इससे तो अच्छा शहर में कर्फ्यू लगा देते : गृह मंत्री के दौरे पर भड़का विपक्ष एक सुर में बोला !
अमित शाह के पंचकूला दौरे ने शहर को बनाया छावनी, सड़कों पर सन्नाटा और जाम से त्रस्त
पंचकूला
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पंचकूला दौरे ने शहर की सामान्य जीवन-व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया। सुरक्षा के नाम पर किए गए अभूतपूर्व इंतजामों ने मंगलवार से ही आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी, जो बुधवार को अपने चरम पर पहुंच गई। शहर की सड़कों पर ऐसा सन्नाटा पसरा रहा मानो पंचकूला किसी आपातकालीन स्थिति से गुजर रहा हो।
गृहमंत्री के दौरे से एक दिन पहले ही पुलिस प्रशासन ने जिस भी रूट और आसपास के इलाकों में भारी वेरीकेडिंग शुरू कर दी थी। मंगलवार को हालात किसी तरह संभले रहे, लेकिन बुधवार को स्थिति बेहद गंभीर हो गई। जिस मार्ग से अमित शाह का काफिला गुजरना था, वहां चाय-पान की छोटी दुकानों तक को जबरन बंद करा दिया गया। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि सड़क बंद होने के दौरान आधे शटर तक नहीं खुलने चाहिए।
स्थिति यह रही कि चौक-चौराहों से करीब 50 मीटर पहले ही बैरिकेडिंग कर दी गई, ताकि कोई भी व्यक्ति चौराहे तक न पहुंच सके। सुरक्षा इंतजाम इतने सख्त नजर आए कि लोगों ने व्यंग्य में कहना शुरू कर दिया , ऐसा लगता है कि जैसे गृहमंत्री साहब के दौरे में परिंदा भी पर नहीं मार सकता।


शहर की आम आवाजाही लगभग पूरी तरह बाधित हो गई।
शालीमार ग्राउंड के सामने स्थित पार्किंग, जो सामान्य दिनों में हमेशा वाहनों से भरी रहती है, बुधवार शाम 4 बजे पूरी तरह खाली नजर आई। हालत यह थी कि वहां बच्चे क्रिकेट खेलते दिखे, क्योंकि प्रशासन ने पार्किंग तक करने से रोक दिया था। यह दृश्य खुद ही बता रहा था कि शहर की रफ्तार किस कदर थम चुकी थी।
गृहमंत्री की मौजूदगी के दौरान ज्यादातर प्रमुख चौक-चौराहों पर भीषण जाम लगा रहा। जिन रास्तों को लोग सामान्य तौर पर 5 मिनट में पार कर लेते थे, उन्हें तय करने में 1 से डेढ़ घंटे तक लग गए। दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और मरीजों को ले जा रहे लोग सबसे ज्यादा परेशान नजर आए।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि किसी बड़े नेता का आना स्वागतयोग्य है, लेकिन उसके नाम पर आम जनता को इस तरह हलकान करना गलत है। लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “मंत्री जी आए, यह अच्छी बात है, लेकिन मंत्री जी के साथ अगर मुसीबतें ही आएं तो इससे तो बेहतर है कि प्रशासन कर्फ्यू ही लगा दे।
अमित शाह का पंचकूला दौरा भले ही राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा हो, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की अति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वीवीआईपी मूवमेंट के नाम पर आम नागरिकों की दिनचर्या को पूरी तरह ठप कर देना वाकई जरूरी है?



एक और में विपक्ष की एक ही प्रतिक्रिया इससे तो बेहतर कर्फ्यू लगा देते !
“पंचकूला में देखने को मिला आज कर्फ्यू जैसा माहौल”
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आनंद बियानी ने बताया कि उन्हें आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक कार्यक्रम में सम्मिलित होना था, परंतु जिस प्रकार से पंचकूला की सड़के अमित शाह जी के आने की वजह से बंद करके कर्फ्यू जैसा माहौल बना रखा था उससे न केवल पंचकूला के और चंडीगढ़ की जनता परेशान हुई बल्कि पूरे प्रदेश से आए हुए कांग्रेस के प्रतिनिधि व अन्य बाहर से आए हुए लोग को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस प्रकार का माहौल या तो कर्फ्यू होने पर देखा जाता है या भाजपा के नेताओं के आने पर देखा जाता है। मैं पूछना चाहता हूं भाजपा के नेताओं के आने से इस प्रकार का माहौल बनाना क्या उचित है। यही दशा प्रदेश के अंदर आज भाजपा सरकार के होने से हो रही है आम आदमी भाजपा सरकार से इतना परेशान है कि दो वक्त की रोटी कमापाना उनके लिए मुश्किल है, बेरोजगारी चरम सीमा पर है, रोजाना महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है और व्यापारी वर्ग से फिरौती मांगी जा रही है। और फिरौती नहीं देने पर उन्हें गोली से उड़ा दिया जाता है। आज प्रदेश के किसान भी हमेशा सड़कों पर रहता है क्योंकि उन द्वारा मांगी गई मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया। भाजपा सरकार के इस शासन काल के अंदर ना केवल प्रदेश की जनता परेशान है बल्कि पूरे देश की जनता परेशान है।
आनंद बियानी
प्रदेश प्रवक्ता हरियाणा कांग्रेस
किसी भी बड़े नेता की सुरक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी पर सुरक्षा के नाम पर आम नागरिकों को परेशान करना यह उचित नहीं है । जिस समय गृहमंत्री साहब को निकालना था उनके निकालने के 10 15 मिनट पहले रास्ते बंद किए जाने चाहिए थे पर जिस तरीके से फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों ने शेयर किए हैं यह निंदनीय है ।
ओपी सिहाग अध्यक्ष जननायक जनता पार्टी पंचकूला
नेता तो पहले भी पंचकूला में आते रहे हैं पर पहली बार हमने ऐसा देखा है कि किसी नेता के आने पर कर्फ्यू जैसा माहौल बना दिया गया है । व्यापारी परेशान , पार्किंग खाली पड़ी रही । मरीज को लाने ले जाने वाले लोग परेशान रहे । आखिर व्यापारियों का क्या कसूर था । लोगों को अपने घर पहुंचने में डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लगा ।
नवीन बंसल एडवोकेट कांग्रेस नेता
इंडिपन नेशनल लोकदल के जिलाध्यक्ष शहरी मनोज अग्रवाल ने गृहमंत्री के पंचकूला दौरे से जनता को दिन भर हुई परेशानी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बेहतर था कि आज पंचकूला में प्रशासन कर्फ्यु लगा देता तो जनता आराम से घर तो बैठती ।




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