क्या होता है एग्जिट पोल, कैसे निकाले जाते हैं एग्जिट पोल में आंकड़े
आजकल चुनाव खत्म होने के साथ ही टीवी चैनलों के साथ-साथ अखबारों में एक आंकड़ा दे दिया जाता है जिसे पता चलता है कि अब फल पार्टी की सरकार बनने जा रही है इसे ही एग्जिट पोल कहा जाता है एग्जिट पोल का मतलब यह नहीं होता कि जो टीवी चैनल पर या अखबार है बता दिया गया है नतीजे भी उसके अनुसार ही आएंगे कभी-कभी नतीजे एग्जिट पोल के विपरीत भी हो जाते हैं । पर सवाल इस बात का है कि आखिरकार एग्जिट पोल होता कैसे हैं और एग्जिट पोल के आंकड़े कितनी हद तक सही होते हैं।
एग्जिट पोल क्या होते हैं? एग्जिट पोल यानी पोलिंग बूथ से निकलने वाले वोटर्स से बातचीत के आधार पर तैयार करके जो जानकारी तैयार की जाती है उसे एग्जिट पोल कहा जाता है । ये एक तरह का चुनावी सर्वेक्षण होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो उससे वोटिंग को लेकर अलग-अलग तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? किस आधार पर वोट दिया है , किसी के आधार पर एग्जिट पोल करने वाले लोग या एजेंसियां पता लगती हैं कि किसकी सरकार बनने जा रही है ।
हजारों मतदाताओं के जवाब जुटाने के बाद एजेंसियां उसका एनालिसिस करती हैं। जिससे अंदाजा लग जाता है कि हवा किसकी तरफ है। गणना से ये भी बताया जाता है कि किसको कितने सीटें मिल सकती हैं। साथ ही उन मुद्दों, नेताओं और घोषणाओं के बारे में भी पता चलता है, जिन्होंने मतदाताओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
एग्जिट पोल की शुरुआत कब और कैसे हुई? चुनावी सर्वे की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई। सबसे पहले अमेरिका में जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने अमेरिकी सरकार के कामकाज पर लोगों की राय जानने के लिए ये सर्वे किया था। उसके बाद ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और डेनमार्क में भी चुनाव से पहले सर्वे हुए। ये 1930 और 1940 का दशक था।
चुनाव के लिए एग्जिट पोल की शुरुआत काफी बाद में हुई। टाइम मैगजीन के मुताबिक 1967 में पहली बार दुनिया में बड़े स्तर पर कोई एग्जिट पोल किया ।
- अमेरिका के पॉलिटिकल रिसर्चर वॉरेन मिटोफस्की ने केंटुकी राज्य में होने वाले गवर्नर चुनाव के दौरान पहली बार एग्जिट पोल किया था।
- डच समाजशास्त्री मार्सेल वैन डैम ने इसी साल 15 फरवरी को नीदरलैंड्स के आम चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को लेकर एक सर्वे किया था।
दोनों ही जगहों पर एक्सपर्ट ने यह जानने की कोशिश की लोग आखिर किसे और क्यों वोट कर रहे हैं? इसके बाद वॉरेन और मार्सेल का ये तरीका मीडिया कंपनियां इस्तेमाल करने लगीं।
दुनिया में पहली बार किस मीडिया कंपनी ने ये तरीका अपनाया, इसकी सटीक जानकारी तो नहीं है। हालांकि, मीडिया कंपनियों की वजह से 1970 के दशक में अमेरिका और पश्चिमी देशों में तेजी से एग्जिट पोल का कल्चर बढ़ने लगा। मतदान से नतीजों के बीच लोगों की उत्सुकता को कैटर करने के लिए मीडिया एग्जिट पोल का सहारा लेता था
एग्जिट पोल चुनाव खत्म होने के बाद ही क्यों जारी होते हैं?
अब आपके मन में सवाल आएगा कि आखिरकार एग्जिट पोल चुनाव खत्म होने के बाद ही क्यों जारी किए जाते हैं । दरअसल 1980 में एग्जिट पोल पहली बार विवादों में आए। इस साल अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे थे। मीडिया कंपनी NBC ने मतदान खत्म होने से 3 घंटे पहले ही एग्जिट पोल जारी कर दिए। इस पोल में बताया गया कि जिमी कार्टर को हराकर रोनाल्ड रीगन चुनाव जीत रहे हैं। इसको लेकर जिमी के समर्थकों ने जोरदार विरोध किया।
बाद में ये मामला अमेरिकी संसद में उठा। इस सर्वे ने मतदाताओं को कितना प्रभावित किया है, ये पता लगाने के लिए जांच कराई गई। इसके बाद मतदान खत्म होने से अब तक एग्जिट पोल जारी होने पर अमेरिका में पाबंदी लगा दी गई। बाद में यही लर्निंग दुनिया के दूसरे देशों ने भी अपनाई।भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई?
जवाब: भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (आईआईपीयू) के तत्कालीन प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी। 1980 के दशक में भारत में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर एग्जिट पोल को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रणय रॉय और यूके के पॉलिटिकल एक्सपर्ट डेविट बटलर ने मिलकर काम किया। उनके रिसर्च को अशोक लाहिड़ी ने अपनी किताब ‘द कम्पेंडियम ऑफ इंडियन इलेक्शन’ में पब्लिश किया है।
भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत कब हुई? भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (आईआईपीयू) के तत्कालीन प्रमुख एरिक डी कोस्टा ने की थी। 1980 के दशक में भारत में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर एग्जिट पोल को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रणय रॉय और यूके के पॉलिटिकल एक्सपर्ट डेविट बटलर ने मिलकर काम किया। उनके रिसर्च को अशोक लाहिड़ी ने अपनी किताब ‘द कम्पेंडियम ऑफ इंडियन इलेक्शन’ में पब्लिश किया है। 1996 में सरकारी चैनल दूरदर्शन ने CSDS के साथ मिलकर पहली बार एग्जिट पोल जारी किए। इसके बाद सभी सैटेलाइट चैनलों ने एग्जिट पोल जारी करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद एग्जिट पोल मतदान के बाद होने वाला सबसे लोकप्रिय टीवी शो बन गया।
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