क्यों की जाती है गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा
शास्त्रों में गुरुवार के दिन को केले के पेड़ की पूजा को का काफी महत्व है, इतना ही नहीं केले के पत्तों को शुभ और उसकी पूजा को भी लाभकारी माना गया है, धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक केले के पेड़ में साक्षात देवगुरु बृहस्पति का वास होता है, इसके अलावा गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और ऐसे लोगों की शादी में रुकावटें नहीं आतीं, यही नहीं उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं, गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने वाले व्यक्ति के परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और परिवार में खुशियां भी आती हैं।
हिंदू धर्म में महत्व
हिन्दू धर्म में केले के पेड़ का खास महत्व है, इसे सबसे शुभ पेड़ों में से एक माना गया है, इसलिए खासतौर से हरि की पूजा में इसका इस्तेमाल जरूर होता है, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाने से घर में सुख व समृद्धि आती है. वैवाहिक जीवन सुखी होता है, यदि कोई व्यक्ति मांगलिक दोष से पीड़ित है तो ऐसे व्यक्ति की अगर केले के पेड़ से शादी करा दी जाए तो उसका मांगलिक दोष खत्म हो जाता है, केले के पेड़ का हर एक हिस्सा उपयोगी होता है. जड़, तना, पत्तियां और फल, हर एक हिस्से से केले का पेड़ बहुत उपयोगी है, यहां तक कि यदि आपको पुखराज रत्न धारण करना है और ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो केले की जड़ पहन लें, पुखराज से जितना लाभ होगा, उतना ही केले की जड़ से भी होगा।
गुरुवार को ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा
सुबह-सुबह मौन व्रत का पालन कर स्नान करें। इसके बाद केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं।
इस बात का ध्यान रखें कि घर की आंगन में यदि केले का वृक्ष लगा है तो उस पर जल ना चढ़ाएं. बाहर के केले के वृक्ष को जल चढ़ाएं।
केले के वृक्ष पर हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ केल को अर्पित करें।
अक्षत, पुष्प आदि चढ़ाएं और केले के पेड़ की परिक्रमा करें।
इस मंत्र का जाप करें
ॐ बृं बृहस्पते नम:
बृहस्पति मंगल मंत्र
जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखो दीर्घोत्तरा संस्थित:
पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापो थ मीनाधिप:।
सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियो बुध-सितौ शत्रूसमाश्चापरे
सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।
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