बातें गुजरे जमाने की : जूली फिल्म के लिए मिलेंगे सिर्फ एक लाख रुपए , सुनते ही अभिनेता विक्रम मकानदार के क्यों उड़ गए होश
ये कहानी साल 1974 के एक दिन की है। अभिनेता विक्रम मकानदार की दूसरी फिल्म कॉलगर्ल हिट हो चुकी थी। उन्हें धड़ाधड़ फिल्में मिल रही थी। वो 25 फिल्में एक साथ साइन कर चुके थे। इसी बीच उन्हें जूली फिल्म में काम करने का ऑफर भी मिला। जूली मलयालम भाषा की फिल्म चट्टक्कारी का हिंदी रीमेक थी जिसे साउथ के बड़े प्रोड्यूसर बी.नागी रेड्डी प्रोड्यूस करने जा रहे थे। जबकी फिल्म के डायरेक्टर थे के. सेतूमाधवन। के. सेतूमाधवन ने ही मलयालम फिल्म भी डायरेक्ट की थी।
विक्रम मकानदार प्रोड्यूसर बी.नागी रेड्डी से मिलने होटल ताज पहुंचे। डायरेक्टर के. सेतूमाधवन भी वहीं मौजूद थे। नागी रेड्डी ने विक्रम को अपने सामने रखी एक कुर्सी पर बैठने को कहा। जैसे ही विक्रम मकानदार ने अपनी तशरीफ कुर्सी पर रखी, नागी रेड्डी बोले,”पचास हज़ार रुपए मिलेंगे।” पचास हज़ार रुपए सुनते ही विक्रम रेड्डी दंग रह गए। उन्होंने इतनी ज़्यादा फीस की उम्मीद नहीं की थी। उनका गला सूख गया। वो चाहकर भी कुछ बोल नहीं पा रहे थे।
बी. नागी रेड्डी को लगा कि विक्रम को उनका ऑफर पसंद नहीं आया है। उन्होंने विक्रम से कहा,”चलो 75 हज़ार रुपए दे देंगे।” विक्रम, जो पचास हज़ार रुपए सुनकर ही खुशी के मारे कुछ बोल नहीं पा रहे थे, उनकी हालत 75 हज़ार रुपए सुनकर क्या हुई होगी आप अंदाज़ा लगा सकते हैं। मगर प्रोड्यूसर नागी रेड्डी को लगा जैसे विक्रम अभी भी खुश नहीं हैं। वो बोले,”एक लाख रुपए से एक रुपया ज़्यादा नहीं मिलेगा।” विक्रम की खुशी का ठिकाना ना रहा। उन्होंने फौरन जूली फिल्म साइन कर ली।
जूली की शूटिंग के लिए विक्रम मकानदार को चेन्नई जाना पड़ा। चेन्नई के विजयवाहिनी स्टूडियो में विक्रम जब पहुंचे तो डायरेक्टर ने उन्हें सीधे कैमरे के सामने खड़ा कर दिया। कुछ नहीं बताया कि क्या सीन है, क्या करना है। विक्रम ने पूछा तो पता चला कि एक गाना शूट होना है। डायरेक्टर से विक्रम बोले कि एक दफा गाना सुना तो दीजिए। लेकिन डायरेक्टर ने मना कर दिया। बोले,”सीधा शूट करेंगे।” विक्रम टेंशन में आ गए। उन्हें नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है।
गाना प्ले हुआ। वो गाना था फिल्म का टाइटल ट्रैक ‘भूल गया सबकुछ। याद नहीं अब कुछ। एक यही बात ना भूली। जूली।’ किस्मत से विक्रम ने पहला टेक एकदम परफेक्ट दिया। सभी ने विक्रम के लिए तालियां बजाई। और विक्रम की जान में जान आई। वर्ना कहां तो उन्हें कोई भी सीन शूट करने से पहले रिहर्सल करने की आदत थी। और कहां डायरेक्टर ने विक्रम मकानदार को बिना कुछ बताए ही कैमरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया था।
आज जूली फिल्म के हीरो विक्रम मकानदार का जन्मदिन है। 31 मई 1947 को कर्नाकट के गडग में विक्रम का जन्म हुआ था। इनका असल नाम मोईनुद्दीन मकानदार है। विक्रम इनका फिल्मी नाम है। ये जानकारी मुझे लेखक शिशिर कृष्ण शर्मा जी के यूट्यूब चैनल बीते हुए दिन के एक वीडियो के माध्यम से मिली।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!