तारा अस्त, अब मई और जून में नहीं बजेगी शादी की शहनाई , जानें फिर कब है शादी के लिए शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त में ही विवाह होते हैं । खासकर मई और जून में शादियों के मुहूर्त भरपूर होते हैं, लेकिन इस साल 2024 में गुरु व शुक्र तारा अस्त होने के कारण मई ( सिर्फ एक दिन आखा तीज को छोड़कर ) और जून में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं है । इसके बाद चातुर्मास होने से चार माह कोई विवाह मुहूर्त नहीं है । पंडित सुधांशु तिवारी ने बताया कि हिंदू धर्म में पूरे साल के दौरान मात्र पांच दिन बसंत पंचमी, आखातीज, पीपल पूर्णिमा, भड़ली नवमी और इसके बाद देवउठनी एकादशी पर सावों का अबूझ मुहूर्त होने से शादियां बिना पंडित से पूछे भी की जा सकती हैं ।
वैशाख कृष्णा चतुर्थी 28 अप्रैल 2024 से आषाढ़ कृष्णा अमावस्या 5 जुलाई 2024 तक शुक्र का तारा अस्त रहेगा । उन्होंने बताया कि इसी दौरान वैशाख कृष्णा चतुर्दशी 7 मई 2024 से ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी 31 मई 2024 को गुरु का तारा अस्त रहेगा । अतः गुरु व शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह समेत मांगलिक कायों पर रोक रहेगी । वैशाख शुक्ला तृतीया आखातीज 10 मई 2024 को अबूझ मुहूर्त होने से विवाह करने में कोई दोष नहीं रहेगा. इसी तरह 23 मई पीपल पूर्णिमा पर व 15 जुलाई को भड़ली नवमी भी अबूझ मुहूर्त रहेगा।
शादियों के लिए अबूझ मुहूर्त है आखा तीज , इस बार 10 मई को
आखातीज अर्थात अक्षय तृतीया को सूर्य व चन्द्रमा उच्च के होते हैं। यानी सूर्य मेष राशि में व चन्द्रमा वृषभ राशि में होते हैं। इससे आखातीज को किसी प्रकार का दोष नहीं लगता। इसी कारण आखातीज अबूझ मुहूर्त होता है । आखातीज या अक्षय तृतीया को किए सभी मांगलिक कार्य अक्षय हो जाते हैं ।
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