IAS पूजा पर लगाए गए गंभीर आरोप, सवालों ने परिवार को भी घेरा
महाराष्ट्र की एक महिला IAS काफी चर्चा में हैं। जिनका नाम है डॉ. पूजा खेडकर। सोशल मीडिया से लेकर अलग-अलग प्लेटफार्म पर इनके बारे में कई सारी बातें सुनने में आ रही है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टस का दावा है कि डॉ. पूजा खेडकर वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी पर्सनल ऑडी कार का इस्तेमाल करती थीं। जिसके कारण यह सवालों के घेरे में खड़ी हो चुकी है।
आपको बता दे कि पूजा खेड़कर के ऊपर कई सारे आरोप लगाए जा रहे हैं। लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी पर्सनल ऑडी कार विवाद का विषय बनी हुई है। इसके अलावा उन पर आरोप है कि उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से वीआईपी नंबर प्लेट वाली कार, आवास व एक कांस्टेबल, कर्मचारियों की मांग की थी जबकि नियमानुसार एक प्रोबेशन अधिकारी को ये सुविधाएं नहीं दी जा सकती। दरअसल डॉक्टर पूजा खेडकर वर्ष 2023 बैच की आईएएस हैं। यूपीएससी में उन्होंने 841 रैंक हासिल की थी। उनके पिताजी भी रिटायर्ड अधिकारी रहे हैं। पर अब उनके IAS बनने पर भी सवाल खड़े हो चुके हैं। फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर आईएएस बनने के आरोप पूजा खेड़कर पर लगाया जा रहा है।
सवालों के घेरे में पूजा
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार डॉ. पूजा खेडकर पुणे में बतौर ट्रेनी आईएएस अधिकारी कार्यरत थीं अभी वह प्रोबेशन पर हैं और अब अपनी VIP डिमांड को लेकर चर्चा में आ गईं हैं। डीएम ने उनके खिलाफ मुख्य सचिव को शिकायत करी है। इसके बाद पूजा पर एक्शन लेना शुरू हुआ। उन पर लगे आरोप को लेकर सरकार भी सख्त हो गई है। कार्रवाई शुरू होने के बाद से ही पूजा के अतीत के बारे में भी खुलासा होने लगा है। हालांकि, पूजा के ऊपर निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती एवं महाराष्ट्र शासन की पट्टी लगाने के कारण पुणे पुलिस ने उन पर 21,000 रुपये का जुर्माना ठोक दिया है। पहले वीआईपी नंबर प्लेट वाली पर्सनल ऑडी को लेकर सवाल उठाओ और अब उनके आईएएस बने को लेकर भी उंगली उठ रही है। पूजा खेडकर पर फेक ओबीसी-एनसीएल सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने का भी आरोप है।
कैसे बनी पूजा IAS?
2019 में पूजा ने परीक्षा सामान्य श्रेणी में दी थी। उसे समय उनके अच्छे अंक नहीं आए थे। फिर 2022 में उन्होंने नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी कैटिगरी के अंदर अपनी परीक्षा दी। विशेष श्रेणी में परीक्षा देने के बावजूद भी पूजा का सिलेक्शन नहीं हुआ, क्योंकि उस वर्ष इसी श्रेणी के तहत अंतिम रैंकिंग 434 थी, लेकिन पूजा ने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र देकर अपनी इस मुश्किल को आसान कर दिया। उसके बाद अनिवार्य मेडिकल जांच कराने से पूजा नहीं इनकार कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि 2019 में यूपीएससी की परीक्षा देते समय उन्होंने शारीरिक दिव्यांगता का प्रमाणपत्र क्यों नहीं दिया था?
IAS पूजा खेड़कर की कितनी है संपत्ति?
सूत्रों के मुताबिक पूजा के पिता दिलीप खेडकर पुणे में सहायक कलेक्टर थे। उनके पिता ने साल 2004 में वंचित बहुजन अघाड़ी के टिकट पर लोक सभा चुनाव लड़ा था। उस समय अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति 40 करोड़ की बताई थी और वही पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है, इसके बावजूद पूजा ने यूपीएससी परीक्षा में ओबीसी-एनसीएल का सर्टिफिकेट लगाया जिससे उन्हें रिजर्वेशन का फायदा मिला। उन करोड़ों रुपए में 48 लाख रुपये आय कृषि से थे। हलफनामे के मुताबिक, उनके पिता के पास करीब 110 एकड़ कृषि भूमि है। जो कि कृषि सीमा भूमि अधिनियम का उल्लंघन है। इसके अलावा संपत्ति में छह दुकानें, सात फ्लैट, 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की घड़ी और चार कारें भी शामिल है। अगर पूजा की मां की बात करें तो वह अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं। पूजा के दादा भी प्रशासनिक सेवा में रह चुके हैं।
प्रोबेशन के दौरान IAS पूजा की क्या मांग थी?
पुणे में अपने प्रोबेशन के दौरान पूजा खेडकर ने कई अधिकारों की मांग रखी थी, जो प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलते। इसमें कई सारी बातें शामिल है जैसे की प्रोबेशन के समय पूजा खेडकर ने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया, साथी ही अपनी गाड़ी पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का बोर्ड लगाया और इतना सब कुछ करने के बाद पूजा ने एक आधिकारिक कार, आवास, एक ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की। यहां तक कि पूजा ने एडिशनल कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया था। उनके पिता ने भी पूजा की डिमांड को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर के कार्यालय पर दबाव बनाया। इतना ही नहीं, उन्होंने धमकी भी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो इसके लिए परिणाम भुगतना पड़ेगा। सिर्फ बात ही नहीं बल्कि मां भी धमकी देने में उस्ताद निकली।
परिवार को लिया कटघरे में
पूजा के साथ हम उनके परिवार भी कटघरे में खड़ा हुआ नजर आ रहा है। पूजा के पिता के ऊपर तो आरोप लग ही रहे थे और अब उनकी मां का भी एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में पूजा की मां बंदूक लेकर धमकाते हुए नजर आ रही है। वीडियो साल 2023 का बताया जा रहा है। इसमें पूजा की मां बाउंसर के साथ खड़ी नजर आ रही है और पिस्टल दिखाकर लोगों को धमका रही हैं। मामला जमीन कब्जे का था।
अब लगता है पूजा के ऊपर लाल बत्ती का गलत इस्तेमाल, प्रोबेशन पीरियड में गलत मांग और झूठ प्रमाण पत्र से IAS बनने की कोशिश पूजा को महंगी पड़ गई। डॉक्टर खेड़कर का परिवार भी अब निशाने पर है। फिलहाल पूजा और उनके परिवार पर लगातार लग रहे आरोपों के बीच उनकी नियुक्ति के समय जमा कराए सभी सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है, पर अगर जांच में एक भी सर्टिफिकेट जाली पाया गया तो उन्हें तुरंत प्रभाव से नौकरी से टर्मिनेट किया जाएगा। पूजा का भी अब बयान सामने आ चुका है। पूजा खेडकर पर लगातार लग रहे आरोपों पर पूजा खेडकर ने कहा है कि “अगर जांच के लिए कोई कमेटी बनी है तो मैं अपना पक्ष कमेटी के समक्ष रखूंगी।” लेकिन सच्चाई बयान से थोड़ी अलग दिखाई दे रही है। सवाल तो अब भी यही है कि कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने का दावा करने वाली पूजा वेरिफिकेशन के लिए कई बार बुलाए जाने पर भी क्यों नहीं आई? एक सवाल की भी खड़ा होता है कि सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के बिना पूजा को नियुक्त कैसे किया गया?
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