PM मोदी इस्तीफा दें, पार्लियामेंट्री जॉइंट कमेटी से हो घोटाले की जांच: संजय सिंह
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में हुए खुलासों के बाद देश की राजनीति में उबाल आ गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग की। संजय सिंह ने यह मांग हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से की, जिसमें सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति पर फर्जी कंपनियों में निवेश करने के आरोप लगाए गए हैं।
हवाला के जरिए फर्जी कंपनियों में निवेश का आरोप: संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कैसे हवाला के जरिए विदेशी फर्जी कंपनियों को पैसा देकर भारत की डूबती हुई कंपनियों के शेयर खरीदे गए। उनके अनुसार, इस रणनीति से न केवल उन कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ाई गईं बल्कि देश के आम नागरिकों ने भी उन कंपनियों के शेयर खरीदे, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। संजय सिंह का दावा है कि इस घोटाले के चलते देश के लोगों के 8.50 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं।
सेबी की भूमिका पर उठाए सवाल: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर संजय सिंह ने सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की अध्यक्ष माधबी बुच पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि माधबी बुच और उनके पति ने उन फर्जी कंपनियों में करोड़ों रुपये निवेश किए, जिनकी जांच उन्हें करनी थी। संजय सिंह ने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है, जिसने खुद इन कंपनियों में पैसा लगाया हो। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और सच्चाई को सामने लाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला: संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस घोटाले का प्रमुख जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे, तब तक अडानी के मामलों की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। संजय सिंह का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार अडानी समूह को बचाने का प्रयास कर रही है, और इसके पीछे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार छुपा हुआ है। उन्होंने कहा, “अगर नरेंद्र मोदी में जरा सी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें तुरंत प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।”
पार्लियामेंट्री जॉइंट कमेटी से जांच की मांग: संजय सिंह ने इस मामले की जांच के लिए पार्लियामेंट्री जॉइंट कमेटी (PJC) गठित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केवल PJC ही इस घोटाले की निष्पक्ष जांच कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि सेबी की जांच पर विश्वास नहीं किया जा सकता, क्योंकि सेबी के प्रमुख खुद आरोपों के घेरे में हैं। संजय सिंह ने कहा, “सेबी की जांच का कोई मतलब नहीं है। यह जांच केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए की जा रही है। जब तक पार्लियामेंट्री जॉइंट कमेटी से जांच नहीं होगी, तब तक सच्चाई सामने नहीं आ सकती।”
देश की संपत्ति अडानी को देने का आरोप: संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने देश की संपत्तियों को अडानी समूह के हाथों में सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के अधिकांश एयरपोर्ट, सेल, रेल, कोयला खदान, और सी-पोर्ट जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियों को अडानी समूह को दे दिया गया है। संजय सिंह ने कहा कि यह घोटाला भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का घोटाला है, और इसे छिपाने के लिए ही सरकार अडानी को बचा रही है।
राजनीतिक माहौल में उबाल: संजय सिंह के इन बयानों ने देश की राजनीति में एक नया उबाल ला दिया है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। देशभर में इस मुद्दे पर जनता के बीच भी चर्चा बढ़ गई है, और लोग इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
संजय सिंह के इन आरोपों के बाद अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन मांगों को मानते हुए कोई कदम उठाते हैं या नहीं।
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