भटिंडा और चंडीगढ़ पर पाक हमले की कोशिश नाकाम, भारत ने S-400 ‘सुदर्शन चक्र’ का पहली बार किया इस्तेमाल
भारतीय वायुसेना की मुस्तैदी और आधुनिक तकनीक ने टाला बड़ा खतरा
7 और 8 मई की रात भारत ने वायु रक्षा क्षमता का ऐसा परिचय दिया, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। पाकिस्तान की ओर से भटिंडा और चंडीगढ़ को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले की कोशिश को भारत ने न सिर्फ नाकाम किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई में पहली बार S-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक प्रयोग भी किया।
पहली बार S-400 का सक्रिय उपयोग
भारतीय वायुसेना ने इस हमले के जवाब में S-400 प्रणाली को पहली बार सक्रिय उपयोग में लाया। यह प्रणाली रूस से आयात की गई है और इसकी गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम्स में होती है। यह सिस्टम एक साथ चार अलग-अलग रेंज की मिसाइलें लॉन्च कर सकता है — 40, 100, 200 और 400 किलोमीटर तक। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 100 से लेकर 40,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट्स को तत्काल ट्रैक और नष्ट कर सकता है।
S-400 का अत्याधुनिक रडार सिस्टम 600 किलोमीटर की रेंज में लगभग 300 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक करने की क्षमता रखता है। इसकी यह ताकत ही भारतीय वायुसीमा की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभा रही है।
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर भारत का जवाबी हमला
पाकिस्तानी हमले को नाकाम करने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई में Harop Long Range Loitering Munition (Agnikaa) का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण हवाई और रक्षा ठिकानों पर निशाना साधा। इस SEAD (Suppression of Enemy Air Defenses) ऑपरेशन में निम्नलिखित स्थानों पर हमले किए गए:
- लाहौर
- रावलपिंडी
- अटक
- चकवाल
- शेखूपुरा
- घटोकी
- उमरकोट
- अस्तोर
- कराची
- गुजरांवाला
- मियानो
- धारकाई
- गुजरात
- बहावलपुर
इन ठिकानों पर निशाना साधकर भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह न सिर्फ अपने नागरिकों की सुरक्षा में पूरी तरह सक्षम है, बल्कि हमलावरों को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भी तैयार है।
भारत का शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम
भारत के पास S-400 के अतिरिक्त आकाश मिसाइल सिस्टम, बराक-8, और उन्नत रडार सिस्टम जैसी अनेक अत्याधुनिक तकनीकों से लैस एयर डिफेंस शील्ड है। ये सभी प्रणालियाँ मिलकर भारत को एक मजबूत वायु सुरक्षा कवच प्रदान करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भारत की यह तकनीकी बढ़त दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को और मजबूती देगी।
07-08 मई 2025 की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। इन हमलों को एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा बेअसर कर दिया गया। इन हमलों के मलबे अब कई स्थानों से बरामद किए जा रहे हैं जो पाकिस्तानी हमलों की पुष्टि करते हैं।
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करके नियंत्रण रेखा के पार अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित सोलह निर्दोष लोगों की जान चली गई है। यहां भी, भारत को पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और आर्टिलरी की गोलीबारी को रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा: रक्षा मंत्रालय
आज सुबह, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई स्थानों पर वायु रक्षा रडार और प्रणालियों को निशाना बनाया। भारतीय प्रतिक्रिया भी पाकिस्तान की तरह ही तीव्रता से रही है। विश्वसनीय जानकारी के अनुसार लाहौर स्थित वायु रक्षा प्रणाली को निष्प्रभावी कर दिया गया है।
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा के पार अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है:रक्षा मंत्रालय
भारतीय वायुसेना की एस-400 सुदर्शन चक्र वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को कल रात भारत की ओर बढ़ रहे लक्ष्यों पर दागा गया। कई डोमेन विशेषज्ञों ने एएनआई को बताया कि अभियान में लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। आधिकारिक सरकारी पुष्टि का इंतजार है।
गुरदासपुर में आज से रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक अनिवार्य ब्लैकआउट, आतिशबाजी पर भी प्रतिबंध
सीमा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन गुरदासपुर ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। अब जिले में रात 9:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट अनिवार्य रहेगा। यह निर्देश 8 मई से लागू हो गए हैं और अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे।
प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस दौरान किसी भी प्रकार की रोशनी, विशेषकर घरों की बाहरी लाइटें और सार्वजनिक स्थानों की रोशनी, बंद रखनी होगी। इसके अतिरिक्त, विवाह समारोहों या किसी भी सामाजिक आयोजन में आतिशबाजी पर भी सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
सुरक्षा कारणों से लिया गया निर्णय
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय भारत-पाक सीमा से सटे क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। हालिया सैन्य घटनाक्रम और सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्र में निगरानी रखेंगे ताकि आदेशों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जा सके।
जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सहयोग करें और निर्धारित समय में पूर्ण अंधकार बनाए रखें।
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