1 जुलाई डॉक्टर्स डे विशेष: बच्चों से जुड़े ये मिथक कहीं उनकी सेहत को खतरे में न डाल दें
हर साल 1 जुलाई डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है ,हम सब के जीवन में डॉक्टरों की अहम भूमिका है ,लेकिन हम सब अपने बच्चों को लेकर कुछ मिथक पाल लेते हैं जिनका जवाब हमारे पेडियाट्रिशन देते हैं।
मिथक 1: दूध से बच्चों को संपूर्ण पोषण मिलता है।
सेक्टर 44 चंडीगढ़ के आई एम ए के पूर्व अध्यक्ष व बाल रोग विभाग के एचओडी मदरहुड के चीफ़ कंसल्टेंट डॉ. नीरज कुमार कहते हैं कि “दूध कैल्शियम और विटामिन डी के लिए बहुत अच्छा है, लेकिन इसमें आयरन और फाइबर की कमी होती है इसलिए फलों, सब्जियों के साथ दूध का होना एक संतुलित आहार माना जाता है। साथ ही साबुत अनाज भी संतुलित आहार में बहुत जरूरी है। ज़्यादा दूध पीने से बच्चों का पेट भर सकता है और शायद इसीलिए वह जरूरी खाद्य पदार्थ न खा सकें। एक साल के बाद ज्यादातर बच्चों को एक दिन में लगभग 400 मिलीलीटर दूध की ही जरूरत होती है।”
मिथक 2: बहुत ज़्यादा टीके लगने से बच्चे की इम्यूनिटी को नुकसान होता है।
“टीके वास्तव में इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं। वे कमजोर या निष्क्रिय वायरस या बैक्टीरिया शरीर में पहुँचाकर शरीर को भविष्य के संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। आज कल टीकों की संख्या भी बढ़ी है, क्योंकि विज्ञान की बदौलत हम बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों जैसे की निमोनिया और मेनिनजाइटिस आदि से बचाने में सफल हो रहें है। हमारे बाल रोग विशेषज्ञ विश्वसनीय संगठनों के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं, ताकि वह एक सुरक्षित और असरदार टीकाकरण की सेवा दे सकें।”
मिथक 3: दांत निकलने पर दस्त लगते हैं।
इस बात का जवाब देते हुए डॉ. पवनदीप सिंह, कंसल्टेंट- बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट, कहते हैं, “दांत निकलने पर बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं। दांत निकलना और दस्त अक्सर एक ही समय में होते हैं, जिससे कुछ लोगों को लगता है कि दांत निकलने के कारण पेट खराब होता है। जबकि दांत निकलने से सीधे तौर पर दस्त नहीं लगते हैं।
मिथक 4: बरसात के मौसम में बच्चों को सर्दी और फ्लू हो जाता है।
डॉ. सनी नरूला ने बताया कि “जुकाम और फ्लू वायरस के कारण होता है, बारिश या ठंड के मौसम से नहीं। हालाँकि इन बीमारियों के होने की संभावना मानसून के दौरान बढ़ जाती हैं, लेकिन इसका कारण बारिश नहीं है। सर्दी और फ्लू वायरस से फैलते हैं। बरसात के मौसम में वायरल जल्दी फैल जाता है इसलिए लोगों को लगता है की बरसात के मौसम में बच्चों को सर्दी और फ्लू हो जाता है।
मिथक 5: 6 महीने से पहले ठोस आहार खिलाना एलर्जी से बचाता है।
“यह एक आम धारणा है लेकिन जल्दी ठोस आहार शुरू करने से एलर्जी को रोकने में कोई मदद नहीं मिलती। वास्तव में 6 महीने से पहले ठोस आहार शुरू करना उल्टा असर डाल सकता है। 6 महीनों तक माँ का दूध ही पोषण का आदर्श स्रोत होता है, जो सभी जरूरी पोषण देता है और एक मजबूत इम्मुन सिस्टम बनाता है।”
याद रखें, आपके बाल रोग विशेषज्ञ एक स्वस्थ बच्चे के पालन-पोषण में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। उनकी काबिलियत पर भरोसा करें। अपनी चिंताओं को उन्हें बताएं और अपने बच्चे की बेहतरी के लिए सही सलाह लें।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!