केजरीवाल के पूर्व PA बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चोटें सामान्य, बेल के हकदार; शर्त- CM ऑफिस नहीं जाएंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक (PA) बिभव कुमार को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। उन पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने का आरोप है। बिभव पिछले 100 दिनों से जेल में थे। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा कि केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और मालीवाल को आई चोटें सामान्य हैं, जिससे बिभव को जमानत दी जानी चाहिए।
मामले का संक्षिप्त विवरण
यह घटना 13 मई की है, जब स्वाति मालीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गई थीं। वहां उनकी बिभव कुमार से बहस हुई, जिसके बाद मालीवाल ने बिभव पर मारपीट का आरोप लगाया। 18 मई को बिभव को गिरफ्तार कर लिया गया था। मालीवाल ने आरोप लगाया था कि बिभव ने उनके साथ मारपीट की, उन्हें थप्पड़ मारे, और उनके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला किया। मालीवाल का दावा था कि बिभव ने उनका सिर टेबल पर भी पटक दिया, और इस दौरान उनके कपड़े फट गए थे।
कोर्ट की टिप्पणी और जमानत का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिभव कुमार पिछले 100 दिनों से जेल में हैं और मालीवाल को जो चोटें आईं, वे गंभीर नहीं थीं। ऐसे मामले में लंबे समय तक हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है। अदालत ने असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा जमानत के विरोध पर टिप्पणी की और कहा कि जब चार्जशीट फाइल हो चुकी है, तो जमानत का विरोध करना उचित नहीं है।
शर्तें और चार्जशीट
बिभव कुमार को जमानत की शर्त के रूप में निर्देश दिया गया कि वे मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जाएंगे। इस मामले में 50 गवाहों के बयान और 500 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल की गई है, जिसे 30 जुलाई को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।
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