ने दफ्तर में पहुंचकर जमकर हंगामा काटा । वह अपने साथ बड़े-बड़े पोस्टर भी लेकर गया था जिन पोस्टर्स पर साफ-साफ लिखा हुआ था सुषमा ग्रुप फ्रॉड है । सुषमा ग्रुप में इन्वेस्टमेंट बिल्कुल ना करें जैसे पोस्टर उसने हेड ऑफिस में चिपका दिए और काफी देर तक वहां बैठ रहा । दफ्तर से बैठकर ही उसने अखबार के दफ्तर में फोन करके पूरी दास्तान बयान की । व्यक्ति ने अपना नाम सतीश जिंदल बताया और बताया कि कंपनी ने उनका टीडीएस पिछले साल का नहीं जमा कराया है । यह जो व्यक्ति थे यह सीनियर सिटीजन व्यक्ति हैं और इन्होंने इस ग्रुप में अपना काफी पैसा इन्वेस्ट कर रखा है और सुषमा ग्रुप का वादा था कि इन्वेस्टमेंट करने पर ब्याज मिलेगा , उस ब्याज पर टीडीएस वह काटते हैं वही टीडीएस इन्होंने उनका नहीं जमा कराया है इसी बात को लेकर यह सीनियर सिटीजन शनिवार को सुषमा ग्रुप के दफ्तर में हंगामा करने पहुंचे हुए थे ।



हंगामा करने का यह पहला मामला नहीं है इसके पहले भी सुषमा ग्रुप के दफ्तरों में वेंडर कई बार हंगामा कर चुके हैं अभी दीपावली के कुछ दिन पहले ही एक और वेंडर ने इसी ग्रुप के जीरकपुर वाले दफ्तर में हंगामा का फेसबुक लाइव किया था ।
बिल्डर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से रहे बच , आखिर क्यों ?
शनिवार को हुए हंगामे के बाद अखबार की टीम के द्वारा बिल्डर की टीम को प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया गया । पर फोन करने और व्हाट्सएप पर मैसेज देने के बावजूद बिल्डर की तरफ से किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है । जब भी बिल्डर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया इस संबंध में जारी की जाएगी तो उसे भी अखबार में स्थान दिया जाएगा ।

सवाल इस बात का है कि लगातार इस तरीके के हंगामे में और तरह-तरह के आरोप के बावजूद बिल्डर ना तो वेंडर से मिल रहे हैं ना ही कर्मचारियों से आखिर इसकी वजह क्या है । कई कर्मचारियों का और वेंडर का कहना है कि बिल्डर जल्दी ही देश छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं इसी वजह से वह किसी से मिल ही नहीं रहे ना ही किसी का फोन उठाते हैं और अगर किसी व्यक्ति ने किसी दूसरे नंबर से फोन कर दिया और गलती से फोन उठा लिया गया तो आवाज सुनकर के फोन काट दिया जाता है । सुषमा ग्रुप के प्रमोटरों को सच का सामना करने के लिए सामने आना होगा वरना सुषमा ग्रुप पर जो फर्जीवाड़ा का आरोप लग रहा है , ठप्पा लग रहा है वह धीरे-धीरे और मजबूत होता जाएगा ।



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