जेजेपी में भगदड़ : घुटनों पर आई जेजेपी, आई अभय चौटाला की याद
हरियाणा में 4.5 साल सत्ता की मलाई खाने के बाद अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा जजपा के अलग होने के साथ ही संभवत जननायक जनता पार्टी के दिन ठीक नहीं चल रहे। पहले तो परायों (बीजेपी) ने किनारा किया। अब अपने भी किनारा करते जा रहे हैं। हालत यह हो गए हैं कि हरियाणा सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला का कई जगह पर जब विरोध हुआ तो अब उनकी माता नैना चौटाला ने कमान संभाली और किसानों से माफी मांगी है और कहां है कि दुष्यंत चौटाला ने जब वह सांसद थे तब किसानों के हक की बात संसद में उठाई थी मगर क्योंकि हरियाणा में उनके पास वह पावर नहीं थी कि वह किसानों की बात रख सकते हैं। ना दुष्यंत गृहमंत्री थे, जो किसानों को हरियाणा में आने से रोक सकते। यह तो भारतीय जनता पार्टी का बुरा भला किया हुआ है। भुगतना बिल्कुल हमें इस तरीके से भुगतना पड़ रहा है जिस तरीके से गेहूं के साथ खून पिसता है।
अभय चौटाला की आयी याद और अजय चौटाला बोले
चौटाला परिवार को अब एक होने की जरुरत समझ आई है। विभिन्न समाचार पत्रों की खबरों को अगर सच मान लिया जाए तो अजय चौटाला ने अभय चौटाला से एक होने की गुहार लगाई है। अजय चौटाला ने कहा है कि अगर अभय चौटाला बुलाएंगे तो हम उनके घर जाएंगे मगर बुलावा उन्हें देना पड़ेगा।
क्यों बन गई है स्थिति
दरअसल ऐसी स्थिति इसलिए बनी कि बीते तीन-चार दिनों के अंदर ही जननायक जनता पार्टी में एक तरीके से पतझड़ आया है। जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशांत सिंह के इस ऐलान के साथ, मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं, लगातार ऐसी स्थिति सामने आ रही हैं। इस्तीफा देने के बाद लोग अलग-अलग पार्टी में शामिल भी हो रहे हैं कोई कांग्रेस की तरफ देख रहा है तो कोई बीजेपी की तरफ।
दुष्यंत कहां पर खा गए मात ?
दरअसल पिछले काफी समय से इस बात की चर्चा चल रही थी कि जेजीपी और बीजेपी बहुत जल्द ही अलग हो जाएंगे। कई बार कई मुद्दों पर जेजेपी के विधायक जेजेपी के खिलाफ जाकर बोलते थे जिसको कंट्रोल दुष्यंत चौटाला संभावित नहीं कर पाए। अंदर ही अंदर कुछ ऐसी जमीन पटती रही और चौटाला परिवार उसको भांप नहीं पाया। उसमें अंतिम कील ठोक दी लोकसभा चुनाव ने। लोकसभा चुनाव में भाजपा जननायक जनता पार्टी को हरियाणा में एक सीट दे रही थी जबकि जजपा दो सीटों के लिए अडी हुई थी। मामला यहीं से बिगड़ा और भाजपा ने बिना बताए जजपा से अपना दामन अलग कर लिया।
क्या अभय चौटाला साथ लेंगे जेजेपी को
अजय चौटाला ने अभय चौटाला से साथ होने की गुहार लगाइ है। मगर पिछले कई सालों से दोनों एक दूसरे के सामने ही खड़े नजर आए हैं। मगर साहब यह राजनीति है यहां कुछ भी हो सकता है। कब दुश्मन रातों-रात गले लग जाते हैं पता भी नहीं चलता। तो अगर लोकसभा चुनाव के पहले चौटाला परिवार अगर फिर से एक होकर के पूरी ताकत चुनाव लड़ता है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
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