दुल्हन दिलवाओ वोट ले जाओ
कहते हैं हरियाणा वाले लोग अजब हैं और अजब तरीके की मांग रखते हैं। खासतौर पर चुनाव के वक्त ये मांगें अलग-अलग तरीके से सामने आती हैं, जब नेता वोट मांगने के लिए पहुंचते हैं। ज्यादातर लोग नेताओं से बिजली का बिल माफ करने, पानी का बिल माफ करने, या सड़क बनवाने जैसी ही मांग रखते हैं। परंतु हरियाणा में नेताओं से कुछ अलग तरीके की मांग की गई है और आप इस मांग को सुनकर हंसते-हंसते रह जाएंगे।
नेताओं से क्या रखी गई है मांग?
हरियाणा की एक संस्था, रांडा यूनियन (दरअसल गांव की भाषा में जिन लोगों की शादी ज्यादा उम्र तक नहीं होती है, उन्हें रांडा कहा जाता है) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लोकसभा चुनाव में समर्थन के बदले राज्य सरकार से कुंवारों की शादी करवाने की बात रखी है। इसके अलावा, इन कुंवारों के लिए नौकरियां और पंचायत राज चुनाव में कोटा फिक्स किए जाने की भी मांग की गई है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यूनियन के अध्यक्ष ने लिखा है कि कुंवारे होने के कारण हमें वह स्थान नहीं मिल पाता जिसके हम हकदार होते हैं और हमें मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ती है। अतः हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए।
2014 के चुनाव में हरियाणा के नेताजी ने किया था वादा, चुनाव बाद दिलवाऊंगा दुल्हन
दरअसल, नेता लोग लोगों की भावनाओं को कैसे भुनाना है अच्छी तरह से जानते हैं। 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने लोगों की इन्हीं भावनाओं को भुनाया था। हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, जो कि पूर्व कृषि मंत्री भी रह चुके हैं, ने 2014 के चुनाव में हरियाणा के उम्रदराज कुंवारों के लिए दूसरे राज्य से चुनाव जीत जाने के बाद दुल्हन दिलवाने का वादा किया था। हालांकि, नेताजी चुनाव तो जीत गए पर कुंवारों को दुल्हन नहीं मिली।
पूर्ववर्ती मनोहर सरकार ने की थी कुंवारा पेंशन योजना
हरियाणा में उम्रदराज युवाओं को देखते हुए पूर्ववर्ती मनोहर लाल खट्टर सरकार ने कुंवारा पेंशन योजना की शुरुआत की थी। इस पेंशन के तहत 45 साल से 60 साल की उम्र के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को मासिक पेंशन देने की शुरुआत की गई थी। हरियाणा पहला राज्य था जिसने कुंवारों के लिए पेंशन योजना लागू की थी। कुंवारा पेंशन 2750 रुपए हर महीने दी जानी थी, जिसे बाद में वृद्धावस्था पेंशन में तब्दील कर दिया जाना था। हालांकि, मनोहर लाल खट्टर की इस योजना को अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है, पर कुंवारा पेंशन योजना लागू होने के बाद इसकी चर्चा खूब हुई थी।
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