शिक्षा मंत्री ने माना एग्जाम में हुई है गड़बड़ी, नीट एग्जाम को लेकर उठे कई सारे सवाल
प्रेरणा ढिंगरा : नीट एग्जाम पर उठे सवालों के बाद शिक्षा मंत्री ने तोड़ी अपनी चुप्पी। उनका कहना है कि बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होगा। एग्जाम्स में हुई गड़बड़ी का मामला आग की तरह फैल रहा है।
आपको बता दे की नीट एग्जाम को भी एक स्कैम की तरह लिया जा रहा है। रिजल्ट के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर नीट एग्जाम रिजल्ट को लेकर लोगों ने सवाल उठने शुरू कर दिए थे। 4 जून 2024 के दिन जहां देशभर में लोकसभा चुनाव का परिणाम आया था वहीं दूसरी तरफ NTA ने नीट यूजी 2024 रिजल्ट जारी कर सबको चौंका दिया था। सब लोगों की आंखें तो लोकसभा चुनाव के रिजल्ट पर टिकी हुई थी पर कई बच्चों को अपने परीक्षा के रिजल्ट का भी इंतजार था। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 16 जून को एनटीए को निशाने पर लिया है।
जानिए धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि “NEET के संबंध में 2 प्रकार की अव्यवस्था का विषय सामने आया है। प्रारंभिक जानकारी थी कि कुछ छात्रों को कम समय मिलने के कारण उनको ग्रेस नंबर दिए गए । दूसरा 2 जगहों पर कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। मैं छात्रो और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि इसे भी सरकार ने गंभीरता के साथ लिया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि नीट मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि “हमें जानकारी मिली है, हम सारे विषयों को एक निर्णायक स्थिति तक ले जाएंगे। उसमें जो भी बड़े अधिकारी होंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। NTA में बहुत सुधार की आवश्यकता है। सरकार इस पर चिंता कर रही है, किसी गुनहगार को छोड़ा नहीं जाएगा उनको कठोर से कठोर दंड मिलेगा।”
आखिर पूरा मामला क्या है?
दरअसल, इस बार 24,060,79 स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिनमें से 23,332,97 ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम दिया और 13,16,268 स्टूडेंट्स ने उसमें सफलता हासिल करी। हैरान करने वाली बात तो यह है कि 67 स्टूडेंट्स को 99.997129 परसेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक 1 मिला है। जिसको लेकर कई सारे बच्चे हल्ला कर रहे हैं। बच्चों का कहना है कि इस बार का नीट यूजी 2024 की परीक्षा और रिजल्ट फ्रॉड है। इस एग्जाम को वापस आयोजित करने की मांग रखी जा रही है। यहां तक की जो दो बच्चे दूसरी और तीसरी रैंक में आते हैं, उनमें से एक बच्चे को 719 और दूसरे बच्चे को 718 अंक मिले हैं। ऐसा होना संभव नहीं है क्योंकि नीट जैसे एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग की जाती है। अगर कोई बच्चा एक प्रश्न को छोड़ता भी है तब भी उसके मार्क्स 716 आयेंगे।
अब सवाल यह है कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि एग्जाम में किसी तरीके की गड़बड़ी हुई है। तो क्या यह मान लिया जाए की बच्चों का भविष्य फिलहाल सुरक्षित नहीं है? हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मुद्दे पर अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी गई है, इसके पीछे का कारण क्या हो सकता है? ऐसे कई सारे सवाल जनता के मन में और राजनीतिक गलियों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर छात्रों की और जनता की निगाहें टिकी हुई है।
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