बैसाखी वाली सरकार के मुखिया बनेंगे नरेंद्र मोदी
NDA का संदेश, नहीं कोई क्लेश
नरेंद्र मोदी शुक्रवार 7 जून को नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस के संसदीय दल के नेता चुन लिए गए। पुरानी संसद (संविधान सदन) के सेंट्रल हॉल में सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस के 13 दलों के नेता शामिल हुए।
मोदी ने NDA को न्यू, डेवलप्ड, एस्पिरेशनल इंडिया बताया। कहा कि कुछ लोगों का काम चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना है, लेकिन EVM ने सभी को जवाब दे दिया।
देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी
प्री पोल अलायंस हिंदुस्तान की राजनीति के गठबंधन के इतिहास में इतना सफल कभी नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की विजय है। हमने बहुमत हासिल किया है। सरकार चलाने के लिए बहुमत चाहिए, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी होता है। गोवा हो या नॉर्थ ईस्ट हों, जहां बहुत बड़ी संख्या में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, आज उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में सेवा का अवसर हमें मिला है।
बिना वक्त गंवाए 5 नंबर से 3 पर पहुंचें
यह समय तेज विकास का है। अब हम बिना समय गंवाए 5 नंबर से 3 नंबर की इकोनॉमी पर पहुंचें। देश के लिए जो जरूरतें हैं उस पर काम करना चाहते हैं। संविधान ने जो प्रावधान रखा है, उसके मुताबिक राज्यों के बीच भी कॉम्पिटीटिव स्पिरिट हो।
तीसरे कार्यकाल की गारंटियां पूरी करेंगे
हम कमिटमेंट के साथ काम करते हैं। 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर निकाला है। उसके नए एस्पिरेशन पैदा हुए हैं। 3 करोड़ गरीबों को घर का संकल्प, 4 करोड़ को ऑलरेडी दे चुके हैं।
लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखेगी भाजपा
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास ही रखेगी। पहले जेडीयू और टीडीपी के मांगने की खबरें थीं। JDU की नजर रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है। TDP ने 5 मंत्रालयों और लोकसभा स्पीकर पद की मांग रखी है। इनमें ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने दही चीनी खिलाई
मोदी शुक्रवार शाम को 6 बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचे। और सरकार बनाने का अपना दावा पेश किया । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया। इस दौरान दही-चीनी भी खिलाया।
कौन-कौन होगी विदेशी और कौन होंगे देसी मेहमान मोदी के शपथ ग्रहण में
मोदी के शपथ ग्रहण में शेख हसीना, नेपाल के पीएम के आने की संभावना.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल, मॉरीशस के पीएम प्रविंद जुगनौत, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के शामिल होने की संभावना है।
तो देसी मेहमानों में , ट्रांसजेंडर, सफाई कर्मी, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मजदूर मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल हो सकते हैं.
ये हो सकते हैं स्पेशल मेहमान
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को मिली जीत के बाद अब नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है ।नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं । 9 जून को नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम तय हो गया है । इस कार्यक्रम में कुछ स्पेशल गेस्ट भी शामिल हो सकते हैं ।
1. सेंट्रल विस्टा परियोजना में काम करने वाले मजदूर.
2. वंदे भारत और मेट्रो प्रोजेक्ट में काम कर रहे रेलवे कर्मचारी
3. ट्रांसजेंडर
4. सफाई कर्मचारी/सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग.
5. केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी
6. विकसित भारत के ब्रांड एंबेसडर
मोदी को लेकर नीतीश वाणी
हमारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड भाजपा जनता पार्टी संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देती है। यह बहुत खुशी की बात है कि 10 साल से ये प्रधानमंत्री हैं, अब फिर प्रधानमंत्री होने जा रहे हैं। इन्होंने देश की सेवा की, जो कुछ भी बचा है, उसे अब पूरा कर देंगे। हम लोगों को लगता है कि अगली बार जब आप आइएगा तो जो कुछ इधर उधर के लोग जो जीत गया है न, वो कोई नहीं जीतेगा। आपने जो देश की सेवा की है, आगे उन लोगों के लिए कोई मौका नहीं रहेगा। अब बिहार और देश तेजी से आगे बढ़ेगा। बिहार का सब काम तो हो ही जाएगा। सब लोग साथ हुए हैं, हम आपके साथ रहेंगे। आप पूरे देश को कितना आगे बढ़ाएंगे, यह बहुत खुशी की बात है। मेरा आग्रह यह कि जल्दी से शपथ लें। आप इतवार को लेंगे, हम तो चाहते थे कि आज ही हो जाए, लेकिन आपकी इच्छा है तो इतवार को सही। हम सब मिलकर साथ चलेंगे। मैं सब पार्टी का अभिनंदन करता हूं। हम साथ रहेंगे। इनकी बात को मानते हुए हम लोग आगे चलेंगे।
मोदी एनडीए के तो नेता चुन लिए गए पर भाजपा संसदीय दल के नेता कब चुने जाएंगे।
नरेंद्र मोदी आधिकारिक तौर पर नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस के नेता चुन लिए गए हैं । परंतु 18 वीं लोकसभा के लिए नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों ने आधिकारिक तौर पर नेता नहीं चुना है । ना ही ऐसी कोई खबरें अभी तक सामने आई है कि भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई हो उसमें नरेंद्र मोदी को नेता चुना गया हो । तो ऐसी स्थिति में समझा जा सकता है कि कहीं ना कहीं यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर दबाव बनाने की पूरी रणनीति है । क्योंकि बाकी सभी दलों ने अपने-अपने नेता चुन लिए हैं सिर्फ भाजपा ने अभी तक अपना नेता नहीं चुना है । क्योंकि लगातार ऐसी खबरें आ रही है कि संघ मोदी से नाराज है और मोदी को प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर अब आगे नहीं देखना चाहता । अब देखना यह होगा की 9 जून तक राजनीति का ऊंट, किस करवट और कितनी बार करवट बदलता है ।
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