Puja Khedkar को IAS उम्मीदवारी रद्द होने का आदेश मिलेगा: UPSC ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया
पूर्व प्रोबेशनरी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने का आदेश उन्हें दो दिन के भीतर उपलब्ध कराया जाएगा। यह जानकारी बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी। UPSC ने कहा कि खेडकर को यह आदेश उनके ईमेल और पिछले पते पर भेजा जाएगा।
इस मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने UPSC के सबमिशन पर गौर करते हुए पूजा खेडकर की याचिका का निपटारा कर दिया। इस याचिका में उन्होंने UPSC द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी उम्मीदवारी को रद्द किए जाने की सूचना दी गई थी।
हाईकोर्ट ने दी CAT जाने की सलाह
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को कानून के अनुसार उचित मंच पर अपील करने की स्वतंत्रता दी जाती है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उसने इस मामले के मेरिट्स पर कोई राय नहीं दी है, और मौजूदा याचिका के दायर होने से उपयुक्त मंच पर इस मामले के निर्णय में कोई बाधा नहीं आएगी।
कोर्ट ने UPSC को आदेश दिया कि खेडकर को आदेश की एक प्रति भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, खेडकर को अपने पते की जानकारी UPSC को प्रदान करने के लिए कहा गया।
यह मामला तब सामने आया जब UPSC ने 31 जुलाई को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया। खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए आवेदन में गलत जानकारी दी और OBC और विकलांगता कोटा के लाभ गलत तरीके से प्राप्त किए।
UPSC का कहना है कि खेडकर ने जानकारी के गलत प्रस्तुतिकरण और धोखाधड़ी के आरोपों का सामना किया है। इसके बाद 1 अगस्त को, एक ट्रायल कोर्ट ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि आरोप गंभीर हैं और इनकी गहन जांच की आवश्यकता है।
अगली कानूनी कार्रवाई
अब खेडकर को अपनी उम्मीदवारी रद्द करने के आदेश को चुनौती देने के लिए सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) जाना होगा। कोर्ट ने कहा कि अगर खेडकर अन्य राहतें चाहती हैं, तो उन्हें इस मामले को CAT में ले जाना होगा।
यह मामला UPSC सिविल सेवा परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, और आगे की कानूनी लड़ाई पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
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