पाक को भारत से हारना ही है – रणभूमि हो या क्रिकेट का मैदान !
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही कटुता और टकराव से भरे रहे हैं। चाहे सीमा पर युद्ध का मैदान हो या खेल का मैदान, पाकिस्तान ने हमेशा भारत को चुनौती देने की कोशिश की है। लेकिन इतिहास गवाह है कि हर बार भारत ने उसे करारा जवाब दिया है और हर मोर्चे पर मात दी है।
1971 का युद्ध: पाकिस्तान का विभाजन
साल 1971 का भारत-पाक युद्ध पाकिस्तान के इतिहास का सबसे काला अध्याय माना जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को निर्णायक पराजय दी थी और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। उस समय पाकिस्तान को न केवल हार का सामना करना पड़ा, बल्कि उसके दो टुकड़े हो गए।
कारगिल युद्ध: भारत की वीरता का प्रमाण
1999 का कारगिल युद्ध पाकिस्तान की गुप्त घुसपैठ और कायराना हरकत का परिणाम था। लेकिन भारतीय सैनिकों ने दुर्गम चोटियों पर अपनी जान की बाजी लगाकर पाकिस्तान को धूल चटा दी। कारगिल की जीत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत की सरहदें सुरक्षित हैं और दुश्मन को हर कीमत पर जवाब दिया जाएगा।
आतंकवाद पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक
पिछले एक दशक में पाकिस्तान ने आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की। लेकिन उरी हमले और पुलवामा हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया कि अब भारत चुप बैठने वाला नहीं है।
हालिया पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकियों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस कार्रवाई ने एक बार फिर पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब किया। भारत के प्रधानमंत्री ने एशिया कप में पाकिस्तान पर मिली जीत को भी इसी ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “ऑपरेशन सिंदूर आज भी जारी है, चाहे वह खेल का मैदान ही क्यों न हो।”
एशिया कप में भारत की जीत – खेल के मैदान में पाकिस्तान की हार
क्रिकेट को भारत-पाक मुकाबले में युद्ध से कम नहीं माना जाता। करोड़ों दर्शकों की निगाहें इस मुकाबले पर टिकी रहती हैं। हाल ही में एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर न केवल खिताब जीता बल्कि यह साबित कर दिया कि खेल के मैदान में भी पाकिस्तान को भारत से जीतना लगभग नामुमकिन है।
भारत और पाकिस्तान का टकराव दशकों पुराना है। पाकिस्तान चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, भारत के सामने उसकी हर चाल असफल साबित होती है। रणभूमि हो, आतंकवाद का मोर्चा हो या क्रिकेट का मैदान—हर जगह पाकिस्तान को शिकस्त मिली है और आगे भी मिलती रहेगी। भारत ने बार-बार यह दिखाया है कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर सकता है बल्कि खेल और कूटनीति के मैदान में भी अपना दबदबा कायम रखता है।
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