राष्ट्रपति के खिलाफ शिकायत पहुंची सुप्रीम कोर्ट
राष्ट्रपति के सचिव सहित चार लोगों को बनाया गया पार्टी
संभवतह भारत के इतिहास में पहली बार
खबरी प्रशाद दिल्ली
रीतेश माहेश्वरी / प्रेरणा ढींगरा
केरल सरकार ने कहा हमारे चार बिलों को नहीं किया जा रहा पास
केरल सरकार ने असामान्य कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सभवतह भारत के इतिहास में कभी ऐसा कदम नहीं उठाया गया होगा । इस बार सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है । राज्य विधानसभा से पारित चार विधायकों को मंजूरी न मिलने पर राष्ट्रपति के खिलाफ केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई।
शिकायत मे क्या कहा केरल सरकार ने
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायती पत्र देते हुए कहा राष्ट्रपति उनके राज्य के चार बिलों को मंजूरी नहीं दे रही है और उनके बिलो को लंबित रखा जा रहा है। आपको बता दे कि ऐसा भारत के इतिहास में शायद पहली बार हुआ है की भारत के किसी राष्ट्रपति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई हो, हालांकि उन चारों विधायकों को राज्य विधानसभा पास कर चुकी है। केरल सरकार ने विधानसभा में चार बिलों को पास करने के बाद उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा लेकिन था । यूनिवर्सिटी लॉज (अमेंडमेंट) (नंबर 2) बिल 2021, द केरल सरकार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज (संशोधन) बिल 2022, द यूनिवर्सिटी लॉज (अमेंडमेंट) बिल 2022 और द यूनिवर्सिटी लॉज (अमेंडमेंट) (नंबर 3) बिल 2022 को राष्ट्रपति ने लंबित किया हुआ है।
केरल सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति ने आर्टिकल 14 का उल्लंघन किया है। उनका कहना है कि भारत के राष्ट्रपति को बिना किसी कारण के चार विधायकों को रोकने का अधिकार नहीं है।
भारत के राष्ट्रपति के पास क्या है अधिकार
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी के अनुसार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार राष्ट्रपति राज्यपाल अथवा राज्य के प्रमुख के पास यह अधिकार है कि वह अपने पद एवं शक्तियों के प्रयोग के लिए किसी भी न्यायालय के प्रति जवाबदेह नहीं होंगे ।
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