पूना पोर्स कार मामला : आमिर के नाबालिक छोरे ने कार से दो को मारा ,बाप गिरफ्तार
दो लोगों की मौत के मामले में कोर्ट ने सुना दी हल्की सी सजा
प्रेरणा ढिंगरा : पुणे का पोर्श कार हादसा आग पकड़ चुका है। एक नाबालिक लड़के ने अपने पिता की 2 करोड़ वाली पोर्श कार से दो लोगों की जान ले ली है। इस केस के चलते पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है, पर नाबालिक होने के कारण लड़के को 15 घंटे में ही जमानत मिल गई। शराब के नशे में धुत अमीर बाप की अमीर औलाद ने इस अपराध को अंजाम दिया, जिसने कई सारे सवालों को खड़ा कर दिया है।
आपको बता दे की पुणे के अंदर रोड एक्सीडेंट में दो इंजीनियर अनीश और अश्वनी की मृत्यु हो जाती है। पोर्श कार मैं सवार अमीर बिल्डर का 17 साल का बेटा उन्हें टक्कर मार के चला जाता है। नाबालिक लड़के ने भागने की जब कोशिश की तो आसपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया, लेकिन बस 15 घंटे में जमानत पर वह बाहर आ गया। पर अब कहानी ने नया मोड़ लिया है। नाबालिक लड़के के पिता और जिस होटल में उस लड़के ने अपने दोस्तों के संग बैठकर शराब पी थी वहां के मैनेजर को हिरासत में ले लिया है। कहां जा रहा है कि 15 घंटे तक, जब आरोपी पुलिस की हिरासत में था तब भी उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। ऐसी खबर सामने आ रही है कि पुलिस स्टेशन में आरोपी पिज़्ज़ा का लुफ्त उठा रहा था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग भड़के हुए नजर आ रहे हैं। सवाल है कि अगर यह कोई अमीर बाप की औलाद नहीं होता तब भी उसे वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता? और यह वीआईपी ट्रीटमेंट एक आरोपी को मिलना सही है या गलत?
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग होने के बाद एक्शन लिया गया
इस मामले को लेकर महाराष्ट्र पुलिस एक्शन में तब आई जब सोशल मीडिया पर हर जगह लोग सवाल उठाने लग गए। बाद में जब होटल का सीसीटीवी फुटेज का सामने निकल कर आया, जिसमें नाबालिक लड़के को शराब पीता हुआ देखा जा सकता है। 150 की रफ्तार में कार को भगाता हुआ नाबालिक लड़के ने दो लोगो की जान ले ली। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा आरोपी को सड़क हादसे पर निबंध लिखने और यरवदा पुलिस के साथ 15 दिन तक काम करने की सजा सुनाई है। हालांकि, सवाल यह खड़ा होता है कि क्या यह सजा पीड़िता के परिवार पर जो बीती उसका दुख कम कर सकती है? अब क्या पीड़ित के परिवार को जिंदगी भर के लिए दर्द खत्म हो जाएगा ? लोगों का कहना है कि यह सजा जो लोग मरे उनके परिवार के दुख के मुकाबला कुछ भी नहीं है।
नाबालिक होने के कारण लड़के को छोड़ दिया गया, इसके चलते सोशल मीडिया पर लोग संविधान को लेकर भी सवाल उठाने लग गए हैं। उनका कहना है कि क्या भारत का संविधान यही कहता है? इंस्टाग्राम से लेकर फेसबुक तक में फोटो और वीडियो वायरल हो रहा है, जिस पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। यहां तक की पुलिस प्रशासन पर भी लोगों ने सवाल उठने शुरू कर दिए हैं। मामले की जब जांच हो रही थी तब शुरुआती दिनों में पुलिस ने यह कहा की नाबालिक लड़के ने शराब नहीं पी थी, पर आरोपी का सीसीटीवी फुटेज शराब पीते हुए तो कुछ और ही हकीकत को बयान कर रहा है।
पीड़ित परिवार ने क्या कहा ?
आज तक से बातचीत के दौरान पीड़ित परिवारों में से अश्वनी के पिता सुरेश ने कहा कहा कि बेटी ने पढ़ाई वहीं (पुणे) से की थी और जॉब भी वहीं लगी थी उसकी। वह दिसंबर में गई थी। अब हमारे सारे सपने चूर हो चुके हैं।”
अश्विनी के भाई ने बातचीत के वक्त बताया कि “उनकी बहन ने पढ़ाई पुणे से ही की थी और 4 महीने पहले ही जॉब के सिलसिले में वहां वापस शिफ्ट हुई थी। वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। मेरी छोटी बहन थी। अब मैं अकेला रह गया हूं. मेरे पिताजी से वो रोज बात करती थी। उसने बताया था कि खाना खाने बाहर जा रहे हैं, पार्टी के लिए। फिर ये खबर आई। उसके मोबाइल फोन से ही कॉल आया था। उसके दोस्तों ने कॉल किया था घटना के बाद। एक नाबालिग गाड़ी चला रहा था, वो भी इतनी महंगी कार । इतनी स्पीड में था कि उसकी कार दिख भी नहीं रही थी। सुविधाओं का दुरुपयोग दोबारा किसी मामले में न हो, इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए।
संजय राउत ने कमिश्नर पर लगाया आरोप
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत का कहना है कि “एक युवा कपल की हत्या कर दी गई और आरोपी को 2 घंटे के भीतर जमानत दे दी गई। आप उसे पिज्जा-बर्गर परोस रहे हैं, किस लिए? वीडियो में देखा जा सकता है कि वह नशे में था, लेकिन उसकी मेडिकल रिपोर्ट नेगेटिव थी अब वीडियो सामने आया है कि लड़का शराब पी रहा था। हकीकत से सभी वाकिफ थे। आरोपी की मदद कौन कर रहा है? यह पुलिस कमिश्नर कौन हैं? इन्हें हटा दिया जाना चाहिए वरना पुणे के लोग सड़कों पर आ जाएंगे।
पुलिस कमिश्नर ने मामले को लेकर क्या कहा?
पिता की गिरफ्तारी के बाद पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि “हमने छत्रपति संभाजीनगर से किशोर के पिता को हिरासत में लिया है और उन्हें पुणे लाया जा रहा है। उनके खिलाफ दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पता चला है कि इस कार का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था, नाबालिग होने की वजह से आरोपी का ड्राइविंग लाइसेंस भी बना था। नाबालिग के पिता के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आरोपी के पिता ने यह जानते हुए भी कि उसके बेटे के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, उसे कार दे दी जिससे उसने दूसरो की जान खतरे में डाली। इसके साथ ही उसे पार्टी करने की भी इजाजत दे दी, जबकि वह जानता था कि उसका बेटा शराब पीता है।
यही है वह अभागी लड़की जिसकी शराब पीकर एक अमीर जादे ने अपनी कार तले रौंद डाला, और ऊपर से जज साहब ने न्याय दे दिया कि वह तो बच्चा है 15 दिन दुर्घटना के उपायों पर निबंध लिखिए । निश्चित तौर पर यह फैसला आने वाले समय में एक नजीर बनेगा और यह तो दुर्घटना का मामला है कल के दिन बलात्कार के मामलों में भी भविष्य में ऐसे ही फैसला आने के संकेत मिल रहे हैं।
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