राहुल गांधी ने दिया स्मृति ईरानी का साथ, दुश्मनी क्या दोस्ती में बदल गई?
स्मृति ईरानी के बचाव के लिए राहुल गांधी आए सामने। अपने X अकाउंट पर पोस्ट करके किया बचाव। एक तरफ सरकारी आवास खाली करने के लिए सोशल मीडिया पर उड़ा स्मृति ईरानी का मजाक, तो वही वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी स्मृति ईरानी का साथ देते हुए नजर आए।
आपको बता दे की लोकसभा चुनाव से पहले जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और स्मृति ईरानी एक दूसरे पर बंदूक ताने हुए नजर आ रहे थे तो वहीं अब राहुल गांधी स्मृति ईरानी का बचाव करते हुए भी पाए गए। लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मिली हार के बाद उन्होंने दिल्ली स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री को लुटियंस दिल्ली में 28 तुगलक क्रिसेंट बंगला मिला हुआ था। बंगला खाली करने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग स्मृति ईरानी के ऊपर टिप्पणी करते हुए नजर आए। उन पर की जाने वाली टिप्पणी का राहुल गांधी ने जवाब दिया है। राहुल गांधी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अपमानजनक भाषा का प्रयोग ना करें।
राहुल गांधी ने किया एक्स पर पोस्ट
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा,”जीवन में हार-जीत तो होती रहती है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे श्रीमती स्मृति ईरानी या किसी अन्य नेता के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने और बुरा व्यवहार करने से बचें। लोगों को अपमानित करना और उनका अपमान करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं।”
Winning and losing happen in life.
I urge everyone to refrain from using derogatory language and being nasty towards Smt. Smriti Irani or any other leader for that matter.
Humiliating and insulting people is a sign of weakness, not strength.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 12, 2024
भारतीय जनता पार्टी ने किया वार
राहुल गांधी का बचाव करना भी भाजपा को भाया नहीं। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए कहां है कि “इस पोस्ट को री-पोस्ट करते हुए लिखा,यह अब तक का सबसे कपट से भरा मैसेज है। कांग्रेस नेताओं को भेड़ियों की तरह एक ऐसी महिला नेता के पीछे हमला किया, जिन्होंने राहुल गांधी को अमेठी में हराया और उनके अहंकार को चूर-चूर कर दिया। इन सब बकवासों से इस तथ्य को छुपा नहीं सकता है कि स्मृति ईरानी ने बालक बुद्धि को अमेठी छोड़ने के लिए मजबूर किया।”
This is the most disingenuous message, ever. After unleashing Congress leaders, like a pack of wolves, on the woman who defeated him in Amethi and smashed his arrogance to smithereens, this is rich. All this gibberish doesn’t take away from the fact that Smt Smriti Irani forced… https://t.co/cMo0IuU4FR
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 12, 2024
लोकसभा चुनाव के वक्त स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को क्या कहा?
लोकसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। उस समय स्मृति ईरानी ने कहा था कि “गांधी परिवार का कोई भी सदस्य अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहा है, यह अपने आप में एक संकेत है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही अमेठी से अपनी हार स्वीकार कर ली है।”
चुनाव के समय जो एक दूसरे का गला पकड़ने के लिए तैयार बैठे थे अब उनकी दुश्मनी खत्म होते हुए नजर आ रही है। बचाव को देखकर क्या यह कहना सही होगा कि इन दोनों की दुश्मनी दोस्ती में बदल गई है? राहुल गांधी का स्मृति ईरानी को लेकर बचाव इस बात का संकेत देता है कि नेताओं की दुश्मनी चुनाव के समय तक की सीमित होती है। उसके बाद सबके अंदर भाई बहन का प्यार उमड़ जाता है। हालांकि एक बात सच है कि लोकतंत्र में हार जीत चलती रहती है पर चुनाव के समय नेताओं का एक दूसरे पर आरोप लगाना और बाद में एक दूसरे के साथ हो जाना कितना सही और कितना गलत?
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