जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते शनिवार को अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई। प्रशासन ने उत्तर और दक्षिण कश्मीर के दोनों बेस कैंप से यात्रा रोकने का निर्णय लिया। अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश के कारण बालटाल (उत्तर कश्मीर) और नुनवान (पहलगाम, दक्षिण कश्मीर) बेस कैंप से यात्रियों की आवाजाही फिलहाल स्थगित कर दी गई है। बालटाल बेस कैंप से गुफा मंदिर तक पैदल या टट्टुओं पर 14 किलोमीटर का सफर करना होता है, जबकि नुनवान बेस कैंप से 48 किलोमीटर का रास्ता चार दिनों में तय किया जाता है।
पहलगाम-गुफा मंदिर मार्ग में विभिन्न चरण शामिल हैं: पहलगाम से चंदनवारी (24 किलोमीटर), चंदनवारी से शेषनाग (13 किलोमीटर), शेषनाग से पंचतरणी (5 किलोमीटर) और पंचतरणी से गुफा मंदिर (6 किलोमीटर)। बालटाल मार्ग से जाने वाले तीर्थयात्री एक ही दिन में ‘दर्शन’ करके वापस लौट आते हैं।
अमरनाथ गुफा मंदिर में शुक्रवार को 20 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, जिससे अब तक बर्फ के प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1.50 लाख से अधिक हो गई है। 29 जून को शुरू हुई इस यात्रा में शुक्रवार को 21,650 तीर्थयात्रियों ने बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पवित्र गुफा में दर्शन करने वालों में 15,151 पुरुष, 4,147 महिलाएं, 374 साधु और दो साध्वी शामिल थे। 1,700 से अधिक सुरक्षाकर्मी, एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति और 275 बच्चों ने भी इस तीर्थयात्रा में भाग लिया। अब तक 1,51,946 श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,800 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। 52 दिवसीय यह यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और 19 अगस्त को समाप्त होगी।
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