पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री ने भारत की सुरक्षा एजेंसी रॉ पर लगाए आरोप
पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान (Balochistan) में रहने वाले लोग सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । उनका आरोप है कि पाकिस्तानी सेना बलूच लोगों का जबरन अपहरण कर रही है । इसलिए पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हजारों की तादाद में बलूच रैली निकाल रहे हैं । इसी बीच पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर ने सोमवार (1 जनवरी) को कहा कि बलूचिस्तान में बलूच परिवारों के मुद्दे को नकारात्मक और वास्तविकताओं के बिल्कुल विपरीत पेश किया जा रहा है ।
ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर में मीडिया के विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बलूचिस्तान के लोगों की हत्या में आतंकवादी और सशस्त्र आतंकवादी शामिल थे । वे डॉक्टरों, वकीलों और शिक्षकों को मार रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बलूचों के परिवारों के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और ये आतंकवादी भारत के खुफिया एजेंसी रॉ से फंडिंग ले रहे हैं ।
पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई
पाकिस्तानी पीएम ने कार्यक्रम के दौरान मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया का आरोप है कि सरकार बलूच परिवारों के साथ नहीं लड़ रही है । उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि कि भ्रम फैलाने और बिना जानकारी की चीजों को एक साथ मिलाने की कोशिश की गईं । उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य गलत ताकतों से पूरी ताकत से लड़ेगा, क्योंकि उन्हें बलूच लोगों को मारने का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता । उन्होंने देश में हुए आतंकी हमले की वजह से मारे गए लोगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में लगभग 90,000 लोग मारे गए थे लेकिन अब तक मुश्किल से नौ आरोपियों को दोषी ठहराया गया है ।
JUI-F चीफ के काफिले पर हुए हमले का जिक्र
काकर ने JUI-F के मौलाना फजलुर रहमान अमीर के वाहनों पर दीखान में हुए गोलीबारी की घटना के संबंध में जवाब देते हुए कहा कि ये चिंताजनक है, उन्होंने कहा कि सरकार खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिणी हिस्सों में सुरक्षा खतरों का जवाब सभी उपलब्ध साधनों के साथ दे रही है । कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने कहा कि आम चुनाव को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि निश्चित तारीख पर ही शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी ।
भारत नई भी दिया मुहतोड़ जवाब
पाकिस्तान मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “… पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवाद का इस्तेमाल भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है। ऐसा नहीं है कि हम अपने पड़ोसी के साथ बातचीत नहीं करेंगे, परन्तु हम उन शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं करेंगे जो उन्होंने (पाकिस्तान) रखी हैं, जिसमें बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद की प्रथा को वैध और प्रभावी माना जाता है…”
चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है…मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है…हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा…”
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