नायकी के स्पोर्ट्सवेयर पर उठे सवाल, पुरुषों से अधिक महिलाओं के कपड़े सेक्सी ?
महिलाओं के कपड़े सेक्सी तो पुरुषो के आरामदायक ?
नाइकी ने हाल ही में लॉन्च किया ओलंपिक के खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्सवेयर, पर लोगों ने इस बात पर जताया विरोध। महिलाओं का कहना है कि पुरुषों के लिए आरामदायक कपड़े लेकिन लड़कियों के लिए सेक्सी कपड़े क्यों?
प्रेरणा ढिंगरा
आपको बता दे की हाल ही में नाइकी ने स्पोर्ट्सवेयर लॉन्च किया है। इस साल जुलाई में पेरिस मे ओलंपिक के खेल होने वाले हैं और इसी के चलते नाइकी ने नए कपड़े निकले हैं, लेकिन कपड़ों के चलते महिलाएं एतराज जाता रही है। सोशल मीडिया पर नाइकी के कपड़ों को लेकर जमकर विवाद छिड़ा हुआ है।
जानिए इन कपड़ो पर महिलाओं का क्या कहना है
कपड़े एक इंसान की सुंदरता दिखाते हैं। इंसान को समाज में एक दर्जा भी दिलवाते हैं। अगर एक व्यक्ति अच्छे कपड़े पहन कर बाहर जाता है तो लोग भी उसे देखा करते हैं। मनुष्य शरीर को ढकने के लिए कपड़ों का इस्तेमाल करता है। कहा जाता है कि एक इंसान की इज्जत को बनाने मे कपड़ो का भी योगदान होता है । और लोगों में उसे इज्जत भी कपड़ा ही दिलवाता है। लेकिन नायकी के कपड़ों पर महिलाओं ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि स्विमिंग करने के लिए जो कॉस्ट्यूम नायकी ने तैयार किए हैं उनमें उनका बदन ज्यादा दिखाई दे रहा है ना कि उनका खेल। लोगों की नजर उनके खेल के वक्त शरीर पर ज्यादा होगी और पूरे समय वह अपने शरीर को ढकने में ही लगा देंगी। इन्हीं सब बातों के चलते महिलाओं में नायकी के कपड़ों को लेकर नाराजगी चल रही है। अगर हम उन कपड़ों को ठीक ढंग से देखे तो ऐसा लगता है कि पुरुषों के कपड़े खेल को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं जबकि महिलाओं के कपड़े उन्हें सेक्सी दिखाने के लिए बनाए गए हो।
ऐसे कपड़ों का विरोध पहली बार नहीं किया गया है। 2021 के टूर्नामेंट में महिलाएं पुरुषों की तरह टाइट शॉर्ट पहन के चली गई थी। विरोध के बाद नियम को बदला गया और महिलाओं को भी टाइट शॉट्स पहनकर स्विमिंग करने की इजाजत दे दी गई। इससे पहले महिलाएं बिकिनी पहनकर स्विमिंग की प्रतियोगिता में भाग लेती थी। लेकिन अब भी कपड़ों को लेकर बहस। वापस शुरू हो चुकी है। बात सिर्फ स्विमिंग कॉस्ट्यूम कि नहीं बल्कि नायकी के सारे स्पोर्ट्सवेयर की है। उन्होंने पोशाक कुछ इस तरीके से बनाए हैं कि लड़कियों का अंग प्रदर्शन ज्यादा हो।
आजकल की दुनिया में हम सब वैसे भी देख ही रहे हैं की बड़े-बड़े ब्रांड औरतों , महिलाओं और लड़कियों के कपड़े इस तरीके से बनते है कि उनका शरीर ज्यादा दिखाई दे। स्टाइल के नाम पर ना जाने कहां-कहां से कपड़े काट दिए जाते है ताकि उन्हें और छोटा बनाया जा सके। कभी किसी महिला का पीछे का हिस्सा दिखता है तो कभी टांगें दिखाई दे जाती है। लेकिन अगर बात पुरुष और लड़कों के कपड़ों पर आए तब कंफर्ट को सबसे ऊपर रखा जाता है। आज के समय मैं भी ब्रांड्स की इस तरीके की सोच समाज को किस दिशा में ले जाता है? अब एक सवाल यह भी आता है कि ब्रांड ऐसे कपड़े बनाते क्यों है?
हम देखत ही सकते हैं कि छोटे कपड़े मार्केट के अंदर एक ट्रेड का रूप ले चुके हैं। बड़ी कंपनियां ऐसे कपड़े बनाती है क्योंकि ऐसे कपड़े मार्केट में बिकते भी हैं। लोग इन कपड़ो को खरीदना पसंद करते हैं तभी इन कंपनियों का विकास होता है। इसका मतलब क्या यह है कि समाज में लड़कियों का छोटे कपड़े पहनना एक स्टाइल यानी फैशन का रूप ले चुका है? क्या महिलाएं भी इन कपड़ो को पसंद करती हैं? अपनी सुंदरता दिखाने के लिए आधे वस्त्र पहनना और शरीर का प्रदर्शन करना किस हद तक सही है? यह जो मसला हुआ अभी इन सभी सवालों को खड़ा करता है, पर जाहिर सी बात है अगर एक महिला स्पोर्ट्स खेलती है तो उसकी कपड़ों में पहली पसंद कंफर्ट को देखकर होगी, ताकि वह अपने खेल पर ज्यादा ध्यान दे सके ना की कपड़ों पर।
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