तुर्किये और अज़रबैजान को भारत से टकराना पड़ा महंगा, शुरू हुआ पर्यटन बहिष्कार अभियान
हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान तुर्किये और अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देना अब इन दोनों देशों को भारी पड़ सकता है। भारत में इन देशों के खिलाफ व्यापक असंतोष फैल रहा है, जिसका सीधा असर उनके पर्यटन और सांस्कृतिक आयोजनों पर देखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, तुर्किये ने पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य उपकरण उपलब्ध कराए, जबकि अज़रबैजान ने भारत के खिलाफ पाकिस्तानी कार्रवाई का खुला समर्थन किया। तुर्किये ने कराची पोर्ट पर अपना युद्धपोत भी तैनात किया, जिसे “सामान्य सैन्य अभ्यास” बताया गया। भारत ने इन गतिविधियों को स्पष्ट रूप से उकसावे की कार्रवाई माना।
भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव 7 मई को भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर की गई कार्रवाई के बाद और बढ़ गया। इसके बाद सीमा पर हुई गोलीबारी में भारत ने प्रभावशाली जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी एयरबस को निशाना बनाया, जबकि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम हर हमले को निष्क्रिय करने में सफल रहा।
पर्यटन क्षेत्र में दिखने लगा असर
तुर्किये और अज़रबैजान की भारत-विरोधी गतिविधियों के चलते अब भारतीय पर्यटकों ने इन देशों की यात्रा से दूरी बनानी शुरू कर दी है। पर्यटन एजेंसियों ने इन दोनों देशों की यात्राओं को रद्द करने पर पूरा रिफंड देने की घोषणा की है। इसके अलावा, कई नामचीन कलाकारों ने भी तुर्किये और अज़रबैजान में होने वाले अपने कॉन्सर्ट को रद्द कर दिया है।
2024 के आंकड़ों के अनुसार, तुर्किये में लगभग 3.9 लाख भारतीय पर्यटक गए थे, जिन्होंने प्रति व्यक्ति औसतन 1,000 अमेरिकी डॉलर खर्च किए। वहीं, अज़रबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 2.5 लाख से अधिक रही। इन आंकड़ों से साफ है कि इन दोनों देशों को भारत से भारी विदेशी मुद्रा प्राप्त होती रही है।
मालदीव से सबक लेना जरूरी
मालदीव का उदाहरण सबके सामने है, जब वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू द्वारा ‘इंडिया आउट’ अभियान चलाया गया था। इसके विरोध में भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार किया और पर्यटन पर उसकी निर्भरता को भारी झटका लगा। अब तुर्किये और अज़रबैजान के लिए भी हालात कुछ ऐसे ही बनते दिख रहे हैं।
भारत सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन जनभावनाओं का असर तेजी से सामने आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तुर्किये और अज़रबैजान ने अपनी नीति में बदलाव नहीं किया, तो इनका हाल भी मालदीव जैसा ही हो सकता है।
#operationsindoor #indiapakistanwar #turky #azarbaizan
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!