लोहगढ़ में पांच घंटे में एक आवारा कुत्ते ने 10 लोगों को काट खाया
अवारा कुत्ता मासुम बच्चों को जमीन पर लिटाकर नौंचा ,तीन महीने से डॉग पौंड पड़ा है बंद
पिछले लंबे समय से आवारा कुत्ते शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। इस समय शहर के हर बाजार और गली-मोहल्ले में आवारा कुत्ते घूमते दिखाई देते हैं। लोहगढ़ में पांच घंटे में एक आवारा कुत्ते ने 10 लोगों को काट खाया जिनमें बड़ों से बच्चे तक शामिल हैं। कुत्ते के काटने की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है, जिसमें एक अवारा कुत्ता मासुम बच्चों को जमीन पर लिटाकर नौंच रहा है। बता दें कि आवारा कुत्तों के आतंक से सताए रोजाना 10 से 15 लोग ढकौली अस्पताल में एंटी रैबिज का टीका लगवाने के लिए पहुंचते है। हैरानी की बात तो यह है कि 25 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक ढकौली अस्पताल में एंटी रेबिज वेक्सिन थी ही नहीं। कुत्तों से काटे गए मरीज या तो पंचकूला या फिर चंडीगढ़ जीएमसीएच-32 से अपना ईलाज करवा रहे थे। सिविल सर्जन मोहाली संगीता जैन के मामला संज्ञान में लाने के बाद एंटी रेबिज वेक्सिन ढकौली अस्पताल में पहुंचाई गई है।
बता दें कि लोहगढ़ क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे से लेकर शाम साढ़े 5 बजे तक 10 लोगों को आवारा कुत्ते ने काट लिया था, जिसमें बड़ों से लेकर मासुम बच्चे तक शामिल हैं। इनमें तीन से चार मरीज ऐसे थे जिन्हें जीएमसीएच-32 भर्ती करवाया है। बाकी लोगों ने पंचकूला या अन्य क्लीनिक से ईलाज करवाया है क्योंकि ढकौली क्षेत्र में एंटी रेबिज वेक्सिन खत्म हो चुकी थी। जिन लोगों को कुत्तों ने ज्यादा काटा है उनमें 72 वर्षीय माया दास, 50 वर्षीय याद राम, 25 वर्षीय हरि ओम, 8 साल का शिवा और 3 साल 5 महीने का रियांश शामिल है। इन्हें कूत्ते ने बूरी तरह से काटा था। बता दें कि आवारा कुत्तों को पकडऩे के लिए कावा संस्था को ठेका दिया हुआ था, लेकिन पिछले तीन महीने से डॉग पौंड बंद पड़ा होने के कारण आवारा कुत्तों की स्ट्रलाइजेशन भी नहीं हो रही। कावा को सेंटर सरकार से एनओसी ना मिलने के चलते यह काम बंद है। इसके चलते आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।ये आवारा कुत्ते वाहन चालकों पर भौंकते हैं और काटने के लिए पीछे दौड़ते हैं। इस कारण कई बार राहगीर गिरकर घायल भी हो चुके हैं। इसके चलते लोगों में दहशत का माहौल बना रहता है।
पहले भी हो चुकी है कुत्तों के काटने की अनगिनत घटनाएं
जीरकपुर शहर में इससे पहले भी कुत्तों के काटने की अनगिनत घटनाएं हो चुकी हैं जिसके कारण प्रतिदिन कम्युनिटी सेहत के अंदर ढकोली में चार से पांच नए कुत्ते के काटने के कैसे आते हैं और हर महीने कुत्ते के काटने के 100 के करीब नए कैसे आते हैं इसके अलावा लोगों द्वारा अपने स्तर पर प्राइवेट क्लीनिंग को पर तथा दूसरी जगह जैसे के चंडीगढ़ पंचकूला अथवा डेरा बस्सी से इलाज करवाया जाता है अगर कल संख्या देखी जाए तो हर महीने 200 से अधिक कुत्ते के काटने की घटनाएं जीरकपुर शहर में होती है जिसके चलते शहर के लोग परेशान हैं। करीब 6 महीने पहले शहर में एक आवारा कुत्ते द्वारा एक छोटे से बच्चों के गुप्तांग को काट लिया था इसके बाद उसे बच्चों को पीजीआई में उपचार के लिए भेजा गया था और वहां पर उसका ऑपरेशन हुआ था। शहर में ऐसी बढ़ रही घटनाओं से चिंतित लोगों ने कहा है कि या तो प्रशासन को आवारा कुत्तों की स्टेरलाइजेशन करने वाला अस्पताल चालू कर देना चाहिए अथवा पहले की तरह फिर से आवारा कुत्तों को रिहायशी क्षेत्र से पकड़ने वाली टीम तैयार की जानी चाहिए।
कावा को पत्र लिखकर जल्द एनओसी लेने के लिए कहा जाएगा। जब तक एनओसी नहीं आती तब तक नगर काउंसिल डॉग कैचर टीम को दोबारा एक्टिवेट किया जाएगा। : आशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी जीरकपुर
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