AAP के इकलौते सांसद भी हुए भगवाधारी , कब आएगी पंजाब और चंडीगढ़ की लिस्ट
आप को फिर लगा झटका, एकलोते सांसद ने छोड़ दिया पार्टी का दामन
एक पुरानी कहावत है कि जब मुसीबत आती है तो आपके सगे संबंधी दोस्त यार सब साथ छोड़कर चले जाते हैं । और आज के वक्त में यह कहावत आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल पर पूरी तरीके से फिट बैठ रही है । क्योंकि आज ही पंजाब के जालंधर से विधायक सुशील रिंकू और जालंधर पश्चिम से विधायक शीतल अंगुराल ने पार्टी का दामन ऐसे वक्त में छोड़ा है जब पार्टी मुसीबत के दौर से गुजर रही है । एक तरफ तो आम आदमी पार्टी के मुखिया पर खालिस्तान आतंकवादी पन्नू द्वारा करोड़ों रुपए लेकर वादा खिलाफी का आरोप लगाया गया है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की हिरासत में है ।
रिंकू तो गए ही शीतल को भी साथ ले गए
आम आदमी पार्टी के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू ने आप का साथ छोड़कर भाजपा का हाथ थाम लिया है । सुशील कुमार रिंकू जालंधर से सांसद है और वह बुधवार को दिल्ली में बीजेपी के मुख्यालय गए थे।
आम आदमी पार्टी के ऊपर लोकसभा चुनाव से पहले कोई ना कोई मुसीबत आ रही है ऐसे में उनकी पार्टी के इकलौते सांसद सुशील कुमार ने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया है। रिंकू को शाम करीब चार बजे दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की उपस्थिति में पार्टी जॉइन करवाई थी। उनके साथ-साथ विधायक शीतल अंगूराल भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। शीतल अंगूराल जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक है।
जानिए कौन है सुशील कुमार रिंकू
सुशील कुमार रिंकू 5 जून 1975 मैं जालंधर पंजाब के अंदर पैदा हुए। 2002 में लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकर्ता के रूप में रिंकू ने काम किया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की नजर में आने लगे थे वहीं से उनके राजनीतिक जीवन में बदलाव हुआ और वर्ष 2006 में निकाय चुनाव लड़ कर पार्षद बने। रिंकू 2017 से 2022 तक पंजाब विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। पहले भी रिंकू ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। 2023 मैं आप से टिकट लेकर वह जालंधर सीट से उपचुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने। 1 साल से भी कम समय के लिए वह आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े रहे। सुशील कुमार ने ही लोकसभा के अंदर आम आदमी पार्टी की वापस एंट्री करवाई। आपको बता दे कि उनके पिता राम लाल पूर्व भी पार्षद रहे चूके है और पत्नी डा. सुनीता रिंकू भी दो बार पार्षद बनीं थी।
दिल्ली के साथ-साथ पंजाब के अंदर आम आदमी पार्टी की इस समय अच्छी पकड़ है पर मुख्यमंत्री केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद यह पकड़ हल्की पड़ती नजर आ रही है और अब आप के एकलोते संसद ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया है, उन्होंने पूर्व सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर को 58 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था। रिंकू का जालंधर के अंदर एक बड़ा नाम है अब ऐसे में भाजपा अगर रिंकू को जालंधर लोकसभा सीट से मैदान में उतारती है तो बीजेपी पूरी तरह पंजाब के अंदर अपना हाथ अजमा सकती है। अब रिंकू का आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ने पर पंजाब की राजनीति में क्या असर पड़ेगा यह दिखने वाली बात होगी ।
बीजेपी पंजाब में विपक्ष के बागियों के भरोसे लड़ेगी चुनाव
ऐसा माना जा रहा है कि सुशील रिंकू जालंधर से ही भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं । इसके पहले लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी कांग्रेस छोड़कर भगवद धारण कर चुके हैं । भाजपा ने लगभग सभी राज्यों में अपनी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया मगर पंजाब में अभी तक एक भी सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है जबकि पंजाब में 13 लोकसभा सीट हैं इसी के साथ चंडीगढ़ में भी एक सीट पर अभी तक उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया गया है ।
अप्रैल के पहले हफ्ते तक आएगी पंजाब की और चंडीगढ़ की एक साथ लिस्ट
अप्रैल के पहले हफ्ते तक संभावना जताई जा रही कि पंजाब के साथ-साथ चंडीगढ़ के लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की लिस्ट आ सकती है । चंडीगढ़ को लेकर उम्मीदवारों की उलझने फांसी हुई है क्योंकि हर दिन कोई ना कोई नया नाम हवा में तैरने लगता है जिसको लेकर जिन उम्मीदवारों ने भाजपा में नाम अप्लाई किया हुआ उनकी धड़कने ऊपर नीचे हो जाती हैं ।
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