डेराबस्सी में प्राइवेट बस चालकों की मनमानी से यात्री और सड़क पर यातायात प्रभावित
डेराबस्सी / पिंकी सैनी: स्थानीय इलाके में प्राइवेट बस चालकों की मनमानी के कारण सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। प्राइवेट बसें नियमों की अनदेखी करते हुए सड़कों के बीचो-बीच सवारियों को चढ़ाने और उतारने का काम कर रही हैं। यह समस्या खासकर डेरा बस्सी से दिल्ली और हरियाणा के मार्गों पर अधिक देखी जा रही है।
डेरा बस्सी के बस अड्डे पर हर दो-तीन मिनट में दिल्ली और हरियाणा की ओर जाने वाली बसें रुकती हैं। हालांकि, लोकल रूट की प्राइवेट बसें निर्धारित स्टॉप की बजाय सड़कों के बीचो-बीच रुककर सवारियों को बस में चढ़ाने और उतारने का काम करती हैं। इस प्रक्रिया में न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि पीछे से आने वाले वाहनों के लिए भी दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
बस चालक अक्सर अपनी सुविधा और अधिक सवारियां लेने के चक्कर में नियमों की अनदेखी करते हैं। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं होती कि उनकी यह लापरवाही सड़क पर जाम लगाने और दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है। चालकों का ध्यान सिर्फ सवारियों को बस में जल्दी से चढ़ाने पर केंद्रित रहता है, जबकि सड़क पर अन्य वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जाता है।
बीच सड़क से सवारियों को चढ़ाने या उतारने की प्रक्रिया बेहद जोखिम भरी होती है। चलती यातायात के बीच सड़क पर बस रोककर सवारी चढ़ाना न केवल यात्री बल्कि राहगीरों की भी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। कई बार यात्री जल्दी में या बिना पूरी सावधानी बरते बस में चढ़ने की कोशिश करते हैं, जिससे हादसे की संभावना और बढ़ जाती है।
हालांकि, इस समस्या से डेरा बस्सी के स्थानीय लोग और यात्री लंबे समय से परेशान हैं, लेकिन प्रशासन और परिवहन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लोगों का कहना है कि बस चालकों की इस लापरवाही पर कार्रवाई करने और यातायात नियमों को लागू करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने प्रशासन से मांग की है कि बस चालकों पर नियमों का पालन करने का दबाव बनाया जाए और बसों को केवल निर्धारित स्टॉप पर ही रुकने की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही, यातायात पुलिस की नियमित निगरानी और सख्त जुर्माने की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
डेरा बस्सी में यह समस्या लगातार बढ़ रही है और अगर समय रहते प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो यह गंभीर हादसों का कारण बन सकती है। सड़क पर यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने की जरूरत है ताकि यात्रियों और राहगीरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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