योगिराज ; संपत्ति बेचकर चुनाव लड़ने को मजबूर माफिया ?
यूपी में माफिया राज की उल्टी गिनती जारी!
प्रेरणा ढींगरा
लोकसभा का टिकट, चुनाव लड़ने में संकट!
सरकारी मशीनरी या समय का खेल?
यूपी देश का वो जिला जिसे माफिया, गैंगस्टरों और बाहुबलियों के नाम से जाना जाता था…और इन्हीं माफियाओं की लिस्ट में शामिल था कुख्यात माफियाओं का नाम अंसारी ब्रदर्स… जिसके नाम से लोगों के पसीने छूट जाते थे.. जान हलक में अटक जाती थी… 1990 के दशक में ज़मीन के कारोबार और ठेकों की वजह से मुख्तार अंसारी राजनीति में आने से पहले ही जुर्म की दुनिया में नाम कमा चुका था… हत्या, लूट, मारपीट, फिरौती, रंगदारी अपहरण जैसे संगीन अपराध मुख्तार ब्रदर्स के लिए आम बात थी..
इसी रसूख के जरिए मुख्तार ने राजनीति में अपना कदम रखा… मुख्तार 1996 में BSP की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और जीता, 2002, 2007, 2012 और 2017 में मऊ से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की, आखिरी तीन चुनाव अलग-अलग जेलों में रहते हुए लड़े…. 2010 में BSP सुप्रीमो ने मुख्तार अंसारी को पार्टी से निकाल दिया था… BSP से निकाले जाने पर मुख्तार ने कौमी एकता दल के नाम से नई पार्टी बनाई… 2017 में कौमी एकता दल का BSP में विलय हो गया. वाराणसी सीट से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार हार का सामना किया…
इसके बाद मुख्तार ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया.. और अपने डर के साम्राज्य को बढ़ाने में लगा रहा.. उसे लग रहा था कि इसके जरिए वो लगातार अपनी ताकत में इजाफा करता रहेगा.. मुख्तार ब्रदर्स को लगा की अब उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होगा…. लेकिन समय बदला….. सरकार बदली….. और साल 2014 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मऊ दंगों की याद को समेटे हुए यूपी की गद्दी सम्भाली.. तब से शुरू हुई यूपी में माफिया राज की उल्टी गिनती… सीएम पद की कमान संभालने के साथ ही सीएम योगी ने माफियाओं को सीधी चेतावनी दे डाली…
योगी सरकार का साफ कहना था.. या तो अपराध छोड़ दो या फिर यूपी.. अगर इसके बावजूद नहीं माने तो दुनिया छूड़वा दी जाएगी… योगी ने जैसा कहा वैसा ही किया.. अपराध और आपराधियों के खिलाफ जीरो ट़ॉलरेंस नीति के तहत यूपी सरकार ने माफियाओं पर बुल्डोजर एक्शन शुरू कर दिया.. उन्ही माफियाओं में टॉप लिस्ट पर मुख्तार और अतीक ब्रदर्स का नाम शामिल था… जिसके बाद एक-एक कर योगी सरकार ने कुर्की, एनकाउंटर और बुल्डोजर के जरिए माफिया ब्रदर्स की कमर तोड़ना शुरू किया.. पहले गैंग को तोड़ा गया…. फिर गैंग के गुर्गो को…. इसके बाद डर और अवैध रूप से जुटाई गई संपत्ति पर कुर्की की ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई… और इस कार्रवाई का ही परिणाम है कि मूंछो को ताव देने वाला मुख्तार अंसारी…. व्हील चेयर पर बैठकर भगवान से अपनी जिंदगी की दुआ मांग रहा है….
दूसरो को डराने वाला मुख्तार आज पल पल डर के साए में जी रहा है.. बता दें कि जेल में बंद गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है….. इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है…. पांच बार के विधायक अंसारी पर 1991 में कांग्रेस नेता की हत्या का आरोप भी लगा था….. मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के अलग-अलग थानों में कुल 61 मुकदमे दर्ज हैं……. इनमें से 8 मुकदमे ऐसे हैं, जो जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे. इनमें से ज्यादातर मामले हत्या से संबंधित हैं….. सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जनपद गाजीपुर में दर्ज हैं…. बता दें कि मऊ में दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्टूबर, 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. इसके बाद से जेल में बंद है……लेकिन इस बीच जमानत पर जेल से बाहर घूम रहा अफजाल अंसारी अपने बयानों के चलते एक बार फिर सुर्खियों में है..
लेकिन इस बार अफजाल दूसरे की संपत्ति को हड़पने की बजाए खुद की संपत्ति बेचकर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है.. दरअसल लोकसभा चुनाव-2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की… जिसमें गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी का नाम भी शामिल था.. जिसके बाद अफजाल ने अखिलेश यादव का आभार जताया… और बीजेपी पर जमकर तंज कसा.. अफजाल ने कहा कि मुझे सरकारी मशीनरी के जरिए लूट गया. इस बार चुनाव लड़ने के लिए बाप-दादाओं की जमीन बेचकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. यहां मोदी फैक्टर नहीं चलेगा. फिलाहाल अफजाल की बात से ये तो साफ है कि योगी सरकार में माफिया दूसरों की संपत्ति पर कब्जा करने के बजाए अपनी संपत्ति बेचने पर मजबूर हैं ।
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