हरियाली तीज : पंचकूला के होटल पल्लवी में महिलाओं ने उल्लास के साथ मनाया पारंपरिक उत्सव
100 से अधिक महिलाओं ने लिया उत्सव में हिस्सा, बच्चों ने पेश किया रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
पंचकूला
पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित होटल पल्लवी में हरियाली तीज के पर्व को पारंपरिक और सांस्कृतिक रंगों के साथ धूमधाम से मनाया गया। यह आयोजन महिलाओं के लिए न केवल एक उत्सव, बल्कि आपसी मेलजोल, सांस्कृतिक प्रदर्शन और पारंपरिक विरासत को सहेजने का अवसर भी बन गया।
इस खास कार्यक्रम का आयोजन रूपाली जैन और मितिका बसीन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पंचकूला व आसपास की लगभग 100 से 150 महिलाओं ने भाग लिया। आयोजन की खास बात यह रही कि यहां परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिला।





रंगारंग कार्यक्रमों से सजी तीज की शाम
कार्यक्रम में बच्चों ने पंजाबी गीधा जैसे पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को जीवंत बना दिया। वहीं महिलाओं के लिए विशेष गेम्स, डांस प्रतियोगिताएं और टीज क्वीन जैसे आकर्षक सेगमेंट रखे गए। पूरे आयोजन में सभी महिलाओं ने पारंपरिक पोशाकें पहनकर अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान का भाव प्रकट किया।
आयोजिकाओं ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य महिलाओं को त्योहार की परंपरा से जोड़ना और उन्हें एक दिन का ऐसा मंच देना था, जहां वे खुशी, सौंदर्य और आत्मीयता के साथ त्योहार मना सकें।
हरियाली तीज: एक सांस्कृतिक और धार्मिक पर्व
हरियाली तीज मुख्यतः सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव के पावन मिलन की स्मृति में व्रत और पूजा की जाती है।
यह त्योहार उत्तर भारत के राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
कैसे मनाया जाता है तीज का त्योहार?
- व्रत और पूजा: महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और पार्वती माता की विधिपूर्वक पूजा करती हैं।
- झूले और गीत: पेड़ों पर झूले डाले जाते हैं और सावन के लोकगीतों की गूंज हर ओर सुनाई देती है।
- श्रृंगार: तीज के दिन महिलाओं का विशेष श्रृंगार भी पर्व की पहचान है।
- सामूहिक आयोजन: समाज में सामूहिक तीज समारोह, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, मेंहदी और गीतों का आयोजन आम होता है।
तीज पर क्यों होता है विशेष श्रृंगार?
तीज पर महिलाओं का श्रृंगार विशेष महत्व रखता है। यह न सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि सुहाग के लिए मंगलकामना का भाव भी दर्शाता है। महिलाएं इस दिन:
- हरी चूड़ियां, मेंहदी, लाल या हरे परिधान
- सोलह श्रृंगार
- और पारंपरिक आभूषणों के साथ सजती हैं।
यह श्रृंगार उनके सौभाग्य और समर्पण का प्रतीक होता है।
पंचकूला के होटल पल्लवी में मनाई गई हरियाली तीज का यह आयोजन न केवल एक त्योहार का जश्न था, बल्कि हमारी संस्कृति, लोक परंपराओं और सामाजिक मेल-मिलाप का उत्सव भी था। आयोजकों की कोशिश और महिलाओं की भागीदारी ने इस पर्व को एक यादगार आयोजन में बदल दिया, जो आने वाले वर्षों में भी प्रेरणा देगा।
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