सुप्रीम कोर्ट के आगे रामदेव के तेवर पड़े ढीले, माना भविष्य मे नही देंगे भ्रामक विज्ञापन
पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट से मांग ली है माफी
भ्रामक विज्ञापन मामले को लेकर पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट के आगे घुटने टेक दिए हैं। माफी मांगने के बाद पतंजलि ने सुनिश्चित किया कि ऐसे भ्रामक विज्ञापन फिर नहीं छापेंगे।
प्रेरणा धींगरा दिल्ली
दरअसल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा पतंजलि के ऊपर भ्रामक विज्ञापन को लेकर केस दर्ज किया गया था लेकिन पतंजलि के एमडी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अब सुप्रीम कोर्ट के आगे झुक गए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भ्रामक विज्ञापन के लिए माफी मांग ली है और यह वादा किया है कि ऐसे विज्ञापन भविष्य में नहीं छापे जाएंगे। बालकृष्ण का कहना है कि उनका उद्देश्य लोगों का स्वास्थ्य ठीक करना था। अपने प्रोडक्ट के जरिए लोगों को स्वस्थ रखना था।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को पेश होने का आदेश दिया था। 2 अप्रैल तक उन दोनों को सुप्रीम कोर्ट के आगे पेश होकर भ्रामक विज्ञापन पर सफाई देनी थी।
जानिए पूरा मामला क्या था
पतंजलि पर फर्जी विज्ञापन चलाने का आरोप लगा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए नकली विज्ञापन चलाया है जिससे लोग उनका प्रोडक्ट खरीदें। पतंजलि ने कोरोना के समय अपनी दवा को बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन का इस्तेमाल किया था। इसके लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उन पर 17 अगस्त 2022 को याचिका दायर की गई। उन्होंने अपनी दवाई से कुछ बीमारियों को खत्म करने का दावा किया था।
याचिका दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन बंद करने का आदेश दिया था जिसका पालन पतंजलि ने नहीं किया। कोर्ट के आदेश का पालन न करने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। अब बाबा और आचार्य ने कोर्ट से माफीनामा के जरिए कहा कि वह सारे भ्रामक विज्ञापन को बंद कर देंगे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर उनके आदेश का पालन नहीं किया गया तो वह हर एक विज्ञापन पर एक करोड़ का जुर्माना लगाएगी।
रामदेव भड़के पत्रकार पर भी
भ्रामक विज्ञापन के अलावा भी बाबा रामदेव पर एक पत्रकार से बुरे तरीके से बात करने का आरोप लगा हुआ है। बाबा रामदेव ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के समर्थन में एक टिप्पणी दी थी और कहा था की सरकार ऐसी चुनो जो पेट्रोल के दाम कम करें। इस टिप्पणी को लेकर एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा था कि ” आपने तो कहा था पेट्रोल ₹40 और सिलेंडर ₹300 की सरकार होनी चाहिए”। इस पर बाबा रामदेव भड़क के बोले की “तेरे प्रश्न बहुत हो गए तू अब चुप हो जा और हां मैंने ऐसा कहा था अब क्या पूंछ पाड़ेगा मेरी”?
हम अक्सर सुनते हैं की आचार्य , ऋषि ,बाबा शांत स्वभाव के पाए जाते हैं पर बाबा रामदेव ने अक्सर ऐसा साबित किया है कि उनमें कितना गुस्सा है। क्या इस बात से यह कहना सही होगा कि उनकी तपस्या में कोई कमी रह गई हो?
बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के आगे अपना गुनाह कबूल करके यह तो बता ही दिया है कि उनकी कंपनी भ्रामक विज्ञापन के जरिए लोगों को गुमराह कर रही थी ? बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बनाती है। अब क्या यह मानना सही होगा कि उनकी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स में भी कोई झोल है? अपने घुटने टेक के हार कबूल करने से यह चीज तो स्पष्ट हो गई है कि अब तक पतंजलि विज्ञापन के जरिए आम जनता को भ्रम जाल मे रखा करती थी। अब सवाल यह उठाता है की क्या आम जनता उनके आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स पर अब विश्वास कर पाएंगी ?
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