पंचकूला नगर निगम में आज हुआ मारपीट का दंगल
रोहित सैनी का है विवादों से पुराना नाता
पंचकूला नगर निगम में देर शाम दो कर्मचारियों के बीच में मारपिटाई का दंगल हुआ। मारपिटाई के इस दंगल में दो किरदार नजर आए। एक किरदार रहे निगम के जेई रोहित सैनी , जिनका वार्ड 6 के पार्षद पंकज से लगभग 1 साल पहले तत्कालीन उप निगम आयुक्त दीपक सुरा के कमरे में झगड़ा हुआ था। उस वक्त भी मामला थाने तक पहुंचा था। वही कल हुई मारपीट के दूसरे किरदार हैं नगर निगम के एपीओ से जेई प्रमोट हुए भावेश वर्मा।
भावेश वर्मा ने खबरी प्रशाद अखबार से बताया कि मैं सेक्टर 12ए नगर निगम के दफ्तर में निगम के काम से गया हुआ था। वहां पर रोहित सैनी ने अपने तीन-चार साथियों के साथ मुझ पर प्लास्टिक के डंडे एवं हेलमेट से हमला कर दिया। मैं किसी तरह वहां से अपनी जान बचाकर भागा और बाद में मैंने डायल 112 बुलाई और उसी में बैठकर मैने सेक्टर 14 थाने जाकर अपनी शिकायत दी और पुलिस की ही गाड़ी से में अपना मेडिकल कराने सेक्टर 6 नागरिक अस्पताल पहुंचा जहां मैंने अपना मेडिकल कराया। भावेश ने आरोप लगाया कि पिछले तीन-चार दिनों से रोहित सैनी की तरफ से मुझे टेढ़ी नजरों से देखा जा रहा था। इसकी वजह से मेरे मन में भी डर बैठा हुआ था कि मेरे साथ कुछ गलत हो सकता है।
वहीं इसी मामले पर जब हमने निगम के जेई रोहित सैनी से बात की तो रोहित सैनी का कहना था, मैं अपने दफ्तर में अपना काम कर रहा था। अचानक से भावेश वर्मा मेरे कमरे में आए और मुझ पर हमला कर दिया जिसकी वजह से मेरे हाथ में और शरीर के दूसरे हिस्सों में चोट लगी है। मैंने शिकायत सेक्टर 14 थाने में दे दी है और मैंने अपना मेडिकल करवा लिया है। इस बात की जानकारी मेरी तरफ से नगर निगम के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।
अब आपको बताते हैं पूरा मामला है क्या?
असल में कुछ दिन पहले रोहित सैनी और भावेश में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। मामला डिपार्मेंटल इंनक्वारी होते हुए निगम की ही जॉइंट कमिश्नर रिचा राठी के पास था। पिछले हफ्ते रिचा राठी के सामने दोनों को पेश होना था, मगर रिचा राठी के छुट्टी पर चले जाने की वजह से दोनो रिचा राठी के सामने पेश नहीं हो सके और आज दोनों में एक बार फिर मारपीट हो गई।
इस मामले को लेकर रात के 9:30 बजे तक हमने नगर निगम के उच्च अधिकारियों के फोन पर बात करने की कोशिश की, मगर ना तो रिचा राठी ने फोन उठाया नाही उप निगम आयुक्त अपूर्व चौधरी ने इस मामले पर फोन उठाकर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत समझी। जबकि मामला नगर निगम के कर्मचारियों के आपस की मारपीट का था और वह भी नगर निगम के दफ्तर में हुआ था।
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