पाव भाजी वाला लड़ेगा लोकसभा का चुनाव, बोला 12 लाख वोटों से होगी जीत
प्रेरणा ढिंगरा : अगर आदमी का सपना हो तो वह कुछ भी कर सकता है। चाहे उसके लिए राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना पड़े या फिर सांसद पद का। ऐसा ही एक सपना देखा है गुरुग्राम के पाव भाजी बेचने वाले व्यक्ति ने। पाव भाजी बेचने वाले व्यक्ति का कहना है कि ना तो भाजपा के सांसद काम करते हैं ना ही कांग्रेस के; अब जनता बदलाव चाहती है जिसकी वजह से वह मुझे वोट करेगी और मैं 12 लाख वोटो से जीतकर इतिहास बनाऊंगा। पाव भाजी बेचने वाले व्यक्ति के लोकसभा चुनाव का नामांकन करने से गुरुग्राम के चुनाव में रोचकता आ गई है क्योंकि एक तरफ तो अभिनेता से नेता बने राज बब्बर है तो दूसरी तरफ पाव भाजी बेचने वाला संसद जाने का सपना देख रहा है। अगर जनता ने किसी नए चेहरे पर अपना दावा लगा दिया तो मुकाबला कड़ा भी हो सकता है।
गुरुग्राम में कुल 26 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं, जिसमें से कांग्रेस ने इस बार राज बब्बर को और बीजेपी ने राव इंद्रजीत सिंह को गुरुग्राम की सीट से उम्मीदवार के तौर पर उतारा है। इनके विपक्ष में पाव भाजी वाला भी इस बार चुनाव लड़ेगा।
आपको बता दे की हरियाणा की गुरुग्राम सीट को हॉट सीट माना जा रहा है। कई लोग इस सीट से अपनी किस्मत आजमाएंगे और इस बार चुनाव का यह खेल और भी मजेदार हो जाएगा क्योंकि कुशेश्वर भगत नाम का एक व्यक्ति लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम की सीट से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ेगा। कुशेश्वर भगत गुरुग्राम के सेक्टर 15 में पाव भाजी की रेडी लगाया करते हैं।
जाने कौन है कुशेश्वर भगत
कुशेश्वर भगत ने पहले भी कई बार चुनाव लड़ा है। इससे पहले भी वह सात बार चुनाव में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने दो बार राष्ट्रपति, तीन बार लोकसभा और दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ा है। वह साल 1996 से पाव भाजी की रेडी लगाया करते हैं। भगत बिहार के रहने वाले हैं।
उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि पाव भाजी सीखने के लिए वह मुंबई गए थे और आज के समय में सब लोग उनकी पाव भाजी के दीवाने हैं। भगत का कहना है कि 2017 और 2022 में उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा लेकिन 100 विधायकों के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण उनका नामांकन रद्द हो गया और 2014 में लोकसभा चुनाव में भगत को 7900 वोट भी मिले थे।
गुरुग्राम की जनता चाहती है बदलाव
भगत ने कहा कि “इस बार 12 लाख वोटों से जीतकर जनता की सेवा करेंगे। गुरुग्राम की जनता अब बदलाव चाहती है। गुरुग्राम लोकसभा में 9 विधानसभा क्षेत्र हैं और 9 विधानसभा क्षेत्रों में 900 समस्याएं हैं, लेकिन उनका समाधान करने वाला कोई नहीं है। 20 वर्ष से राज कर रहे नेताऔ से आमजन का मोह खत्म हो गया है। अब लोग कहीं न कहीं बदलाव चाहते है।”
अब लगता है कि कांग्रेस या बीजेपी नहीं बल्कि पाव भाजी वाला गुरुग्राम की सड़कों पर गूंजेगा। लेकिन जैसा कि आप सब जानते हैं चुनाव लड़ने के लिए मेहनत के साथ-साथ पैसों की जरूरत भी उतनी ही होती है, पर पाव भाजी वाले का जोश देखकर तो लगता है कि गुरुग्राम में खेल पलट सकता है। देखते हैं पाव भाजी वाले की किसमत चमकती है या नहीं।
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