दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लाया गया जयपुर, अब बचेगी मासूम हृदयांश की जिंदगी
इंजेक्शन की कीमत 17 करोड रुपए से ज्यादा
स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी से पीड़ित हृदयांश अब आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकेगा। अब उसे दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोलगेनेस्मा लगने जा रहा है। हृदयांश का आज दोपहर दो बजे तक इंजेक्शन लग सकता है। उसके लिए पेपर वर्क कंप्लीट किया जा रहा है। जेके लोन अस्पताल में इंजेक्शन आ चुका है। जिसे आज या कल में बच्चे को लगाया जाएगा। हृदयांश की मदद के लिए आमजन के साथ पुलिस विभाग भी आगे आया है।हृदयांश के चाचा स्वप्निल ने बताया कि इंजेक्शन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भी हृदयांश के इलाज में काफी मदद की है। उन्होंने इंजेक्शन की 17.5 करोड़ रुपए की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी है। अब तक क्राउड फंडिंग से जमा हुए 9 करोड़ रुपए से इंजेक्शन की पहली किश्त जमा करा दी है। बाकी राशि को तीन किश्तों में एक साल में जमा कराया जाएगा
प्री-टेस्ट के बाद लगाया जाएगा इंजेक्शन
अमेरिका से लाया गया जोलगेनेस्मा इंजेक्शन सोमवार को जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल में पहुंच गया है। आज हृदयांश के प्री-टेस्ट और पेपर वर्क कंप्लीट किया जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कागजी कार्रवाई कर इंजेक्शन लगाया जाएगा
दो साल तक ही इलाज संभव
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक जेनेटिक बीमारी है। इसके कारण हृदयांश का कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं करता है। इस बीमारी का इलाज 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है। इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं हाेने पर यह पूरे शरीर में फैल जाती है। फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। इससे जान का भी खतरा हाेता है। इसके लिए विदेश से विशेष प्रकार के इंजेक्शन की जरूरत होती है ।
इनका कहना हैं
हृदयांश को आज दोपहर दो बजे तक या फिर कल इंजेक्शन लगेगा। इसके लिए ग्लोबली तौर पर पेपर वर्क कंप्लीट किया जा रहा है। इंजेक्शन लगने के बाद बच्चा 24 घंटे डॉक्टर्स की निगरानी में रहेगा। इसके बाद दो महीने तक बच्चे की दवाईयां चलेगी। फिर बच्चा आम लोगों की तरह जीवन यापन कर सकेगा। डॉ प्रियांशु माथुर, एसएमए बीमारी के विशेषज्ञ, जयपुर
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