तोशाम राजनीति के ऐतिहासिक पन्ने अनिरुद्ध चौधरी की जीत की तरफ कर रहे हैं ईशारा
तोशाम के 14 चुनाव में से 9 बार कांग्रेस पार्टी की टिकट पर बंसीलाल परिवार बना है विजेता, क्या दसवीं बार कांग्रेस के सहारे इतिहास रचेंगे अनिरुद्ध
तोशाम, दीपक माहेश्वरी: पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के इकलौते पौते अनिरुद्ध चौधरी सियासी लड़ाई में ऐसे मोड पर पहुंच गए हैं कि जहां से वह इतिहास रचने की कगार पर हैं। उनके दादा स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल तोशाम विधानसभा से कुल 5 बार विधायक रह चुके हैं और उनके चाचा स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह 3 बार विधायक बन चुके हैं तो उनकी चाची किरण चौधरी पिछली 4 योजनाओं से निरंतर तोशाम विधानसभा से विधायक हैं। जिससे तोशाम सीट बंसीलाल परिवार का गढ़ मानी जाती है। चौधरी बंसीलाल के इस गढ़ में चौधरी बंसीलाल के दूसरे बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा परिवार का अभी तक कोई राजनीति उलटफेर नहीं रहा है। लेकिन अबकी बार पहली दफा तोशाम विधानसभा से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे रणबीर सिंह महेंद्रा के पुत्र अनिरुद्ध चौधरी ने आते ही तोशाम की पिच पर ऐसी धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए इतने चौके छक्के जड़े हैं कि वह जीत की कगार पर आकर खड़े हो गए हैं। यदि वह अपने दादा चौधरी बंसीलाल के इस गढ़ को जीतने में कामयाब होते हैं तो वह इतिहास रच देंगे और चौधरी सुरेंद्र सिंह परिवार सहित रणबीर सिंह महेंद्रा परिवार का भी तोशाम विधानसभा में इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज होगा।
उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर 1966 को हरियाणा बनने के पश्चात तोशाम विधानसभा सीट से सन 1967 में सर्व प्रथम चौधरी बंसीलाल ने इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की तथा राजनीति में अपना वर्चस्व कायम करते हुए विधानसभा पहुंचे। तत्पश्चात सन 1972 में एकबार फिर चौधरी बंसीलाल तोशाम विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल कर विधायक बने। इसके बाद सन 1977 में चौधरी बंसीलाल के छोटे पुत्र चौधरी सुरेंद्र सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तोशाम विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे और पिता की सीट को बचाते हुए जीत हासिल कर तोशाम से विधायक बने। इसके बाद चौधरी सुरेंद्र सिंह सन 1982 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर तोशाम से चुनाव लड़े और दोबारा विधायक बने। तत्पश्चात सन 1986 में कांग्रेस पार्टी से ही चौधरी बंसीलाल तोशाम से फिर चुनाव लड़कर विधायक बने। इसी बीच सन 1987 में चौधरी धर्मवीर सिंह चौधरी बंसीलाल परिवार को मात देकर लोकदल पार्टी से चुनाव लड़ते हुए तोशाम से विधायक बने। तत्पश्चात चौधरी बंसीलाल ने अपने द्वारा बनाई गई अपनी ही हरियाणा विकास पार्टी से सन 1991 में तोशाम सीट से चुनाव लड़ा जिसमें चौधरी बंसीलाल चौथी बार तोशाम से विधायक बनने में कामयाब रहे। इसके बाद सब 1996 में एकबार फिर चौधरी बंसीलाल हरियाणा विकास पार्टी से तोशाम विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे और पांचवीं बार विधायक बने। सन 2000 में चौधरी धर्मवीर सिंह कांग्रेस पार्टी की टिकट पर तोशाम से चुनाव मैदान में उतरे और एक बार फिर तोशाम से जीत हासिल कर विधायक बने तत्पश्चात सन 2005 में चौधरी सुरेंद्र सिंह कांग्रेस पार्टी की टिकट पर ही तोशाम से जीत हासिल कर तीसरी बार विधायक चुने गए। इसी बीच सन 2005 में विधायक बनते ही कुछ दिनों पश्चात चौधरी सुरेंद्र सिंह का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। जिससे एकबारगी तोशाम हल्के की राजनीति में पूरी तरह से सन्नाटा सा छा गया। तत्पश्चात चौधरी सुरेंद्र सिंह की बागडोर संभालते हुए उनकी पत्नी किरण चौधरी सन 2005 में हुए तोशाम विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की ही टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी और तोशाम हल्के की जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन देते हुए रिकॉर्ड मतों से जीताकर विधानसभा भेजा। इसके बाद से अबतक निरंतर सन 2009, 2014 और 2019 में चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधु किरण चौधरी ने तोशाम विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और हर बार उन्हें तोशाम की जनता ने जीत दिलाई। लेकिन अबकी बार सन 2024 में किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई और भाजपा से तोशाम विधानसभा से अपनी पुत्री श्रुति चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी तरफ चौधरी बंसीलाल के बड़े पुत्र रणबीर सिंह महेंद्रा के लड़के अर्थात चौधरी बंसीलाल के इकलौते पौते अनिरुद्ध चौधरी को कांग्रेस पार्टी ने तोशाम विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया है। अब एकबार फिर हालात यह बन गए हैं कि तोशाम की राजनीति चौधरी बंसीलाल परिवार तक ही सिमट कर रह गई है और अबकी बार तो चौधरी बंसीलाल के पौते और पोती अर्थात दोनों भाई बहन तोशाम की सियासी जंग में आमने सामने हैं। ऐसे में समीकरण पौते अनिरुद्ध चौधरी की तरफ अधिक बनते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि अभी तक जब भी बंसीलाल परिवार ने तोशाम विधानसभा में जीत दर्ज की है तो ज्यादातर कांग्रेस पार्टी की टिकट पर ही जीत हासिल हुई है। जिसमें 1967 से 2019 तक कुल 14 चुनाव में 9 बार बंसीलाल परिवार के सदस्यों ने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर जीत हासिल की है वहीं चौधरी धर्मवीर सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर एक बार और लोकदल की टिकट पर एक बार जीत दर्ज की है तो चौधरी बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी की टिकट पर 2 बार जीत दर्ज की है वहीं। चौधरी सुरेंद्र सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 1 बार जीत दर्ज की है। इन परिणामों के अनुसार तो यह तोशाम विधानसभा की सीट 14 चुनाव में से 10 बार कांग्रेस पार्टी के खाते में गई है और अबतक कुल 12 बार चौधरी बंसीलाल परिवार ने यहां से जीत दर्ज की है जबकि 2 बार धर्मवीर सिंह यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। पुराने आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस पार्टी और बंसीलाल परिवार इस सीट पर मजबूत रहा है। वहीं 2024 के चुनाव में बंसीलाल परिवार से अनिरुद्ध चौधरी कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं तो समीकरण उनके पक्ष में बनते नजर आ रहे हैं। ऐसे में अनिरुद्ध चौधरी अपने दादा चौधरी बंसीलाल की सियासी विरासत का फायदा उठाकर पहली बार तोशाम की राजनीति में अपने पिता रणबीर महेंद्रा सहित अपना नाम दर्ज करवाते हुए इतिहास दोहराएंगे या नहीं यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है या फिर श्रुति चौधरी को अपनी माता किरण चौधरी, पिता स्वर्गीय चौधरी सुरेंद्र सिंह और दादा स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल की पुरानी राजनीति का फायदा मिलेगा और वह तोशाम में पहली बार कमल खिलाकर इतिहास बनाएगी यह सब तस्वीर आगामी 8 अक्टूबर को साफ होगी।
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