खरी खरी : प्रयागराज के महाकुंभ में क्या-क्या पक रहा है !
प्रयाग राज में चल रहा अपनी तरह का एतिहासिक महाकुंभ 2025 आज की तारीख तक दो बातों के याद रखा जाएगा। पहला मौनी अमावस्या (29 जनवरी 25) के दिन एक सैकड़ा से ज्यादा हताहत-मौत, कुछ जिम्मेदारों की अशोभनीय शर्मनाक बयानबाजी और दूसरा अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाने और संविधान तैयार होने की जानकारी (घोषणा) । एक घंटे में डेढ़ करोड़ लोगों की गिनती करने वाले प्रशासन को भगदड़ में हुई मौतों और हताहतों के सरकारी आंकड़े (30 मौतें) बताने में 17 घंटे लग गये। गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकारी आंकड़े से मौतें और हताहतों की तादाद काफी ज्यादा है। महाकुंभ मेला परिसर में भगदड़ से हुई मौतों और हताहतों पर संवेदना व्यक्त करते हुए महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगदड़ की घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए श्रध्दालुओं के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
वहीं यूपी सीएम अजय सिंह विष्ट (योगी आदित्यनाथ) के सत्ता की मलाई चाट कर मदहोश हो चले मंत्री संजय निषाद ने कहा कि “छोटी मोटी घटनाएं होती रहती हैं”। महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि “इतनी बड़ी घटना नहीं है जितनी बताई जा रही है”। अपने बड़बोलेपन के लिए जगजाहिर आचार्य प्रमोद कृष्णन कहते हैं कि “कुछ कउए कांव – कांव बोल रहे हैं किन्तु कुंभ अपनी गति से चल रहा है अब कउए क्या करेंगे ? वहीं कुंभ मेला एसएसपी राजेश द्विवेदी ने कहा है कि “कोई भगदड़ नहीं हुई है। अत्यधिक भीड़भाड़ थी जिसके कारण कुछ श्रध्दालु घायल हो गए । किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें”। एसएसपी जो घटना स्थल का मौका मुआयना करने के बाद अधिकारिक बयान दे रहे हैं उनने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल है कि झूठा बयान कौन दे रहा है ? गुमराह कौन कर रहा है ? अफवाह कौन फैला रहा है ? झूठी बयानबाजी और अफवाह फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई होगी भी या नहीं ? यूपी सीएम ने एक तरह अच्छा ही किया कि कुंभ में मुस्लिमों की एंट्री बंद कर दी वर्ना मौनी अमावस्या की घटना को मुस्लिमों पर थोप दिया गया होता !
कल तक जो (व्यक्ति-संगठन) नेहरू काल में हुई कुंभ भगदड़ के लिए जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं आज वे ही चेहरे नकाब नोच कर कह रहे हैं कि “भारी भीड़ को सम्हालना नामुमकिन है। मोदी-योगी क्या कर सकते हैं। आप उन्हें दोष नहीं दे सकते”। सवाल यह भी है कि “अल्लू अर्जुन के फिल्म शो में हुई भगदड़ के दौरान हुई एक व्यक्ति की मौत के लिए अल्लू अर्जुन को जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार किया गया था तो फिर प्रयागराज के महाकुंभ में हुई भगदड़ में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत के लिए यूपी सीएम या यूपी सीएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही ? सर्विया में रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे में 15 लोगों की मौत के बाद पीएम इस्तीफा दे सकता है मगर भारत में पीएम, सीएम तो छोडिए मंत्री संतरी तक इस्तीफा देना तो दूर उल्टा रील बनाकर वायरल करते रहते हैं। अहसानों तले दबा मीडिया (गोदी मीडिया) जनता के दुख दर्द से आंखें मूंद कर गंजेडियों, भंगेडियों, चरसियों के हिन्दुत्ववादी भाषण, थुलथुल नेताओं की नंगी तोंद और धर्म का चोला ओढ़े जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले देश के लुटेरों के कसीदे पढ़ रहा है। आंकडों की बाजीगरी का सर्कस कहीं पांच हजार करोड़ के बजट को जीम कर जस्टीफाई करने की कवायद तो नहीं है।
29 जनवरी 2023 को प्रयागराज में सम्पन्न हुए संत सम्मेलन (जिसे पहले धर्म संसद का नाम दिया गया था मगर स्थानीय प्रशासन की आपत्ति के कारण नाम बदलना पड़ था) में अखंड हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा के तहत श्यामभवि पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप की संरक्षकता तथा डाॅ कामेश्वर प्रसाद उपाध्याय की अध्यक्षता में संविधान समिति का गठन किया गया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सहित उत्तर भारत के 14 विद्वान एवं दक्षिण भारत के 11 विद्वान शामिल किए गए। संविधान समिति ने 12 माह 12 दिन में रामराज्य, कृष्णराज्य, मनुस्मृति और चाणक्य के अर्थशास्त्र पर आधारित 501 पृष्ठ का प्रथम संविधान प्रारूप तैयार कर प्रस्तुत किया जिसकी घोषणा और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का ऐलान प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में, जिस दिन भारत देश अपने संविधान की स्थापना का उत्सव मना रहा था (26 जनवरी 2025) के ठीक 2 दिन पहले, किया गया। भारत को अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाने की समय सीमा 2035 निर्धारित की गई है।
संविधान समिति द्वारा बनाये गये प्रारूप को अखंड हिन्दू राष्ट्र का संविधान कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसे लागू कराने से पहले चारों पीठ के शंकराचार्य के पास स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा। शंकराचार्यो की मंजूरी के बाद केन्द्र सरकार के पास भेज कर तत्काल प्रभाव से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए कहा जायेगा। जिस संविधान प्रारूप की जानकारी दी गई है उसकी औपचारिक घोषणा 3 फरवरी 2025 यानी बसंत पंचमी के दिन किए जाने की खबर है। फिर भी अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए बनाये गये संविधान प्रारूप में मोटे तौर पर जिन बिंदुओं को शामिल किये जाने की जानकारी निकल कर सामने आई है उसके अनुसार हिन्दू राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष को धर्मशास्त्र और राज्यशास्त्र में पारंगत होना होगा, उसे राज्य चलाने का 5 साल का अनुभव होना आवश्यक है। राष्ट्राध्यक्ष राजा की माफिक होगा जिसके तहत देश की प्रधान न्यायालय से लेकर समस्त निचली अदालतें होंगी। युद्ध के दौरान राष्ट्राध्यक्ष को सेना का नेतृत्व करने के लिए आगे चलना अनिवार्य होगा तथा तभी दुश्मन राष्ट्र पर हमला किया जायेगा।
हिन्दू राष्ट्र के मंत्रियों को विषय विशेषज्ञ होने के साथ ही शस्त्र विद्या में पारंगत होना आवश्यक होगा। जो शूरवीर नहीं होगा उसके लिए मंत्रीमंडल में कोई जगह नहीं होगी। मतलब अखंड हिन्दू राष्ट्र का मंत्रीमंडल चंद्रगुप्त मौर्य साम्राज्य के मंत्रीमंडल की प्रतिछाया होगी। अखंड हिन्दू राष्ट्र की संसद को धर्म संसद और चुने गए सदस्यों को धर्म सांसद कहा जायेगा। 16 साल की आयु वाले व्यक्ति 25 वर्षीय व्यक्ति को सांसद के रूप में चुन सकेंगे। राष्ट्राध्यक्ष से लेकर सभी सांसदों को गुरुकुल से शिक्षित होना अनिवार्य होगा। हिन्दू राष्ट्र में पैदा होने वाले हर बच्चे को (3 से 8 साल) गुरुकुल में विद्याध्ययन करना अनिवार्य होगा। अखंड हिन्दू राष्ट्र घोषित होते ही मैकाले की शिक्षा पध्दति वाले सभी स्कूलों को गुरुकुल में तब्दील कर दिया जाएगा तथा सरकारी मदद से चलने वाले मदरसे बंद कर दिए जायेंगे। अखंड हिन्दू राष्ट्र में जाति व्यवस्था की जगह वर्णाश्रम व्यवस्था लागू की जायेगी। मतलब कर्म के आधार पर वर्ण को स्थापित किया जायेगा। अखंड हिन्दू राष्ट्र में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति को सैन्य प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा (इजराइल जैसे देशों की तरह)। दूसरे धर्मावलंबियों (मुस्लिम, ईसाई, पारसी आदि) को देश में रहने की इजाजत तो होगी लेकिन मतदान की नहीं।
इसकी तैयारी पिछले कई वर्षों से चल रही थी अब उन गतिविधियों को पंख लगाए जा रहे हैं। संवैधानिक, कानून के राज में, संविधान सम्मत देश में जिस तरह से खालिस्तान की मांग को लेकर आंदोलनात्मक गतिविधियां चलाना गैर कानूनी, संविधान विरुद्ध और देशद्रोह है ठीक उसी तरह से अखंड हिन्दू राष्ट्र की मांग और प्रचलित संविधान को दरकिनार कर हिन्दूवादी संविधान बनाना गैर कानूनी, संविधान विरोधी और देशद्रोह ही है। फिर भी कुछ तथाकथित स्वयंभू हिन्दुत्ववादी संगठन और उनके पिछलग्गू भारत की गंगा-जमुनी तहजीब में जहर घोलते हुए भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं इस बात को सारा देश जानता है।
अश्वनी बडगैया अधिवक्ता
स्वतंत्र पत्रकार
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!