नई शुरू की गई ईएलआई योजना पर क.भ.नि.सं., आंचलिक कार्यालय (पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश अंचल) द्वारा प्रैस वार्ता का आयोजन
देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करेगी नई ईएलआई योजना
नई ईएलआई योजना का कुल परिव्यय ₹99,446 करोड़
चंडीगढ़: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), आंचलिक कार्यालय (पंजाब और हिमाचल प्रदेश अंचल), चंडीगढ़ द्वारा आज हाल ही में शुरू की गई रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना, जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया है, के बारे में जानकारी देने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
ईएलआई योजना का कुल परिव्यय ₹99,446 करोड़ है और इसका लक्ष्य दो वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहित करना है।
इस कार्यक्रम को श्री राजीव बिष्ट, अपर केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त (पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश अंचल), तथा श्री अमित सिंगला एवं श्री रितेश सैनी, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा संबोधित किया गया।
ईएलआई योजना के उद्देश्य और संरचना
श्री राजीव बिष्ट ने अपने संबोधन में बताया कि यह योजना रोजगार सृजन को बढ़ावा देने, रोजगार क्षमता में सुधार करने और सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने हेतु एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह योजना विशेष रूप से कार्यबल में नए प्रवेशकों और अतिरिक्त रोजगार सृजित करने वाले नियोक्ताओं को समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
योजना के दो भाग
भाग A – पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए:
• योजना का लाभ 01 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा।
• एक महीने के वेतन के बराबर वित्तीय प्रोत्साहन (अधिकतम ₹15,000/-)।
• ₹1,00,000/- तक वेतन पाने वाले कर्मचारी पात्र होंगे।
• पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद देय होगी।
• दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा के बाद देय होगी।
• महत्वपूर्ण शर्त: कर्मचारी ने वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा किया हो।
• अनुमानित लाभार्थी: लगभग 1.92 करोड़ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारी।
भाग B – नियोक्ताओं को सहायता के लिए:
• सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगा, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर बल।
• सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए नियोक्ताओं को ₹3,000/- प्रति माह तक दो वर्षों तक प्रोत्साहन देगी।
• विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत संस्थानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या कम से कम पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।
भुगतान प्रणाली:
• भाग A के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
• भाग B के अंतर्गत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे पैन-लिंक्ड बैंक खातों में किया जाएगा ताकि पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।
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