लंबे समय तक यौन संबंध ना बनने पर हो सकता है विवाह विच्छेद, पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने तलाक को दी मंजूरी
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया और कहां लंबे समय तक शारीरिक संबंध न बनने पर पति तलाक का हकदार है ।
यह पत्नी की ओर से मानसिक क्रूरता मानी जाएगी पति के लिए । एक मामले को लेकर हाईकोर्ट ने पति के हक में कहीं यह बात ।
खबरी प्रशाद चंडीगढ़ प्रेरणा ढिंगरा
दरअसल इस मामले में पत्नी 8 साल से पति के साथ किसी भी तरीके का यौन संबंध नहीं बना रही थी, तब हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी पति के साथ संबंध बनाने से इनकार कर दे या लंबे समय तक संबंध ना बनाएं तो पति अपनी पत्नी से तलाक ले सकता है। ऐसे मामलों में माना जाएगा कि पति मानसिक उत्पीड़न का शिकार है।
जानिए पूरा मामला क्या है
हरियाणा में रहने वाली एक निवासी ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उसका कहना था कि उनका विवाह 1999 मैं हुआ था। उनकी शादी के तुरत बाद में रिश्ते बिगड़ने लगे और वह अपने पति से अलग हो गई। इसी को लेकर पति अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए फैमिली कोर्ट में गया। जहां फैमिली कोर्ट ने पति के हक में फैसला सुनाया और तलाक लेने पर मोहर लगा दी।
अब महिला इसी तलाक के फैसले को बदलने के लिए हाई कोर्ट जा पहुंची। पति ने वहां बताया कि उसकी पत्नी एक धार्मिक समूह का हिस्सा बन चुकी है जिसके कारण दोनों में किसी भी तरीके का शारीरिक संबंध पिछले 8 सालों से नहीं बना है। हाई कोर्ट ने इस बात पर फैसला सुनाया है कि अगर एक विवाहित जोड़े के बीच लंबे समय तक शारीरिक संबंध नहीं बनता है, तो यह सामने वाले के लिए एक तरीके का मानसिक उत्पीड़न होगा। इसमें व्यक्ति तलाक ले सकता है। हाई कोर्ट ने पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया।
पत्नी से शारीरिक संबंध ना बनने पर विवाहित जोड़े को किया अलग
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अप्रैल 2024 में एक ऐसा ही फैसला सुनाया था, जिसमें पत्नी का कहना था कि उसका पार्टनर उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बना पा रहा है। हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा था कि दोनों के बीच यौन संबंध और भावनात्मक संबंध नहीं बनने के कारण दोनों की शादी को रद्द कर दिया जाता है। जबकि उनकी शादी को महज 17 दिन हुए थे और वह अलग हो गए। मार्च में हुई शादी और अप्रैल में 27 वर्षीय महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तलाक की मांग रखी। इस मामले में पति को नपुंसक करार किया गया था। हालांकि, दोनों ही केस में यौन संबंध ना बनने के कारण कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दी।
ऐसे पहले भी कितना मामले सामने आए हैं, जिसमें पत्नी और पति के बीच यौन संबंध नही बनने के कारण कोर्ट ने उनको अलग कर दिया और इन सब केस में शारीरिक संबंध नहीं बनाना मानसिक क्रूरता का आधार माना गया है।
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