जरूरी क्या : ब्यूटीफिकेशन या फिर बेसिक सुविधाएं
एक शहर तब अच्छा माना जाता है जब वहां पर रहने वाले लोगों को बेसिक सुविधाए मिलने लगती हैं। बेसिक सुविधा अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं मगर कुछ भी ऐसी बेसिक सुविधाए होती हैं जो सभी के लिए जरूरी है जैसे अच्छी सड़क, साफ पानी, स्ट्रीट लाइट, और सीवरेज की सही व्यवस्था। संभवतः यह ऐसी बेसिक सुविधाएं हैं जो चाहे गरीब हो या अमीर सभी को जरूरी होती हैं। मगर हरियाणा के सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल और चंडीगढ़ का पड़ोसी शहर पंचकूला आजकल अपनी खराब सड़कों को लेकर पंचकूला से लेकर हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय तक चर्चा में बना हुआ है।
पंचकूला में आजकल ब्यूटीफिकेशन का काम पूरे जोरों शोरों से चल रहा है। हर चौक चौराहे को, सेक्टरों को पिछले काफी समय से ब्यूटीफाई करने की तैयारी चल रही है। ट्राई सिटी के बाहर से जब कोई पंचकूला में आता है तो उसे यहां का ब्यूटीफिकेशन बहुत अच्छा लगता है और वह इसकी चर्चा भी करता है कि पंचकूला में जितनी ब्यूटीफिकेशन है उतनी तो आजकल चंडीगढ़ में भी नजर नहीं आती। मगर इस ब्यूटीफिकेशन पर दाग तब लग जाता है जब जिन सड़कों से उस पर्यटक की गाड़ी गुजरती है और उसकी गाड़ी में जब उसको झटके लगते हैं तब इस ब्यूटीफिकेशन की बातें बेमानी हो जाती हैं। हालांकि खराब सड़कों से फायदा भी होता है। खराब सड़कों से गाड़ियां खराब होती हैं तो मैकेनिक को फायदा होता है। खराब सड़कों की वजह से एक्सीडेंट होते हैं तो डॉक्टर को और मेडिकल स्टोर को भी फायदा होता है।
जन संवाद कार्यक्रम में खुद मुख्यमंत्री ने उठाया था खराब सड़क का मुद्दा
16 सितंबर 2023 को पंचकूला में जन संवाद कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिरकत की थी। जन संवाद कार्यक्रम के आज 100 दिन पूरे हो रहे हैं। तब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद (खुद इसलिए, जो लोग उस हाल में बैठे हुए थे कही वो ही पंचकूला की सड़कों की कहानी न बया कर दे) पंचकूला की खराब सड़कों का हवाला देकर पंचकूला की जनता से माफी मांगी थी और नगर निगम कमिश्नर सचिन गुप्ता से पूछा था कि पंचकूला की सड़कें कितने दिन के अंदर सही हो जाएंगी। तब सचिन गुप्ता ने जन संवाद कार्यक्रम में ही कहा था 30 दिनों के अंदर पंचकूला की सड़क ठीक हो जाएगी। यानी कि जिस शहर को कभी पेरिस जैसा बनाने की बात होती थी, खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने माना कि पेरिस तो छोड़ दो, पंचकूला तो पंचकूला जैसा भी नहीं रहा।
तो क्या मुख्यमंत्री की फटकार के बाद पंचकूला की सड़कों की हालत सुधर गई ?
100 दिन बीतने के बाद भी आज भी पंचकूला की सड़कों की हालत जस की तस है बल्कि और ज्यादा खराब हुई है। हालांकि कुछ चुनिंदा सड़के मुख्यमंत्री की फटकार के बाद सही भी हुई है। मगर वह सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर वाली कहावत को चरितार्थ करती हैं।
माजरी चौक
पंचकूला का सबसे व्यस्ततम चौराहा माजरी चौक, बेला विस्ता चौक से माजरी चौक को जाने वाली सड़क , जिससे उपायुक्त कार्यालय का भी रास्ता मुड़ता है, उपायुक्त के घर का भी रास्ता मुड़ता है, पंचकुला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट भी उसी रास्ते पर है, डीसीपी कार्यालय के लिए भी मुख्य रास्ता यही है और तो और गवर्नमेंट कॉलेज भी है और यह रास्ता सीधा बरवाला होते हुए यमुनानगर, सहारनपुर की तरफ भी जाता है और पंचकूला के सभी बड़े अधिकारी दिन में या हफ्ते में एक बार इस सड़क से गुजरते भी जरूर हैं। अगर जिला उपायुक्त कोई जिला स्तरीय मीटिंग करते हैं तो प्रशासन के अधिकारियों के साथ आठ निगम अधिकारियों को भी इसी रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। हरियाणा सरकार के तमाम मंत्री भी इस गड्ढे भरी सड़क से होते हुए चंडीगढ़ आते हैं या वापिस जाते हैं। 100 दिन बीतने के बाद भी इस सड़क के गड्ढे आज भी वैसे ही है जैसे जन संवाद कार्यक्रम वाले दिन थे। माता मनसा देवी जाने वाली रोड पर भी सड़क की हालत दयनीय स्थिति में है।
माता मनसा देवी सिंह द्वार
ठीक माता मनसा देवी सिंह द्वार के जरा सा आगे सड़क के बीचो-बीच में एक लगभग 7-8 इंच का गड्ढा बन गया है और अक्सर मोटरसाइकिल सवार उसमें गिरकर घायल होते हैं मगर ना तो प्रशासनिक अधिकारियों की कोई निगाह यहां पर है, ना ही मंत्रियों की जबकि यह रास्ता माता मनसा देवी मंदिर के साथ-साथ, भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय एवं पंचकूला के पुलिस कमिश्नर के दफ्तर को भी जाता है। आजकल तो इस रास्ते पर नगर निगम की तरफ से ब्यूटीफिकेशन का भी काम चल रहा है और जिस जगह पर ब्यूटीफिकेशन का काम चल रहा है उसी जगह पर गड्ढों की भरमार है।
चुनाव की तैयारी में जुटी है सरकार
लोकसभा चुनाव होने में महज अब कुछ महीनो का वक्त बाकी बचा है। लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस समय अधिकारियों के कई मुद्दों को लेकर पेच कसे हैं। जैसे पिछले हफ्ते ही गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम के सुपरवाइजर से लेकर कमिश्नर तक की तनख्वाह काटने के आदेश जारी कर दिए गए थे। तो मुख्यमंत्री जी कभी पंचकूला की सड़कों पर भी आप एक बार चक्कर लगा ही जाइए। हालांकि पंचकूला में आप हफ्ते में दो बार होते ही हैं। मगर आपका वह सारा कार्यक्रम ऑफिसरों के हिसाब से तय होता है। आप लगातार हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा की जनता से संवाद कर रहे हैं। एक बार सिर्फ पंचकूला की जनता से भी संवाद कर लीजिए, पंचकूला की जनता को क्या-क्या समस्याएं आ रही है, वह बता देगी। मगर गुजारिश यही रहेगी कि संवाद जनता से करें, भाजपा कार्यकर्ताओं से नहीं।
हालांकि मिली जानकारी के अनुसार सड़कों की रीकारपेटिंग को लेकर टेंडर तो जारी कर दिए गए हैं। कुछ सड़कों पर काम भी शुरू हो गया है। मगर इन टेंडरों को जारी होने में इतना वक्त क्यों लगा जबकि खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सड़कों का मुद्दा जन संवाद कार्यक्रम में उठाया था। अब इससे यह समझ जा सकता है कि जब मुख्यमंत्री की बात पर अधिकारी अधिकारियों को संज्ञान लेने में 100 दिन लग जाते हैं तो आम जनता की बात सुनने में किस तरीके से अधिकारी सुनते होंगे।
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