अब इंटरनेट बंदी को लेकर पंजाब और केंद्र सरकार आई आमने सामने
खबरी प्रशाद, चंडीगढ़: पंजाब के तीन जिलों में इंटरनेट बंद किए जाने का ऐलान किया गया है। पंजाब के तीन जिलों में इंटरनेट बंद किए जाने का आदेश सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिया गया है। इस मामले में पंजाब सरकार की कोई भी सहमति नहीं है। पंजाब के तीन जिलों में इंटरनेट बंदी को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के साथ कड़ी आपत्ति जताई है और उन्होंने इंटरनेट सेवा तुरंत बहाल किए जाने की मांग की है।
इंटरनेट बंदी को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से जताई आपत्ति
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने कहा है पंजाब के तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करना पूरी तरीके से गलत है। इस मामले में केंद्र सरकार से आपत्ति दर्ज कराई गई है और इस पूरे मामले को खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान संज्ञान ले रहे हैं।
इंटरनेट बंदी के पहले पंजाब की सीमा में हरियाणा पुलिस प्रशासन द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने को लेकर भी विवाद छिड़ चुका है। पटियाला जिले के उपायुक्त ने अंबाला जिले के उपायुक्त को पत्र लिखकर पंजाब में ड्रोन से आंसू गैस के गले न डालने का आग्रह किया था जिसको लेकर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विच आक्रामक हो गए थे।
कानून के जानकार बताते हैं यह आदेश गलत
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता अनिल सोनी का कहना है कि जब तक देश में कोई अखंडता और सिक्योरिटी जैसी खतरे की घंटी ना बज रही हो तब तक इंटरनेट को बंद नहीं किया जा सकता। किसान आंदोलन के दौरान ऐसी कोई भी स्थिति बनती हुई नजर नहीं आ रही है ना ही अब तक बनी है। ऐसे में केंद्र सरकार का इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया जाना समझ में नहीं आता है।
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