पभात क्षेत्र में बने अस्पताल में आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम निरंतर जारी
तीन महीना में 412 आवारा कुत्तों की हो चुकी है नसबंदी
संदीप सिंह बावा: जीरकपुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है परंतु उसके साथ-साथ कावा संस्था द्वारा उनकी नसबंदी का काम भी बहुत तेजी से किया जा रहा है। कुछ महीने पहले जब लोहगढ़ में एक ही दिन में 10 लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बनाया था उसके बाद शहर में निरंतर लोगों द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था और अखबारों में इस संबंधी खबरें भी प्रकाशित हुई थी उसके बाद कावा संस्था को एनओसी प्राप्त हुई थी। अब पिछले 3 महीने से निरंतर कुत्तों की नसबंदी का काम जारी है। वर्षों से जीरकपुर शहर के लोग आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान चल रहे थे लेकिन अब आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से कुछ राहत मिलती नजर आ रही है क्योंकि इसके लिए प्रभात क्षेत्र में एक अस्पताल बनाया गया है जहां पर आवारा कुत्तों की स्टेरलाइजेशन का काम किया जा रहा है। पिछले करीब 3 महीने में इस अस्पताल में 412 आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। यह अस्पताल एनओसी न मिलने के कारण करीब 6 महीने बंद रहने के बाद करीब 3 महीने पहले चालू किया गया था। नगर परिषद द्वारा आवारा कुत्तों की स्टेरलाइजेशन करने का ठेका कावा संस्था को दिया गया है जिसके द्वारा एनओसी मिलने के बाद लगातार अपने काम को अंजाम दिया जा रहा है।
पिछले करीब 3 महीने में कावा संस्था द्वारा 412 आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। आवारा कुत्तों को पकड़ने तथा नसबंदी करके इस जगह पर छोड़ने के लिए हम नगर कौंसिल की तरफ से उनको सहयोग दे रहे हैं। जिस रफ्तार से नसबंदी का काम चल रहा है शहर निवासियों को आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से पूरी तरह से निजात मिलेगी। : रामगोपाल सेनेटरी इंस्पेक्टर नगर कौंसिल जीरकपुर।
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