छबील पर नगर निगम का एक्शन : अतिक्रमण बताकर काटा चालान,
पंचकूला निगम कमिश्नर अपराजिता के आदेश पर हुई कार्रवाई
पंचकूला रीतेश माहेश्वरी
पंचकूला नगर निगम क्षेत्र के सेक्टर-2 में मंगलवार को एक धार्मिक सेवा कार्यक्रम के तहत पानी की छबील लगाई गई थी। यह आयोजन फायर विभाग द्वारा किया गया था, जिसमें एक छोटा टेंट, तीन टेबल और कुछ कुर्सियाँ लगाकर लोगों को ठंडा पानी वितरित किया जा रहा था। कार्यक्रम सुबह से प्रारंभ होकर शाम तक समाप्त होना था।
दोपहर करीब 2 बजे जब नगर निगम की कमिश्नर अपराजिता उक्त मार्ग से गुजरीं, तो उन्होंने इस छबील को ‘अतिक्रमण’ मानते हुए मौके पर अतिक्रमण विरोधी टीम को बुलाया। निगम की टीम ने तत्काल प्रभाव से आयोजनकर्ताओं पर चालान काटा और स्थान की सफाई करवाने के निर्देश भी दिए।
सूत्रों के अनुसार, निगम कर्मचारी इस कार्रवाई को लेकर असहज थे, क्योंकि आयोजन न केवल सामाजिक सेवा की भावना से किया गया था, बल्कि इसे हरियाणा सरकार के ही एक अन्य विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा था, जो पहले नगर निगम के साथ भी समन्वय में कार्य कर चुका है।
अगर बात नगर निगम के क्षेत्र में अतिक्रमण की की जाए तो शायद ही कोई ऐसी मार्केट हो जहां पर अतिक्रमण न हो रखा हो । और शायद कोई चौक चौराहा हो जहां पर अवैध बोर्ड ना लगे हो । बाजारों में अतिक्रमण का तो हाल यह है कि अब तो बाजारों में पक्का ( छोटी गाड़ियों में ) अतिक्रमण कर लिया गया है । पर कमिश्नर मैडम को शायद वह नजर नहीं आते नजर आए तो सिर्फ पुण्य का काम करने वाले लोग और उनका चालान कटवा दिया गया ।
इस घटनाक्रम के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। क्या धार्मिक अथवा सामाजिक कार्यों के लिए भी अब नगर निगम से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक होगा? क्या खुले स्थानों पर बिना अनुमति लगाए गए सेवा कार्य अब ‘अवैध अतिक्रमण’ की श्रेणी में आएंगे?


गौरतलब है कि इसी माह हिसार नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर ने निर्जला एकादशी से पूर्व लगाई गई छबीलों की निगरानी की थी और केवल गंदगी फैलाने वाले आयोजनों के खिलाफ कार्रवाई की थी। वहां पानी पिलाने को सेवा का कार्य मानते हुए चालान नहीं काटा गया था, बल्कि आयोजकों को स्वच्छता बनाए रखने की सख्त हिदायत दी गई थी।
कमिश्नर का पक्ष जानने की कोशिश की गई पर नहीं मिल सका उनका पक्ष
इस संबंध में जब और ज्यादा जानकारी करने के लिए संवाददाता नगर निगम दफ्तर कमिश्नर से मिलने के लिए पहुंचे तो पता चला कमिश्नर मैडम दफ्तर में नहीं है संवाददाता ने 3: 00 से लेकर 4: 15 बजे तक छबील पर काटे गए चालान को लेकर उनका भी पक्ष जानने की कोशिश की पर शाम को 4:15 बजे तक नगर निगम की तरफ से पक्ष नहीं मिल पाया था । यदि उनकी तरफ से कोई भी पक्ष जारी किया जाएगा तो वह भी इसी खबर में अपडेट कर दिया जाएगा ।
पंचकूला की यह घटना अब एक नई प्रशासनिक सोच की ओर इशारा कर रही है, जहाँ सेवा और व्यवस्था के बीच की रेखा धुंधली होती नजर आ रही है।
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