बाते गुजरे जमाने की : राम तेरी गंगा मैली की “मंदाकिनी” का असली नाम क्या था ?
30 जुलाई 1963 को मंदाकिनी का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नामी शहर मेरठ में हुआ था। माता पिता ने मंदाकिनी का नाम रखा था यास्मीन। इनके पिता का नाम जोसेफ था और वो एक ब्रिटिशर थे। इस तरह इनका पूरा नाम था यास्मीन जोसेफ। इनकी मां का नाम था मुन्नी और वो एक कश्मीरी मुस्लिम थी। जोसेफ संग उनकी दूसरी शादी हुई थी।
पहली शादी से उन्हें एक बेटी थी जिसका नाम था परवीन खान। यास्मीन के दो भाई और एक बहन और थी। यासमीन के बड़े भाई का नाम है भानू और छोटे भाई का नाम है रुस्तम। यासमीन की बहन का नाम छोटी था। वो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित थी और साल 2013 में उनकी मौत हो गई। आपको बता दें कि यास्मीन के भाई-बहनों की कोई तस्वीर इंटरनेट या किसी और पब्लिक डोमेन पर मौजूद नहीं है।
खूबसूरती ने खोला फिल्म इंडस्ट्री का दरवाज़ा
चूंकि यास्मीन बहुत खूबसूरत थी तो हर कोई इन्हें देखकर यही कहता था कि ये लड़की एक दिन ज़रूर कोई हिरोइन बनेगी। लोगों से मिलने वाली इस तारीफ ने कम उम्र से ही यास्मीन को फिल्म इंडस्ट्री की तरफ अट्रैक्ट करना शुरू कर दिया था। कम उम्र से ही ये फिल्मों में हिरोइन बनने का ख्वाब देखने लगी थी।
अस्सी के दशक की शुरुआत से यास्मीन ने फिल्मों में काम हासिल करने लिए मेहनत करना शुरू कर दिया था। सनी देओल की डेब्यू फिल्म बेताब और फिर 1983 में आई लावा के लिए इन्होंने ऑडिशन भी दिया था। लेकिन तब यास्मीन की किस्मत ने इनका साथ नहीं दिया और वो फिल्में इन्हें ना मिल सकी।
कुमार गौरव ने दिखाया घमंड
यास्मीन की किस्मत ने उस वक्त एक करवट ली थी जब कुमार गौरव के साथ इन्हें एक अघोषित फिल्म के लिए चुन लिया गया था। मगर उन्हीं दिनों कुमार गौरव अपनी पहली फिल्म लव स्टोरी की सक्सेस के बाद नए नए स्टार बने थे।
उन्होंने स्टार्स वाला नखरा दिखाया और कह दिया कि अपनी पहली हिरोइन विजेता पंडित को छोड़कर अब वो और किसी नई एक्ट्रेस के साथ फिल्म नहीं करेंगे। कुमार गौरव के इस फैसले का नतीजा ये हुआ कि यास्मीन के हाथ से वो फिल्म निकल गई। यास्मीन को निराशा तो काफी हुई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
असल में ये थी यास्मीन की पहली फिल्म
यास्मीन ने कुछ ऐसी फिल्में भी साइन की जो कभी बन ही नहीं पाई। मगर 1985 में यास्मीन को एक ऐसी फिल्म मिल गई जिसने उनको फिल्म स्टार्स और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के बीच उठने-बैठने का मौका दिला दिया। ये फिल्म थी मज़लूम और यास्मीन ने इसे सन 1985 में साइन किया था। फिल्म के प्रोड्यूसर थे रंजीत विर्क और उन्हीं के साथ यास्मीन को फिल्मी पार्टियों में जाने का मौका मिलने लगा था। रंजीत विर्क ने इन्हें माधुरी नाम दिया था।
मेरठ की यास्मीन ऐसे बनी मंदाकिनी
एक फिल्मी पार्टी में ही शोमैन राज कपूर की नज़र यास्मीन पर नज़र पड़ी थी। उन दिनों राज कपूर अपने छोटे बेटे राजीव को बॉलीवुड में लॉन्च करने की तैयारी कर रहे थे और राम तेरी गंगा मैली नाम की फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहे थे।
फिल्म के लिए उन्हें एक हिरोइन की तलाश थी। यूं तो उन्होंने डिंपल कपाड़िया को लगभग फाइनल कर ही लिया था। मगर जब राज कपूर ने यास्मीन को देखा तो डिंपल को अपनी फिल्म में लेने का इरादा उन्होंने ड्रॉप कर दिया।
राज कपूर ने यास्मीन को राम तेरी गंगा मैली में काम करने का ऑफर दिया जिसे यास्मीन ने बिना देर किए स्वीकार कर भी लिया। ये राज कपूर ही थे जिन्होंने मेरठ की यास्मीन जोसेफ को उनका फिल्मी नाम मंदाकिनी दिया था। वो नाम जो अब उनकी पहचान बनने वाला था।
बोल्ड सीन्स करके हो गई मशहूर
राम तेरी गंगा मैली में कुछ ऐसे सीन थे जो बेहद बोल्ड थे। लेकिन मंदाकिनी ने बिना किसी झिझक के वो सीन पूरे परफेक्शन के साथ शूट किए। वो सभी सीन इतने लोकप्रिय हुए कि फिल्म पूरी तरह से मंदाकिनी की फिल्म बन गई। राम तेरी गंगा मैली बहुत बड़ी हिट साबित हुई।
लेकिन राजीव कपूर को इस फिल्म की सफलता से कोई फायदा नहीं हुआ। यास्मीन को मिली लोकप्रियता से राजीव कपूर को बहुत बुरा लगा। उन्हें लगा कि उनके पिता राज कपूर ने फिल्म में उनसे ज़्यादा हिरोइन पर ध्यान दिया। राजीव को हुई इस गलतफहमी का नतीजा ये हुआ कि वो अपने पिता राज कपूर से नाराज़ रहने लगे।
दोबारा कभी ना मिली वैसी सफलता
दूसरी तरफ राम तेरी गंगा मैली की सफलता के बाद मंदाकिनी कामयाबी के शिखर पर पहुंच गई थी। बैक टू बैक उन्होंने कई सारी फिल्में साइन की। हालांकि राम तेरी गंगा जैसी कामयाबी मंदाकिनी को फिर कभी नहीं मिल पाई।
पहली फिल्म के बाद
इक्का-दुक्का फिल्में ही ऐसी रही जिनमें मंदाकिनी के काम की तारीफ हुई। लेकिन बाकी दूसरी फिल्मों में इनके किरदार बहुत ज़्यादा दमदार नहीं रहे। मंदाकिनी ने रंजीत विर्क की फिल्म मज़लूम सबसे पहले साइन की थी।
लेकिन राम तेरी गंगा मैली में बिज़ी होने के चलते वो इस फिल्म पर बहुत ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाई। नतीजा ये हुआ कि ये फिल्म राम तेरी गंगा मैली से एक साल बाद यानि 1986 में रिलीज़ हुई। इसी वजह से रंजीत विर्क मंदाकिनी से काफी नाराज़ भी रहने लगे थे।
मर्फी बॉय से कर ली
मंदाकिनी ने लगभग पचास फिल्मों में काम किया था। मंदाकिनी का करियर जब अपने पूरे उरूज़ पर था, तब ही उन्होंने डॉक्टर कग्यूर टी रिनपोचे ठाकुर से शादी कर ली थी। तिब्बती मूल के डॉक्टर ठाकुर मंदाकिनी से मिलने से पहले एक बौद्ध भिक्षू हुआ करते थे।
डॉक्टर ठाकुर दलाई लामा के भी फॉलोवर हैं। 70 के दशक में मर्फी के मशहूर एडवरटाइज़मेंट में नज़र आया वो क्यूट बच्चा दरअसल, मंदाकिनी के पति डॉक्टर कग्यूर टी रिनपोचे ठाकुर ही थे।
जब दाऊद संग जुड़ा मंदाकिनी का नाम
शादी के कुछ साल बाद ही मंदाकिनी उस वक्त विवादों में आ गई जब अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के साथ इनकी कुछ तस्वीरें सामने आई। उन तस्वीरों में ये दाउद संग दुबई में मैच देख रही हैं। ये तस्वीरें सामने आने के बाद मंदाकिनी के बारे में अफवाह उड़ने लगी कि इन्होंने दाउद से शादी कर ली है और दाउद के बच्चे की मां भी बन चुकी हैं।
हालांकि मंदाकिनी ने इन खबरों को कोरी बकवास बताया था। उन्होंने कहा था कि वो दाउद को जानती ज़रूर हैं। लेकिन उसके गैर कानूनी धंधों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। ना ही दाउद संग उनका कभी कोई अफेयर रहा है। शादी और बच्चे का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
वक्त के साथ दाउद वाली इस कंट्रोवर्सी से तो मंदाकिनी बाहर आ गई। लेकिन इसका बहुत बुरा असर उनके करियर पर पड़ा। मंदाकिनी को अच्छी फिल्में मिलनी बंद हो गई। और धीरे-धीरे मंदाकिनी फिल्म इंडस्ट्री से दूर होती चली गई। मंदाकिनी की आखिरी फिल्म थी ज़ोरदार जो कि साल 1996 में आई थी।
गायक भी थी मंदाकिनी
मंदाकिनी को गाने का भी काफी शौक था। मंदाकिनी ने नो वैकेंसी और शम्बाला नाम से दो म्यूज़िक एल्बम भी निकाली थी। वहीं नामी म्यूज़िक डायरेक्टर रहे बप्पी लहरी संग भी मंदाकिनी ने साल 1986 में डांसिंग सिटी नाम का एक एल्बम रिलीज़ किया था।
ओरिजिनली बप्पी दा ने ये एल्बम नाज़िया हसन के साथ रिकॉर्ड किया था। लेकिन बाद में नाज़िया संग बप्पी दा की बात बिगड़ गई और बप्पी दा ने नाज़िया की जगह मंदाकिनी से इस एल्बम के सभी गीत रिकॉर्ड कराए।
बेटे संग कर रही हैं कम बैक
मंदाकिनी इन दिनों अपने परिवार संग मुंबई में रहती हैं। इनका एक बेटा है जिसका नाम है रब्बिल। बेटे रब्बिल के साथ ही मंदाकिनी एक बार फिर से अपना कमबैक करने जा रही हैं। जल्द ही मंदाकिनी और उनके बेटे पर पिक्चराइज़ हुआ एक म्यूज़िक वीडियो रिलीज़ होने वाला है जिसका टाइटल है मां ओ मां।
मंदाकिनी के बेटे रब्बिल ने बुशरा बट्ट से शादी की है। बुशरा बट्ट को देखकर लोगों को लगता है जैसे वो कोई मॉडल या एक्ट्रेस हैं। हालांकि बुशरा फिल्म प्रोडक्शन के काम से जुड़ी हैं। मंदाकिनी की एक बेटी भी है जिसका नाम रब्ज़े इनाया है।
एक दौर में जवां दिल लड़कों की धड़कन रही मंदाकिनी अब बुद्धिस्ट तौर तरीकों से अपनी ज़िंदगी गुज़ार रही हैं। मुंबई में मंदाकिनी तिब्बतन योगा सेंटर चलाती हैं। जबकी इनके पति इनके साथ ही एक तिब्बतन हर्बल सेंटर चलाते हैं ।
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