काशी विश्वनाथ की फर्जी वेबसाइट बनाकर श्रद्धालुओं से ठगी, रुद्राभिषेक बुकिंग के नाम पर लाखों का चूना
काशी विश्वनाथ मंदिर की फर्जी वेबसाइट बनाकर श्रद्धालुओं से ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने दर्शन, आरती और रुद्राभिषेक के नाम पर 10 लाख रुपये तक की ठगी की है। मामला तब उजागर हुआ जब कुछ श्रद्धालुओं ने असल मंदिर से संपर्क किया।
कैसे हुई ठगी: सावन के महीने में, जब देश-विदेश से भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, साइबर अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग शुरू कर दी। इस वेबसाइट पर दर्शन, पूजन, रुद्राभिषेक और आरती की बुकिंग कराई जा रही थी। जबकि असली वेबसाइट पर सावन के चलते सभी बुकिंग बंद थी। फर्जी वेबसाइट पर संपर्क का ऑप्शन देकर श्रद्धालुओं से सीधे उनके खाते में पैसे जमा करवा लिए गए।
अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट को असली जैसा दिखाया, जिससे श्रद्धालुओं को धोखा हो गया। वेबसाइट पर आने वालों से सीधे संपर्क कर उनका नंबर लेकर खाते में पैसे मंगवाए गए। फर्जी वेबसाइट पर पंडितजी से संपर्क के लिए मोबाइल नंबर भी दिए गए थे, जिनका उपयोग ठग पैसे मंगवाने में कर रहे थे।
मंदिर प्रबंधन की प्रतिक्रिया: काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्रा ने डीजीपी प्रशांत कुमार और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने फर्जी वेबसाइट को डिलीट कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मिश्रा ने बताया कि फर्जी वेबसाइट पर काशी आगमन, होटल, नाव, पर्यटन, ट्रैवल, फ्लाइट और लोकल टैक्सी की भी बुकिंग कराई जा रही है।
पहले भी हुआ हैक: तीन महीने पहले मंदिर के फेसबुक पेज को भी हैक किया गया था। हैकर्स ने पासवर्ड बदलकर अश्लील पोस्ट अपलोड कर दी थी, जिसे आईटी टीम ने एक घंटे में रिकवर किया।
मंदिर की आय: 2023 में काशी विश्वनाथ मंदिर से 58 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो पिछले सालों से अधिक थी। कॉरिडोर बनने के बाद मंदिर की आय में 200% की वृद्धि हुई है।
पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की टीम को जांच के लिए लगाया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ठगों को पकड़ लिया जाएगा और श्रद्धालुओं को न्याय मिलेगा।
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