भारत की इकलौती महिला रामलीला के विरोध में हिंदू संगठनों की बैठक, आंदोलन की चेतावनी
ग्रंथों के विपरीत बात कर रहे हैं विरोध करने वाले लोग एकता नागपाल
जीरकपुर
पिछले लगभग तीन सालों से ट्राई सिटी मे या फिर सीधे तौर पर कहे तो शायद भारत में इकलौती एक ऐसी रामलीला हो रही जिसमें सभी किरदार महिलाएं निभाती हैं इस रामलीला का नाम है जड़ों से जुडो , और इसकी मुख्य कर्ताधर्ता है एकता नागपाल जो समाजसेवी तो है ही जीरकपुर नगर परिषद में पार्षद भी है । पर इस बार इस रामलीला को लेकर हिंदू संगठनों ने सवाल खड़े कर दिए हैं हिंदू संगठनों का कहना है कि रामायण एक पवित्र धर्म है ग्रंथ है और यह मर्यादित है भगवान राम का मर्यादा का किरदार है , हनुमान जी हमेशा सदा ब्रह्मचारी रहे उसका किरदार महिलाएं नहीं निभा सकती । ऐसे अनेक तथ्य इस जड़ों से जुडो रामलीला को लेकर अब सामने आ गए हैं जिसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है । तो वही इस बात को लेकर इस रामलीला के मुख्य करता धर्ता एकता नागपाल का कहना है कि हमारे कार्यक्रम की शुरुआत में ही संत ज्ञाननंद जी महाराज दीप जलाकर करने वाले हैं । और संत ज्ञान आनंद जी महाराज से ज्यादा गीता के बारे में तो कोई जानता भी नहीं है तो ऐसे में सवाल खड़े करने वाले लोग पूरी तरीके से गलत है ।
चंडीगढ़ संयुक्त रामलीला महासभा के प्रधान रोहित शर्मा की अगुवाई में रविवार को जीरकपुर में विभिन्न हिंदू संगठनों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सर्वसम्मति से महिला रामलीला के आयोजन का विरोध किया गया और इसे सनातन धर्म का अपमान बताया गया।
रोहित शर्मा ने कहा कि “सनातन पर आस्था रखने वाले किसी भी कीमत पर इस तरह के आयोजन को स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और महिला रामलीला पर रोक लगानी चाहिए।” उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से इस विषय पर तत्काल समीक्षा बैठक बुलाने और ठोस कदम उठाने की मांग की।
संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो पंचकूला में बड़ा आंदोलन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। रोहित शर्मा ने बताया कि शीघ्र ही पंचकूला के डीसी और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि प्रशासन उदासीन रहा तो संगठन धरना-प्रदर्शन करने को विवश होंगे।
बैठक में नरेंद्र गोयल, विजय दत्त, अमित मिश्रा, साहिल बेदी, दक्ष टंडन, राघव शर्मा, युवा नेता वीरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता और अन्य हिंदू संगठन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
वही इस मामले पर जब हमने जड़ों से जुडो संस्था की मुख्य करता धर्ता एकता नागपाल से बात की तो उनका कहना था कि हमारे इस कार्यक्रम की शुरुआत 23 तारीख से पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में होने वाली है और इस कार्यक्रम में संत ज्ञानानंद जी महाराज दीप जलाकर उद्घाटन करेंगे । उन्होंने बताया हिंदू तख्त के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण 28 सितंबर को रामलीला में मुख्य अतिथि हैं । पटियाला काली माता मंदिर के महंत 26 तारीख को मुख्य अतिथि हैं । संपूर्णानंद जी महाराज राजतिलक करेंगे । उन्होंने विरोध करने वालों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कौन से ग्रंथ में लिखा हुआ है कि महिलाएं रामलीला में किरदार नहीं निभा सकती । पुरुष भी तो रामलीला में महिलाओं के किरदार निभाते हैं । क्या जो पुरुष रामलीला में किरदार निभाते हैं क्या वह ब्रह्मचारी होते हैं । वह भी ग्रहस्त ही होते हैं । हमारे ग्रंथो में तो महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है । यह जो लोग इस रामलीला का विरोध कर रहे हैं यह ग्रंथों के विपरीत बात कर रहे हैं ।
आपको बता दे इस बार यह रामलीला 23 सितंबर से पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम सेक्टर 5 में शुरू होगी और 2 अक्टूबर को राजतिलक का कार्यक्रम प्रस्तावित है ।
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