इंद्रधनुष ऑडिटोरियम महिलाओं की रामलीला : उमड रही भारी भीड़ , हाल में पैर रखने की भी जगह नहीं
पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में चल रही महिलाओं की रामलीला जिसमें सभी किरदार महिलाएं निभा रही हैं , अब हालात यह हो गए हैं कि रामलीला शुरू होने के पहले ही ऑडिटोरियम पूरी तरीके से भर जाता है उसके बाद में आने वाले लोगों को खड़े होकर रंगीला देखनी पड़ रही है । कई बार तो स्थिति आती है कि आयोजकों को ऑडिटोरियम के दरवाजे बंद करने पड़ रहे हैं , और आए हुए लोगों से माफी मांगनी पड़ रही है कि हम आपको बैठने के लिए जगह नहीं दे सकते ।
रविवार को रामलीला में हुआ राम केवट संवाद
जिस प्रकार से केवट श्रीरामचन्द्र जी की आज्ञा पाकर कठौते में जल भरकर ले आया। अत्यन्त आनंद और प्रेम में उमंगकर वह ‘चरन सरोज पखारने लगा’। सब देवता फूल बरसाने लगे क्योंकि जो चरण बड़े-बड़े योगियों के ध्यान में भी नहीं आते उन्हीं चरणों को धोकर केवट ने सपरिवार उस चरणामृत का पान किया, जिससे उनके पितर भी भवसागर से पार हो गए। इसके बाद केवट ने आनंदपूर्वक प्रभु को गंगा पार करवाया | जिस पर प्रभु की कृपा दृष्टि हो जाये फिर उसके तो पूर्वजों को भी भव तरने में कोई देर नहीं लगती |” ये बात स्वामी राजेश्वरा नंद जी महाराज ने पांचवें दिवस इंद्रधनुष सभागार सेक्टर 5 पंचकूला में महिलाओं द्वारा आयोजित श्री राम लीला के मंचन के उद्घाटन के उपरान्त कही | इस अवसर पर उनके साथ राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा एवं पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर पंजाब, जस्टिस दया चौधरी,पूर्व विधायक कालका लतिका शर्मा, वरिष्ठ आई एस एस राजेश जोगपाल, जगद्गुरु कुमारस्वामी जी महाराज,स्वामी राजेश्वरा नंद जी महाराज और भारतीय जनता पार्टी के पंचकूला जिला के अध्यक्ष अजय मित्तल आदि ने भी मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया |

इस अवसर पर राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा एवं पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर पंजाब ने रामलीला के सफल आयोजन करने पर एकता नागपाल और उनकी समस्त टीम को बधाई प्रदान करते हुए कहा कि ये अपने आप में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिलाओं के सशक्तिकरण करने के अभियान को समर्पित है | आज महिलायें धरती से लेकर चाँद तक पहुँच चुकी है | जो काम पुरुष कर सकते हैं वो काम महिलाएं भी कर रही हैं | ये समानता के भाव को उजागर करता है | स्वयं भगवान् श्री राम ने भी महिलाओं को बराबरी का सम्मान दिया है |
उधर जस्टिस दया चौधरी ने बताया कि एक प्रभु श्री राम ने जब अपने पिता के दिए हुए वचनों का पालन कर ख़ुशी ख़ुशी अपना राज पाठ त्याग दिया और माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ उन्होंने वन को प्रस्थान किया | ये कोई साधारण बात नहीं है | माता पिता की आज्ञा मात्र से उनके वचनों की पालना करके दिखाई और उसके लिए जितने कष्ट सहे होंगे उनका वर्णन नहीं किया जा सकता | आज के युग में हम सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को यही सिखाना होगा और उनके जीवन स्तर को बढ़ाने और परम्परा और संस्कृति को बढ़ाने का प्रयास करना होगा |
इस मौके पर जिला के अध्यक्ष अजय मित्तल ने कहा कि भाई का यदि भाई से प्यार और लगाव देखना हो , एक दुसरे के लिए सब कुछ न्योछावर कर देने की बात हो तो फिर उसमे प्रभु श्री राम और भरत की जोड़ी के बारे में बात न की जाये तो कुछ अधूरा रहेगा | इतना घनिष्ठ प्रेम कि एक ने पहले छोटे भाई के लिए राज छोड़ा और दुसरे ने राज पाने के उपरान्त बड़े भाई के लिए राज छोड़ा | उसने प्रभु श्री राम के चरणों की पादुकाओं को राज सिहासन पर रख कर 14 वर्षों तक उनका सेवक बन कर जब तक प्रभु श्री राम बनवास काट कर वापिस नहीं आये उनके वचनों को मान कर काम काज को देखा | ये निःस्वार्थ प्रेम रस धारा का साक्षात उदहारण है | हम सभी को भी भाई श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसा ही बनना चाहिए तभी राम राज्य आएगा |
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!