प्यार का एग्रीमेंट : 7 दिन पत्नी के साथ तो सात दिन प्रेमिका के साथ रहना होगा , कोर्ट का फैसला
एक अनार दो बीमार, 7 दिन प्रेमिका और 7 दिन घरवाली
प्रेरणा ढींगरा
बाजीराव मस्तानी एक प्रेम कथा है, जिसमें बाजीराव मस्तानी के बीच प्यार हो जाता है और उस प्यार की सजा काशीबाई को मिलती है। हर कोई बाजीराव और मस्तीतानी के प्यार को याद रखता है, लेकिन असल जिंदगी में ना तो कोई लड़की काशीबाई बनना चाहेगी और ना ही कोई मस्तानी। अक्सर हमने सुना है कि लोग घरवाली बाहरवाली के बीच में फस के रह जाते हैं। लेकिन क्या आपने घरवाली और बाहरवाली के बीच में प्यार का एग्रीमेंट सुना है? ऐसा एग्रीमेंट जो एक लड़की को मस्तानी बना दे तो दूसरी लड़की को काशीबाई।
इंदौर जिले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जहां प्यार का एग्रीमेंट बनाया गया था।आपको बता दे की इंदौर जिला अदालत ने 34 साल के विवाहित पुरुष के हक में फैसला सुनाया है, जिसके ऊपर बलात्कार और गर्भवती करने का आरोप था। केस में अदालत का कहना था कि पति और प्रेमिका के बीच पहले से ही लिखित एग्रीमेंट बनाया गया था। प्रेमिका को पहले से ही पता था कि पुरुष की शादी हो रखी है और फिर भी वह उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रही। इसके लिए प्रेमिका और पति दोनों ही आपस में तैयार थे।
पूरा मामला क्या था?
दरअसल, 27 जुलाई 2021 के दिन भवरकुआं पुलिस थाने में 29 साल की महिला ने शिकायत दर्ज करवाई की आरोपी ने शादी का वादा करके उसके साथ बलात्कार किया और उसे गर्भवती किया। प्रेमिका का कहना था कि विवाहित प्रेमी ने उसको हॉस्टल में बुलाया और वहां पर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया, इसके बाद वह गर्भवती हो गई। प्रेमिका का कहना था कि बच्चे को गिरवाने के लिए उस पुरुष ने उसको विटामिन डी की गोली बात कर अबॉर्शन पिल खिला दी। यही नहीं बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी थी। इन्हीं सब बातों को लेकर प्रेमी पर प्रेमिका ने केस दर्ज करवाया। 15 अगस्त 2021 को उसे गिरफ्तार किया गया और इसके बाद आरोपी ने 200 दिन जेल में बिताए। 2 मार्च 2022 को प्रेमी जमानत पर रिहा हो गया।
इसके बाद एडिशनल सेशन जज जयदीप सिंह ने विवाहित प्रेमी को धारा 376 (2), धारा 313 और 506 के तहत आरोपों से बरी कर दिया।
अब कोर्ट का क्या फैसला है?
कोर्ट ने अब फैसला सुनाया है कि आरोपी शादीशुदा है और वह एक हफ्ते अपनी प्रेमीका और एक हफ्ते अपनी पत्नी के साथ रहेगा। इसका मतलब है 7 दिन घरवाली और 7 दिन बाहर वाली के साथ रहेगा शादीशुदा प्रेमी। उनका कहना है कि सब कुछ जानते हुए भी प्रेमिका उस पुरुष के साथ रही जिससे यह साबित होता है कि वह रिश्ते के लिए राज़ी थी।
एडवोकेट ने एग्रीमेंट के बारे में बताया और कहा कि “युवती एक हॉस्टल में वार्डन थी। उसकी युवक से मुलाकात हुई। युवक के शादीशुदा होने की जानकारी होने के बाद युवती ने इस तरह का कॉन्ट्रैक्ट बनाया। युवक और युवती के बीच कॉन्ट्रैक्ट हुआ। जिसमें 7 दिन जब युवक की इच्छा होगी तो उस दौरान वह अपनी पत्नी और बच्चों से मिल सकता है। इस दौरान यदि जिस युवती के साथ वह रह रहा है, उसकी इच्छा हुई तो वह भी जा सकती है. इस दौरान युवक उसको नहीं ले जाने को लेकर आपत्ति नहीं ले सकता. इसी के साथ युवती ने कांट्रेक्ट बनाकर लिव-इन में रहना पसंद किया था।”
अदालत ने अपना फैसला सुनाते वक्त कहा कि “महिला ने 15 जून, 2021 को उस व्यक्ति के साथ एक समझौता किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि वह पहले से ही शादीशुदा है और एक सप्ताह के लिए उसके और उसकी पत्नी के साथ बारी-बारी से रहेगा। समझौते में यह भी कहा गया कि महिला और पुरुष पिछले दो साल से रिलेशनशिप में थे।”
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर क्या है कानून?
भारत में अगर पति तलाक दिए बगैर किसी दूसरी महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहता है या उसके साथ किसी तरीके का चक्कर चलता है, तो उसे दोषी करार किया जा सकता है। इसे भारत में दूसरी शादी के समान माना गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया था 2023 में एक फैसला
वैसे तो एक पत्नी के होते हुए दूसरी लड़की के साथ रहना कानून की नजरों में जुर्म माना गया है, पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 2023 में एक मामले के चलते फैसला सुनाया था कि अगर दो लोग लंबे समय से शादीशुदा होने के बावजूद भी एक साथ नहीं रहते हैं और उनके रिश्ते में किसी भी तरीके का कोई सुधार नहीं होता है, तो वह दोनों ही किसी और के साथ लिव इन में रह सकते हैं।
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